एशिया और प्रशांत क्षेत्र के 12वें क्षेत्रीय 3आर और सर्कुलर इकोनॉमी फोरम की मेजबानी के लिए जयपुर तैयार…..एशिया-प्रशांत देशों में ‘संसाधन-कुशल सर्कुलर इकोनॉमी में परिवर्तन’ को सक्षम बनाने के लिए अपनाया जाएगा जयपुर 3आर दशकीय डिक्लेरेशन…..बिलासपुर, CITIIS 2.0 के तहत आगामी परियोजनाओं के लिए भारत सरकार के साथ एक समझौता ज्ञापन (MoU) पर हस्ताक्षर करेगा– तोखन साहू….

बिलासपुर–केन्द्रीय आवासन एवं शहरी कार्य राज्य मंत्री तोखन साहू ने जयपुर मे एशिया और प्रशांत क्षेत्र के 12वें क्षेत्रीय 3आर और सर्कुलर इकोनॉमी फोरम की कार्यक्रम के संबंध में प्रेस वार्ता को संबोधित करते हुए कहा कि 3 से 5 मार्च 2025 तक राजस्थान के जयपुर में इंटरनैशनल सेंटर में यह आयोजन किया जाएगा।
जो “एशिया-प्रशांत क्षेत्र में सतत विकास के लक्ष्यों और कार्बन तटस्थता प्राप्त करने की दिशा में सर्कुलर सोसायटियों को आकार देना’ संबंधी विषय पर केंद्रित यह कार्यक्रम सर्कुलर इकोनॉमी से जुड़े प्रयासों को आगे बढ़ाने पर चर्चा करने के लिए वैश्विक नेतृत्व और अंतरराष्ट्रीय विशेषज्ञों को एक साथ लाएगा।

श्री साहू ने प्रेस वार्ता के संबोधन में बताया कि CITIIS 2.0 कार्यक्रम को सक्रिय करने के लिए 18 शहरों के लिए समझौतों पर हस्ताक्षर किए जाएंगे, जिसमें एकीकृत अपशिष्ट प्रबंधन परियोजनाएँ शामिल हैं
CITIIS 2.0, 2023 में केंद्रीय मंत्रिमंडल द्वारा अनुमोदित कार्यक्रम है, जिसका उद्देश्य परियोजनाओं को वित्तीय और तकनीकी सहायता प्रदान करके एकीकृत अपशिष्ट प्रबंधन पर ध्यान केंद्रित करते हुए एक सर्कुलर इकोनॉमी को बढ़ावा देना है। इन 18 स्मार्ट शहरों को एक चुनौती प्रक्रिया के माध्यम से चुना गया था। श्री साहू ने इस बात पर प्रकाश डाला कि राजस्थान के जयपुर, उदयपुर सहित बिलासपुर, CITIIS 2.0 के तहत चुने गए 18 शहरों में से छत्तीसगढ़ का एकमात्र शहर है, और आगामी परियोजनाओं के लिए भारत सरकार के साथ एक समझौता ज्ञापन (MoU) पर हस्ताक्षर करेगा। बिलासपुर को ₹100 करोड़ की व्यवहार्यता अंतर निधि (VGF) प्रदान की जाएगी, जिससे CITIIS 2.0 के तहत ₹500 करोड़ से अधिक की परियोजनाओं को पूरा किया जा सकेगा, जिससे 3R (कम करें, पुनर्चक्रण करें और पुनः उपयोग करें) और परिपत्र अर्थव्यवस्था पर आधारित ठोस और तरल अपशिष्ट प्रबंधन पहल को और मजबूती मिलेगी।

केंद्रीय आवासन और शहरी कार्य राज्य मंत्री तोखन साहू ने जयपुर में आयोजित संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए बताया कि UNCRD द्वारा 2009 में शुरू किए गए क्षेत्रीय 3आर और सर्कुलर इकोनॉमी फोरम का उद्देश्य एशिया-प्रशांत क्षेत्र में सरकारी अधिकारियों को 3आर (रिड्यूस, रीयूज, रीसाइकल करना) और सर्कुलैरिटी को मुख्यधारा में लाने के लिए रणनीतिक नीतिगत इनपुट प्रदान करना है। साथ ही, यह फोरम 3आर में सर्वोत्तम प्रयासों को प्रसारित करने और सभी के साथ साझा करने के लिए एक मंच के रूप में भी कार्य करेगा। पिछला फोरम 2023 में कंबोडिया द्वारा आयोजित किया गया था। भारत ने इससे पहले 2018 में फोरम की मेजबानी की थी, जब इसका 8वां संस्करण इंदौर में आयोजित किया गया था।

केंद्रीय आवासन एवं शहरी कार्य राज्य मंत्री तोखन साहू ने बताया कि 12वें क्षेत्रीय फोरम का एक महत्वपूर्ण सकारात्मक परिणाम ‘जयपुर डिक्लेरेशन’ होगा, जिसे समापन के दिन अपनाया जाएगा। 2025-34 की अवधि के लिए इस दशकीय घोषणा का उद्देश्य, इस फोरम में शामिल होने वाले देशों को 3आर और सर्कुलर इकोनॉमी संबंधी नीतियों और उससे जुड़े कार्यक्रमों को विकसित करने के लिए एक रूपरेखा प्रदान करना होगा। यह एक ‘लीनियर टेक-मेक-डिस्पोज इकोनॉमी से एक सर्कुलर इकोनॉमी’ में परिवर्तन लाने में सभी को सक्षम बनाएगा। जयपुर डिक्लेरेशन, हनोई डिक्लेरेशन (2013-23) पर आधारित है और यह स्वैच्छिक व कानूनी रूप से गैर-बाध्यकारी समझौता है। उन्होंने यह भी बताया कि 12वें फोरम की एक और खास विशेषता ‘इंडिया पैवेलियन’ है, जो 3आर और सर्कुलर इकोनॉमी क्षेत्र में भारत की उल्लेखनीय पहलों और उपलब्धियों को प्रदर्शित करेगा। इस पैवेलियन में 15 प्रमुख मंत्रालयों और राष्ट्रीय मिशनों की प्रदर्शनियाँ होंगी, जो सतत विकास के लिए भारत के समग्र सरकारी दृष्टिकोण को दर्शाती हैं। यह ‘मंत्री-स्तरीय संवाद’, ‘महापौर संवाद’ और ‘नीति संवाद’ जैसे सत्रों के साथ इंटरैक्टिव नॉलेज-शेयरिंग के लिए एक केंद्र के रूप में भी काम करेगा। प्रेस वार्ता के दौरान राजस्थान के नगरीय विकास विभाग एवं स्वायत्त शासन विभाग के राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) श्री झाबर सिंह खर्रा सहित विभागीय अधिकारी की उपस्थिति रही।

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