अधूरे निर्माण कार्य को पूरा होने तरसता प्रगति मैदान प्रोजेक्ट – शासन की दो बड़ी निर्माण एजेंसियों को कार्य आवंटित होने बाद भी राज्य सरकार की बेरुखी से अधूरी पड़ी है विकास परियोजनाएं-अमर अग्रवाल
बिलासपुर-पूर्व मंत्री अमर अग्रवाल ने प्रेस विज्ञप्ति जारी कर बताया कि साइंस कॉलेज मैदान बिलासपुर में विगत चार वर्षों से निर्माणाधीन सार्वजनिक सभा स्थल एवं ऑडिटोरियम कार्य हेतु दो -दो निर्माण एजेंसियों को आबंटन होने के बावजूद आधा अधूरा है और समयसीमा के दो वर्षों के बाद भी सुविधाएं बहाल नही होना जनहित के साथ खिलवाड़ है। अमर अग्रवाल का मानना है।
कि आधुनिक शहरी जीवन यापन शैली के नित नए आयाम के बीच बढ़ती आबादी और कम होती जमीने शहर के व्यवस्थित विकास के लिए सबसे बड़ी चुनौती है। सुव्यवस्थित शहरी नियोजन के दृष्टिकोण से शहर के लोगों को सभा सम्मेलन,खेलकूद एवं सामाजिक, सांस्कृतिक आयोजन, राजनीतिक कार्यक्रमों के प्रभावी संचालन हेतु सीपत रोड साइंस कॉलेज मैदान में 25 एकड़ के मैदान में दिल्ली के प्रगति विहार की तर्ज पर ऑडिटोरियम सहित हेलीपेड,सुव्यवस्थित पार्किंग और मनोरंजन के सुविधा केंद्रों के साथ विकसित किये जाने की योजना को उनके द्वारा ही प्रदेश के नगरीय प्रशासन मंत्री रहते हुए शुरू कराया गया, जिसके पीछे मूल मंशा थी कि शहर के अंदर होने वाले कार्यक्रमों के कारण जाम से निजात मिले।शहर की पुरानी बसाहट को देखते हुए बड़े कार्यक्रमों के आयोजन के कारण होने वाली भीड़भाड़ से पृथक सुविधाजनक आयोजन केंद्र हो,शहरवासियों जरूरत के मुताबिक शहर के निकटस्थ बड़े कार्यक्रमों के आयोजन के लिए मल्टी सुविधा वाला केंद्र विकसित हो जाए जिसका लाभ रहवासियों को मिल सके। इस हेतु साइंस कॉलेज के मैदान में प्रस्तावित सभास्थल के लिए नगर निगम द्वारा अधोसरंचना मद से केंद्रीय मंच, बाउंड्रीवाल, मेन रोड से डामरीकरण वाली सड़क आदि का निर्माण कराया गया। प्रोजेक्ट को विस्तार करते हुए बड़े आयोजनों व समारोह के लिए शहर के साइंस कॉलेज मैदान को प्रगति मैदान की तर्ज पर विकसित करने हेतु राज्य सरकार द्वारा प्रस्ताव पारित किया गया। राज्य सरकार द्वारा 22 एकड़ के इस मैदान को संवारने के लिए 10 करोड़ रुपए खर्च का प्रावधान किया गया। नगर निगम को निर्माण एजेंसी बनाया गया, निगम प्रशासन द्वारा जारी कवायद अंतर्गत मैदान समतलीकरण के साथ, परिसर में प्रशासनिक भवन, हेलीपेड और वाहन पार्किंग समेत सारी सुविधाएं जुटाई जानी है।
सभास्थल और मैदान-
परिसर में 8 एकड़ के इनर रिंग में बडी सभाओ और चारो ओर मैदान को विकसित करने का कार्य धमतरी के मैसर्स अशोक खंडेलवाल कंस्ट्रक्शन कंपनी को दिया गया । इस काम को पूरा करने के लिए कंपनी को एक साल की मोहलत मिली।
परिसर में प्रवेश गेट के दाई तरफ मेगा पार्किंग स्थल का निर्माण कराया कराया गया है।दूसरे छोर पर हैलीपेड,बायीं ओर वृहद सभागृह,अलग अलग खेलो के लिये कोर्ट और एरिना बनाये जा रहे है।
सर्व सुविधा युक्त मैदान-साइंस कॉलेज मैदान में
