धोखाधडी का आरोपी पूर्व कांग्रेस विधायक हुआ धोखाधडी का शिकार….. ग्रामीण बैंक में होल्ड हुई बीस लाख की रकम….. आरोपी महिला गई जेल….बैंक प्रबंधन की मिलीभागत से खोला गया फर्जी बैंक खाता…..बैंक प्रबंधन को कोतवाली पुलिस ने दिया अभयदान
बिलासपुर–उसलापुर मेन रोड की जमीन के फर्जी मलिक बनकर पूर्व विधायक मोहित केरकेट्टा को 2000000 की धोखाधड़ी करने वाले आरोपियों पर कोतवाली पुलिस ने एफआईआर दर्ज कर जेल भेज दिया वही फर्जी खाता खोलने वाले बैंक प्रबंधन को कोतवाली पुलिस द्वारा अभय दान देते हुए उन्हें मामले में प्रार्थी बना दिया गया।सिटी कोतवाली पुलिस ने शनिवार को कूट रचना धोखाधडी साजिश जैसे कई गंभीर धाराओं में मामला कायम करते हुए इस मामले में बैंक मेनेजर को प्रार्थी बनाकर बैंक के खाता क्रमांक के ऊपर मामला दर्ज अपनी जांच पड़ताल में जुट कर इस मामले में खाता खोलने वाली आरोपी महिला दूरपति बडकर पति रामजी बडकर उम्र 46 वर्ष नुनचुई थाना तखतपुर को पुलिस ने गिरफ्तार कर उसके पास से पासबुक एटीएम और चेक को बरामद कर जप्त कर आरोपी महिला को जेल भेज दिया।दरअसल पूरे मामले में कोतवाली पुलिस ने बहुत ही जल्दबाजी करते हुए मामला कायम कर लिया।बगैर जांच पड़ताल के किसके दबाव में अपराध दर्ज किया गया और इस पूरे घटनाक्रम में बैंक प्रबंधन की तरफ से एक बड़ी लापरवाही बरतने की भी बात सामने आ रही है।यदि समय रहते बैंक प्रबंधन आरबीआई की गाइड लाइन के तहत खाता खोलने से पूर्व जांच प्रक्रिया और खाताधारक के द्वारा दिए गए दस्तावेज की सही तरीके से जांच कर लेते तो आज यह नौबत नहीं आती।लेकिन कही ना कही इस पूरे खेल में कौन कौन शामिल है।यह तो अब जांच का विषय है।वही इस घटना के सामने आने के बाद पुलिस के लिए भी यह एक चुनौती है।आपको बताते चले की पूर्व विधायक मोहित केकेट्टा के द्वारा शहर में एक जमीन का सौदा किया।जिसमे उक्त जमीन जिस महिला के नाम पर थी।उक्त महिला की जगह किसी दूसरी महिला को खड़ा करके पूर्व विधायक को ठग लिया गया।पूर्व विधायक मामले को समझ पाते की तब तक वह ठगी के शिकार हो गए। उसलापुरा क्षेत्र की एक जमीन का सौदा पूर्व विधायक ने किया।सौदा होने के बाद जमीन मालिक को नंबर एक में रकम देने की बात आई,तो आनन फानन में फर्जी जमीन बेचने वाली महिला ने जगमाल चौक स्थित तोरवा ग्रामीण बैंक मे पहुंच कर फर्जी आधार कार्ड देकर खाता खुलवा लिया।यह सब इतना जल्दी हुआ की इस बीच बैंक प्रबंधन ने महिला के द्वारा दिए गए कागज को वेरिफाई करना भी मुनासिब नहीं समझा और खाता खोल दिया गया।इधर खाता खुलते ही जमीन खरीददार पूर्व विधायक मोहित केरकेट्टा ने बीस लाख रुपए उक्त ग्रामीण बैंक के खाता में आरटीजएस के माध्यम से दिनांक 30–08–2024 को ट्रांसफर कर दिया गया।रकम ट्रांसफर के बाद धोखाधडी के शिकार हुए विधायक को पता चलता है।