पायल एक नया सवेरा फाउंडेशन ने आटा एवं मसाला चक्की और माइक्रोवेव ओवन आदिवासी ग्रामीण महिलाओं की आजीविका सुदृढ़ करने के लिए किया दान
बिलासपुर-कोटाब्लॉक के आदिवासी बाहुल्य गांव सेमरिया की महिला समूह को आटा एवं मसाला चक्की और ग्राम रातखंडी के महिला समूह को माइक्रोवेव ओवन दान किया।
पायल लाठ द्वारा पूर्व में भी ग्राम करहीकछार में सेनेटरी पेड बनाने की मशीन दी गई जिससे महिलाएं सेनेटरी पैड बनाकर अपनी आजीविका चलाने के साथ साथ महिला स्वास्थ्य को भी सुरक्षा प्रदान कर रही है।
सामाजिक सरोकार के प्रति अपना उत्तरदायित्व का निर्वहन करते हुए श्रीमती लाठ ने सेमरिया एवं रातखंडी गांव के महिला समूह की आदिवासी महिलाओं की आजीविका सुदृण करने के लिए आटा एवं मसाला चक्की प्रदान की है साथ ही रातखंडी गांव के महिला समूह की आदिवासी महिलाओं को माइक्रोवेव ओवन दिया जिससे वो रागी (मड़िया) बिस्कुट एवं केक बनाकर आसपास के बाजार में विक्रय करेंगी और साथ ही साथ बिलासपुर स्थिति सी-मार्ट में भी विक्रय करेंगी।
इसके लिए विशेष प्रशिक्षण भी आयोजित किया गया जिसमें मसाला पैकिंग और विक्रय के गुर सिखाये गए। साथ ही रातखंडी गांव कि आदिवासी महिलाओं को केक एवं रागी बिस्कुट कैसे बनाना है पैकिंग कैसे करना है इस विषय पर प्रशिक्षण दिया गया ।
इन सब प्रयासों में पायल लाठ एवं चंचल सलूजा जी, राजवीर लाठ एवं सामाजिक कार्यकर्ता अनिल बामने, बेन रत्नाकर, प्रकाशमणि, क्रांति मरावी की मुख्य भूमिका रही। चंचल सलूजा ने बताया मुख्य प्रशिक्षक के रूप में यज्ञवल साहू दिल्ली होटल मैनेजमेंट की शिक्षा अपना बहुमूल्य समय 60 महिलाओं को केक प्रशिक्षण दिया जिसमें 6 अलग तरीके के केक बनाना सिखाएं अलग प्रकार के प्रशिक्षण प्रदाय किया, जिसमे बिस्कुट, केक, कुकी, आदि बनाना सिखाया। इस प्रशिक्षण में दो 5 गाँव की लगभग 100 आदिवासी महिलाओं ने हिस्सा लिया।