लागत- ₹10 करोड़ 28 लाख
क्षमता- 50,000 दर्शक
कुल एरिया – 25 एकड़
केंद्रीय मैदान – 8एकड़
इनर रिंग- जॉगिंग/ वाकिंग पाथवे
आउटर रिंग- चौड़ी चौड़ी सड़कें एलईडी एवं सोलर लाइट के साथ।
पार्किंग – प्रवेश द्वार से दाई ओर
-400 कारे एव दुपहिया वाहन 2000 पार्किंग क्षमता।
-परिसर में 12मी,7.5 मी.7 मी चौड़ी सड़के।
-प्रवेश गेट के दुसरीं तरफ हैलीपेड/ वीआईपी पाथ वे/कबड्डी/ बास्केटबॉल/ बालीबाल का मैदान/ सोलर सह विद्युत लाइन की व्यवस्था
-स्टेटस- अधूरा ,रखरखाव के अभाव से मेंटेनेंस खर्च बढ़ रहा है, सतही कार्य।
हेलीपेड और वीआईपी ट्रैक भी होगा: किसी सभा समारोह के दौरान वीआईपी को आवागमन में दिक्कत न हो इसका भी पूरा ख्याल रखा गया है। इसी के मद्देनजर परिसर में ही दूसरे छोर पर हेलीेपेड और वीआईपी ट्रैक के निर्माण कराया गया है।
श्री अग्रवाल ने बताया कि कालांतर में राज्य सरकार ने साइंस कॉलेज परिसर में 750 सीटाें की क्षमता के शहर का सबसे बड़ा साउंडप्रूफ ऑडिटोरियम को स्वीकृति दी गई। सीटों की क्षमता के लिहाज से यह संभाग का सबसे बड़ा ऑडिटोरियम होगा। इसका जिम्मा लोक निर्माण विभाग को दिया गया है। साइंस कॉलेज मैदान परिसर में गेस्ट हाउस, प्रशासनिक भवन, आरसीसी नाले-नालियां, वाटर सप्लाई लाइन, सीवर लाइन, टायलेट ब्लाक, वाकिंग ट्रैक, बास्केटबाल और व्हालीबॉल ग्राउंड, प्रवेश द्वार, कबड्डी कोर्ट का निर्माण कराया प्रस्तावित है। कॉलेज के मैदान में निर्माणाधीन इस ऑडिटोरियम के बनने के बाद इसका उपयोग प्रदर्शनी, सभा व समारोहों के लिए किया जा सकेगा।
आडिटोरियम निर्माण- सर्वसुविधा युक्त बिजली कार्य सहित
एजेंसी – पीडब्ल्यूडी
अवधि- 15 माह
कार्यादेश -2017-18
ठेका-विकास कंस्ट्रक्शन सरजू बगीचा बिलासपुर
प्राकल्लन -11.46 करोड़
तकनीकी व प्रशा स्वीकृति- 13.44 करोड़
स्थिति – अधुरा, ग्राउंड लेवल पर ढांचा खड़ा करने का कार्य,70 % कार्य शेष।
लोक निर्माण विभाग इकाई क्रमांक दो के द्वारा
ऑडिटोरियम निर्माण का कार्य 15 माह में पूरा करने हेतु दो हजार सत्रह अट्ठारह में विकास कंस्ट्रक्शन कंपनी को प्राइवेट लिमिटेड वर्क आर्डर जारी किया गया। अनुमानित व्यय 11.46 करोड़ के विरुद्ध 13. 43 करोड़ रुपए की प्रशासनिक एवं तकनीकी स्वीकृति दी गई। इस कार्य को 2019 तक पूरा होना था बावजूद इसके आज अगस्त 2021 में सिविल वर्क मात्र 30% -40 % हो पाया है।ऑडिटोरियम निर्माण के लिए ग्राऊंड लेवल सरचना का ढांचा चार सालो में खड़ा हो सका है।
श्री अग्रवाल ने कहा अधोसंरचना विकास के लिए शासन की दो बड़ी एजेंसी पीडब्ल्यूडी और नगर निगम को अलग-अलग कार्य आवंटित किया गया ताकि कार्य शीघ्रता से संपन्न हो कितुं दोनों विभागों की सुस्त चाल और समन्वय के अभाव से बिलासपुर की जनता के लिए बड़े कार्यक्रमों के आयोजन हेतु साइंस कॉलेज मैदान में प्रगति विहार की सेवा पूर्ण होने की बजाय दिनोंदिन अवनति की ओर है। रखरखाव के अभाव में मैदानी इलाके में मुख्य मंच की स्थिति पुराने निर्माण कार्य की जैसी दिख रही है। मैदान में चार चार फीट की खरपतवार और घासे उग आई हैं।