एसडीएम ने बरपाया कहर….जुर्माने के साथ खुदाई के भी निर्देश…..एक सफ्ताह के भीतर मूल स्वरूप में लाने शराब कारोबारी को जारी हुआ निर्देश…..शराब कारोबारी ने तालाब पाट कर बना दिया मैदान….
बिलासपुर–न्यायधानी बिलासपुर में राजस्व संबंधी मामले में बिलासपुर एसडीएम ने एक बड़ी कार्रवाई करते हुए जुर्माना के साथ उसके मूल स्वरूप में लाने के निर्देश जारी किया है।आपको बताते चले कि प्रदेश के बड़े शराब कारोबारी माने जाने वाले अमोलक सिंह भाटिया, वगैरहा के द्वारा तालाब को पटवा मैदान बना दिया। अब प्रशासन ने कार्रवाई करते हुए शराब कारोबारी पर जुर्माना करते हुए तालाब को वापस खोद कर मूल स्वरूप में लाने के निर्देश दिए हैं।प्रदेश के बड़े शराब कारोबारी माने जाने वाले अमोलक सिंह भाटिया व उनके परिवार के लोगों ने तालाब की जमीन को पटवा कर मैदान बना दिया। इसमें फेंसिंग भी करवा दी। जिला प्रशासन के संज्ञान में आने पर बिलासपुर एसडीएम ने शराब कारोबारी पर 25 हजार रुपए जुर्माना ठोंकते हुए सात दिनों में वापस तालाब को खोदकर मूल स्वरूप में लाकर देने के आदेश दिए हैं। आदेश पर अमल नहीं करने पर प्रशासन तालाब की खुदाई करवाएगा और इसका खर्चा भी शराब कारोबारी से वसूला जाएगा।
मिली जानकारी के अनुसार बिलासपुर शहर के अरपा पर चांटीडीह पटवारी हल्का नंबर 33 तहसील व जिला बिलासपुर में स्थित भूमि को अमोलक सिंह भाटिया पिता हरवंश सिंह भाटिया, उनके भाई गुरमित सिंह पिता हरवंश सिंह भाटिया, गुरु शरण सिंह पिता सुरजीत सिंह के द्वारा मौजा चांटीडीह स्थित भूमि खसरा नंबर 7 तालाब के अंश भाग रकबा 0.50 ए पर मिट्टी डालकर पाट दिया गया था। इसकी जानकारी जिला प्रशासन को लगने पर एसडीएम पीयूष तिवारी के द्वारा इसे संज्ञान में लिया गया। छत्तीसगढ़ भू राजस्व संहिता 1959 की धारा 242 का उल्लंघन किए जाने पर सहिंता की धारा 253 के तहत दंडनीय अपराध होने के चलते एसडीएम ने इसके जांच के निर्देश देते हुए तहसीलदार से जांच प्रतिवेदन मांगा।
जांच के दौरान पता चला कि चांटीडीह स्थित पटवारी हल्का नंबर 33 तहसील व जिला बिलासपुर स्थित भूमि खसरा नंबर 06,07 रकबा क्रमशः 0.424, एवं 1.193 हेक्टेयर अधिकार अभिलेख में तुकाराम पिता लक्ष्मण साव, साकिन जूना बिलासपुर के नाम पर दर्ज है। संशोधन पंजी वर्ष 1962–63 के सरल क्रमांक 179 के अनुसार वाजिब उल अर्ज में उपरोक्त भूमि पैठू, ताल,पानी के नीचे दर्ज होना उल्लेखित है। वर्तमान राजस्व अभिलेख में खसरा 7/2,7/3,7/4 रकबा क्रमशः 0.283,0.263,0.263 हेक्टेयर भूमि अमोलक सिंह भाटिया पिता हरवंश सिंह भाटिया, गुरमीत सिंह पिता हरवंश सिंह, गुरु शरण सिंह पिता सुरजीत सिंह के नाम पर दर्ज है। जिसे उनके द्वारा मिट्टी डालकर लगभग 0.50 एकड़ रकबे को पाटा जा चुका है। जिसके लिए इनको कारण बताओ नोटिस जारी कर जवाब मांगा गया। नोटिस के जवाब में इन्होंने तालाब को पाटने से इनकार किया।
इनके द्वारा इनकार करने पर एसडीएम पीयूष तिवारी ने तहसीलदार बिलासपुर को प्रकरण में पर्याप्त साक्ष्य तथा दोषियों के विरुद्ध कार्यवाही हेतु स्पष्ट प्रतिवेदन मांगा। अतिरिक्त तहसीलदार बिलासपुर ने मौके पर जाकर तीन गवाहों का शपथपूर्वक कथन लिया। जिसमें पता चला कि यहां तालाब स्थित था जिसे मिट्टी डालकर मैदान बनाया गया हैं एवं तार फेंसिंग कर लिया गया है। मौका जांच एवं राजस्व दस्तावेजों के अनुसार खसरा नंबर 7 के कुल 4 बटांकन हुआ है। खसरा नंबर 7/1, खसरा नंबर 6 के साथ शामिल में धर्मराज पिता रेवाराम वगैरह,खसरा नंबर 7/2 (0.283 हेक्टेयर) में अमोलक सिंह भाटिया, खसरा नंबर 7/3 (0.263), में गुरमित सिंह भाटिया,खसरा नंबर 7/4 (0.263 हेक्टेयर) में गुरु शरण सिंह भाटिया के नाम पर दर्ज है। खसरा नंबर सात में तालाब स्थित है। जिसके 0.50 डिसमिल भाग पर मिट्टी डालकर पाटा गया है। जिसे मौके पर साक्षियों के द्वारा प्रमाणित भी किया गया।
तालाब को पाटना प्रमाणित करने पर एसडीएम पीयूष तिवारी ने उक्त कृत्य को छत्तीसगढ़ भू राजस्व संहिता 1959 की धारा 242 का उल्लंघन पाने पर संहिता की धारा 253 के तहत दंडनीय होने से अमोलक सिंह भाटिया, गुरमीत सिंह, गुरु शरण सिंह के ऊपर सहिंता की धारा 253 के प्रावधान अनुसार 25 हजार रुपए जुर्माना लगाया है। सभी को आदेशित किया गया है कि खसरा नंबर 07 के तालाब के रखबा 0.50 एकड़ पर पार्टी के मिट्टी को सात दिनों के अंदर हटाकर वाजिब उल अर्ज में दर्ज प्रविष्टि के अनुसार पूर्व की स्थिति में मूल प्रयोजन में लाए। ऐसा नहीं करने पर प्रशासन खुद मिट्टी हटाने की कार्यवाही करेगा और जिसका खर्चा भी इन सभी से वसूला जाएगा।