बहनो ने लिया है राखी पर संकल्प रक्षा का,बस्तर के जवानो ने दिया वचन सुरक्षा का
22 अगस्त रक्षाबंधन पर्व पर उज्जैन से आकर संगिनी समूह और सेवा भारती ने बस्तर संभाग के अलग अलग बटालियन और जवानो के कैंपो में जाकर जवानो को राखी बाॕधकर उनकी आरती उतारी।
सबसे पहले भानुप्रतापपुर में BSF के 81 वीं बटालियन कमांडेंट श्री समलेश यादव, अंतागढ़ के सहस्त्र सीमा बल (SSB) 28 वीं वाहिनी कमांडेंट डॉ. ए. के. सिन्हा , ITBP नारायणपुर और CRPF की बटालियन 88वी वाहिनी कोण्डागाॕव के कमांडेंट जसविंदर सिंह व उनकी टीम के साथ राखी पर्व पर सुश्री ममता सांगते, संगिनी समूह, उज्जैन और डॉ. मनीष राय, राष्ट्रीय संगठन महामंत्री, दुर्घटनामुक्त भारत व माधव नेत्रालय नागपूर के सहयोग के साथ मनाया गया।
साथ मे अखिल भारतीय वनवासी कल्याण आश्रम के श्री अनिल पाटिल भी उपस्थित थे। नक्सली इलाके में यह पहला मौका था जब बहने खुद देश के सेना के जवानो के पास राखी बांधने उनके कैंपो तक गई। जवानो के आंखो से आंसू तक आ गये। बीएसएफ, सीआरपीएफ, आईटीबीपी और एस एस बी बटालियन के जवानो के चेहरे की मुस्कान और आंसू इस पवित्र पल की गवाही दे रहे थे।
कांकेर जिले के पुलिस अधीक्षक श्री शलभ सिन्हा, कोण्डागांव के श्री सिद्धार्थ तिवारी, नारायणपुर के अति. पुलिस अधीक्षक श्री नीरज चंद्राकर और रामकृष्ण मिशन आश्रम के स्वामी व्याप्तानंद जी महाराज का सानिध्य और सहयोग पूरे अभियान में मिला।संगिनी समूह पिछले 12 वर्षो से रक्षाबंधन पर किसी न किसी बार्डर पर जाकर देश के सैनिकों को राखी बांधती है। इस बार नक्सल इलाके मे जाकर बहनो ने मिसाल कायम कर दिया है।
पुलिस महानिरीक्षक पी. सुंदरराज ने कहा कि यह एक अच्छी शुरुआत है समाज को और जनता को बस्तर से जोड़ने का।सौहार्द और प्यार से ही हम बस्तर के लोगों के मन से भय निकाल पायेंगे। डॉ. मनीष राय ने कहा कि मै इस राखी पर इन 11 बहनो का सहयोगी बन बस्तर में सैनिकों के बीच आकर अपने आप को सौभाग्यशाली समझता हूँ। छत्तीसगढ़ प्रदेश के लिए किसी दूसरे प्रदेश से बहने आकर हमारे जवानो को बस्तर मे राखी बांधने का यह ऐतिहासिक मौका बन गया। इस पूरे अभियान में बस्तर संभाग के पुलिस महानिरीक्षक श्री सुंदरराज पी. का अभूतपूर्व सहयोग मिला और ऐतिहासिक बन पाया। इसमें प्रमुख रूप से प्रियंका, भागवंती, शाहीन, सपना, खूशबू, मुस्कान, वैष्णवी, अमन, सुधांशु, प्रिंस और एसडीओपी भानुप्रतापपुर प्रशांत पैंकरा, एसडीओपी अंतागढ़ सतीश भार्गव एवं कोण्डागांव एसडीओपी पंकज ठाकुर ने अहम जिम्मेदारी निभाकर अभियान को ऐतिहासिक बना दिया।