राज्य स्तरीय 8 दिवसीय हाथकरघा प्रदर्शनी शुरू….

बिलासपुर–ग्रामोद्योग हाथकरघा विभाग द्वारा तीजा-पोला के अवसर में कोसा एवं कॉटन ऑफ छत्तीसगढ़ हाथकरघा वस्त्र प्रदर्शनी आयोजन आज से राघवेन्द्र राव सभा भवन में शुरू हुआ। कार्यक्रम में मुख्य अतिथि छत्तीसगढ़ शिल्पि संघ रायपुर के अध्यक्ष विशालराम देवांगन नेे राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के छायाचित्र पर माल्यार्पण करते हुये दीप प्रज्ज्वलित कर प्रदर्शनी का शुभांरभ किया गया। मुख्य अतिथि ने प्रत्येक स्टाल पर छत्तीसगढ़ प्रदेश के हाथकरघा, हस्तशिल्प एवं खादी की कलाकृति का अवलोकन किया। उनके द्वारा प्रदर्शनी में प्रदर्शित उक्त कलाकृति की सराहना की गयी।

प्रदर्शनी के आयोजन का मुख्य उद्देश्य प्रदेश के हाथकरघा बुनकरों, हस्तशिल्प कारीगर एवं खादी उत्पाद को विपणन हेतु उचित माध्यम उपलब्ध कराना, बुनकरों के बुनाई एवं हस्तशिल्प कला को आम नागरिक तक सीधे पहुचाना है तथा उपभोक्ता के माध्यम से नित नवीन डिजाईनों के विकास हेतु सुझाव प्राप्त करना। प्रदर्शनी के माध्यम से छत्तीसगढ़ राज्य स्तरीय हाथकरघा वस्त्र उत्पाद, हस्तशिल्प कलाकृति तथा खादी वस्त्र को एक ही छत के नीचे आम उपभोक्ता तक सीधे पहुचना, बुनकरों, हस्तकला के कारीगीर, खादी वस्त्र उत्पादक के लिए नियमित रोजगार के अवसर में वृद्धि करना। छत्तीसगढ़ में हाथकरघा पर वस्त्र उत्पादन महिलाओं के लिए आत्मनिर्भर एवं सशक्त बनने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही है। और कई हूरनमंद महिलाये बुनकरी के माध्यम से अपनी पहचान बनाने में कामयाब हो रही है।

उक्त प्रदर्शनी में कोसा एवं सूती उत्पादक क्षेत्र जैसे रायगढ़, जांजगीर-चांपा, बिलासपुर, चन्द्रपुर, छुरी, सिवनी, रामाटोला, लोफन्दी, भिलाईगढ़ एवं सोमाझिटिया के 28 बुनकर समिति के 30 प्रतिनिधि, छत्तीसगढ़ बिलासा हैण्डलूम रायपुर, 04 हस्तशिल्प के प्रतिनिधि एवं खादी ग्रामोद्योग द्वारा भाग लिया गया है। उनके द्वारा आकर्षक कोसा एवं कॉटन वस्त्र जैसे उत्कृष्ट कलात्मक कोसा साडियॉ, कोसा मलमल, कोसा ड्रेस मटेरियल, कोसा सलवार सूट, कोसा बाफ्ता, सूती साडियॉ, कॉटन शुटिंग, शर्टिग, दुपट्टा, बेड-शीट, बेड-कव्हर, पिलो-कव्हर, टॉवेल, नेपकीन, गमछा आदि का प्रदर्शन किया गया है। शुभारंभ के अवसर पर उपस्थित प्रदर्शनी के नोडल अधिकरी, उपसंचालक हाथरकघा डोमूदास धकाते द्वारा अवगत कराया गया की उक्त प्रदर्शनी दिनांक 29 अगस्त से 05 सितम्बर 2024 तक प्रतिदिन सुबह 11 बजे से रात्रि 10 बजे तक खूली रहेगी। उन्होंने लोगों से अपील की है कि प्रदर्शनी में उपस्थित होकर छत्तीसगढ़ प्रदेश की बुनाई कला, हस्तशिल्प एवं खादी वस्त्र उत्पाद का अवलोकन कर प्रोत्साहित करें।

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