कांग्रेस नेता और नगर निगम के सभापति के खिलाफ सतनामी समाज के लोगो ने लगाया आरोप,जय स्तंभ की जमीन को कब्जाने विवाद गहराया–देखिए पूरा वीडियो
बिलासपुर –छत्तीसगढ़ राज्य बनने के बाद बिलासपुर शहर एक महानगर के रूप में अपनी पहचान के साथ साथ स्मार्ट सिटी के नाम से जाने जाना लगा।जैसे जैसे शहर का विकास हुआ वैसे वैसे इस शहर में जमीन के दाम और जमीन कारोबार में भी जमकर इजाफा देखने को मिलने लगा। इसी का फायदा उठाने के लिए शहर के कुछ नामी गिरामी भी इस धंधे में कूद कर जमकर मोटी कमाई करने में लग गए।देखते ही देखते इनकी पैसे की भूख इतनी बढ़ गई। कि अब ये भूमाफिया के श्रेणी में अपनी पहचान बना ली और अपने बाहुबल और सत्ता की धमक और पैसे के दम में जमीन को कब्जा करना उसे बेचना खरीदना जैसे कारनामों को अंजाम देने लगे।लेकिन इससे भी इनकी भूख शांत नही हुई और अब ये लोग धार्मिक स्थलों पर अपनी नजर गाड़ा कर उसे कब्जा कर मोटी कमाई के लिए रुख अख्तियार कर लिया।हम बात कर रहे है।ऐसे ही एक मामले में जहा पर सफेदपोश नेता का नाम सामने आया है।जहा पर इस समाज के लोग बड़ी संख्या में थाना पहुंचकर कार्रवाई की मांग को लेकर थाना में डटे रहे।
विरोध में बड़ी संख्या में महिलाएं भी एकत्र होकर कार्रवाई कर न्याय की आस में बैठे हुए थे। बुधवार को सिविल लाइन थाना क्षेत्र में उस समय हड़कंप मच गया जब श्रीकांत वर्मा मार्ग स्थित एक बेशकीमती जमीन पर एक समुदाय का धार्मिक चिन्ह जय स्तंभ बना हुआ है।उक्त जमीन के पास गड्ढा खोदकर जमीन को कब्जा करने का प्रयास किया जा रहा था।बात कब्जे के साथ साथ जय स्तंभ का अपमान करने के नियत से भावना को आहत करते हुए वहां पर विरोध करने आए लोग के साथ गाली गलौच और अभद्रता की गई।इन्ही सब से चुब्ध होकर पीड़ित पक्ष अपने साथ हुए इस अन्याय के खिलाफ लामबंद होकर थाना पहुंच गए।जहा पर पीड़ित पक्ष ने लिखित में शिकायत देकर एफआईआर की मांग कर न्याय की गुहार लगाते हुए खड़े रहे।लेकिन सिविल लाइन पुलिस ने शिकायत में जैसे ही शहर के एक कांग्रेस नेता और वार्ड पार्षद के साथ नगर निगम के सभापति शेख नजरुदिन्न का नाम सामने देखा तो पुलिस के हाथ पांव फूलने लगे और जांच का हवाला देकर शिकयत लेकर मामले को चलता करने में जुट गए।
मामले की गंभीरता और कोई बड़ी बात ना हो जाए तो शहर के अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक राजेन्द्र जायसवाल भी थाना सिविल लाइन पहुंच गए।काफी लंबे समय तक एडिशनल एसपी मोर्चा संभाले हुए नजर आए।वही इस मामले में पीड़ित पक्ष ने बातचीत के दौरान कांग्रेस नेता शेख नजरुद्दीन के ऊपर बड़ा आरोप लगाते हुए कहा की इस व्यक्ति ने कई बार जय स्तंभ की जमीन को लेकर अपने घर में बुलाया और धमकी चमकी और पैसे का लालच दिया। और जब बात नही बनी तो अब किसी अज्ञात लोगो के द्वारा जमीन को कब्जा करने का प्रयास किया जा रहा है।
वही धार्मिक स्थल पर कब्जे को लेकर समाज के लोगो में काफी रोष देखने को मिला।और न्याय नहीं मिलने पर उग्र आंदोलन की चेतावनी भी दी।अब देखना यह होगा कि पुलिस प्रशासन सफेद पोश नेता का नाम सामने आने के बाद अपनी कार्रवाई में कितनी निष्पक्षता के साथ जांच को अंजाम देती और दोषियों के खिलाफ क्या कार्रवाई करती है।