और वह सीधे बैंक से संपर्क साध कर अपनी रकम के संबंध में बैंक को जानकारी देते हुए बताते है की वह फर्जी महिला है और आपने गलत खाता खोल दिया है।बैंक प्रबंधन अपनी गर्दन बचाने के लिए इधर उधर काफी दिन तक पूरा प्रयास किया।लेकिन बात नही बनी तो वह सीधे पुलिस के आला अधिकारियों के पास पहुंचकर अपने आप को बचाने के लिए अपराध दर्ज कराने में जोर देने लगे।इधर पूर्व विधायक अपनी रकम के लिए बैंक के चक्कर काट रहे है।
क्या है घटनाक्रम
माला सोमावार के नाम से एक महिला जून महीने की 26 तारीख को बैंक आती है।जिसके बाद बैंक में खाता खोलने के लिए लगने वाले समस्त दस्तावेज को देकर अपना खाता खुलवा लेती है।दो महीने बाद अगस्त महीने की तीस तारीख को पूर्व विधायक मोहित केरकेट्टा के द्वारा आरटीजएस के माध्यम से मंगला एसबीआई ब्रांच से माला सोमावार के नाम से संचालित खाते में बीस लाख रुपए ट्रांसफर कर दिया जाता है।लेकिन तीन बाद जब मोहित केरकेट्टा ग्रामीण बैंक में पहुंचकर खाता फर्जी होने का हवाला देते है।भेजी गई रकम को वापस करने बात कही तो बैंक प्रबंधन के द्वारा जल्द वापस करने की बात कह कर वहा से पूर्व विधायक को चलता कर दिया।वही बैंक के पास अगले दिन 4 सितंबर को माला सोमावार के देवर बैंक में आकर बताते है की उनकी भाभी लगभग आठ दस साल से मुंबई में रह रही है।और उनके द्वारा किसी भी प्रकार का खाता नही खोला गया है।इस बीच बैंक प्रबंधन को जब सारी जानकारी लग गई तो वह उसी समय थाना का रुख क्यों नही किया।यह एक सवालिया निशान है बैंक प्रबंधन के लिए।वही पंद्रह दिन से अधिक बीत जाने के बाद बैंक प्रबंधन 21 सितंबर को थाना पहुंचकर अपराध दर्ज करवाया जाता है।
बैंक की कारगुजारी भी हो बेनकाब
छत्तीसगढ़ ग्रामीण बैंक में हुआ फर्जीवाडा एक गंभीर मामला है।बैंक प्रबंधन की मिलीभगत से ही फ़र्ज़ी बैंक खाता खोलना संभव है बैंक में खाता खोलने के लिए दस्तावेज मिलान, केवायसी सहित कडे नियम है जो छत्तीसगढ़ ग्रामीण बैंक जगमल चौक तोरवा शाखा में दरकिनार कर दिए गए .
माला सोमावार बैंक खाता मामला उजागर होने से बैंकों में चल रहा फर्जीवाड़ा सतह पर आ गया है पीडित पुलिस की शरण में जाता उससे पहले ही बैंक प्रबंधन ने अपनी कारगुजरियां छुपाकर और खुद को साफ-सुथरा बताते हुए पुलिस में एफआईआर दर्ज करा दी उल्लेखनीय है कि
आम नागरिक को बैंक की विश्वसनीयता पर पूरा भरोसा है लोगों ने अपनी सारी जमा पूंजी बैंकों में रखी हुई है अपने निहित स्वार्थ के लिए कुछ कथित बैंक कर्मी आमजन की जमा पूंजी पर गिद्ध नजर गाडे हुए हैं और फ़र्ज़ीवाडा को अंजाम दे रहे हैं।
बहरहाल पुलिस जांच में बैंक प्रबंधन को भी आरोपी बनाना जाना चाहिए और उनसे भी पूछा जाना चाहिए कि आरोपी महिला का बैंक में खाता खोलने किन-किन नियमों को तोड़ा मरोड़ा गया।