समतलीकरण के कार्य को बेहद सतही तौर पर निपटाया गया है।सीएमपीडी- आई कॉलोनी की ओर लगभग 4000 स्क्वायर फीट पर चार हेलीपैड बना दिए हैं, हैंडओवर नहीं होने से इनका इस्तेमाल योग स्थल, बॉक्सिंग रिंग,कराटे प्रशिक्षण में हो रहा है। इसके चारों ओर 6 से 8 फ़ीट की कांटेदार झाड़ियां, लंबी लंबी घासे, खरपतवार उगी हुई है।परिसर के दूसरी ओर मेगा पार्किंग को बच्चो ने खेल मैदान बना लिया है। केंद्रीय मैदान के चारो ओर आउटर रिंग में 30- 30 फ़ीट की चौड़ी सड़को में बिना लोकार्पण के सैकड़ो लोगो ने वाकिंग जॉगिंग शुरू कर दिया है। अधूरे निर्माण कार्य के साथ रखरखाव और सुरक्षात्मक इंतजाम के अभाव में क्षेत्र के लोगों को बहु प्रतिक्षित सौगात नही मिल पा रही है,उल्टे निर्माणाधीन परिसर के खुले उपयोग से मेंटेनेंस की समस्या उत्पन्न हो रही है।देर शाम के बाद परिसर में अवांछित तत्वों का डेरा भी लगे रहता हैं। प्रवेश गेट के बाएं छोर पर वॉलीबॉल, कबड्डी बास्केटबॉल के मैदान अधूरे है। परिसर में चारों तरफ सघन वृक्षारोपण की नितांत आवश्यकता है,जिसमे छाया प्रदान करने वाले, जल्दी बढ़ने वाले, फ्लावरिंग और शो प्लांट्स लगाया जाना चाहिए ताकि उस वृहद परिसर में स्वच्छ प्राणवायु के साथ हरियाली का वातावरण भी दिखाई दे। श्री अग्रवाल का कहना है वास्तव में जिस प्रतिबद्धता के साथ बिलासपुर के समग्र विकास का कार्य आरंभ किया गया था, कांग्रेस की सरकार और स्थानीय इकाई ने हमेशा विकास कार्यो में बाधा डालने की कोशिश की है। तथापि कतिपय कार्य जो शेष रह गए उन कार्यों को पूरा किए बिना पूर्ण विकसित बिलासपुर की कल्पना नहीं की जा सकती। उन्होंने कहा नगर से महानगर की ओर बढ़ते शहर के स्वरूप को रहवासियों ने देखा लेकिन उसे हकीकत में बदलना और सुशासन के मायनों में समग्र विकास की तस्वीर को वास्तविक आकार देने में कांग्रेस की सरकार पिछड़ गई है, दूरगामी सोच के अभाव के कारण जनता को मिलने वाली सुविधाएं नहीं मिल पा रही है।कभी चुनाव और कभी कोरोना या अन्य बातों के चलते अधिकतर विकास परियोजनाएं एवं कार्य तय वक्त से पिछड़ते जा रहे है। साइंस कालेज मैदान से मौके की तस्वीर बताती है आज भी कार्य पूर्ण होने काफी समय लगेगा। श्री अग्रवाल ने कहा किसी भी जनप्रतिनिधि की तरह शहर के विकास के लिए तात्कालिक और दीर्घकालिक लक्ष्य तय किए गए जिससे शहर की सामाजिक आर्थिक प्रगति हो, व्यवस्थित नगर नियोजन के साथ औद्योगिकरण, स्वस्थ परिवेश के साथ अन्य सुविधाएं लोगों को मिल सके ।स्मार्ट सिटी बनाने और स्वच्छता के लिए सफल प्रयास हुए, हम कई शहरों के मुकाबले बेहतर हैं लेकिन राज्य सरकार और स्थानीय एजेंसियों की अरुचि से पूर्व के शेष कार्य भी लगातार पिछड़ते जा रहे हैं। उन्होंने कहा दलगत राजनीति से परे हटकर नागरिक सुविधाओं की सतत बहाली के लिए प्रयास होने एवं अधूरे कार्यों को शीघ्र पूरा करके लोगों को बहुप्रतीक्षित सौगाते मिलनी चाहियें।