
गजब के थानेदार और गजब की इनकी थानेदारी….इनके ही थाने में पदस्थ पुलिस कर्मियों को ही नहीं मिल रहा न्याय…..आम जनता का क्या होगा इनकी थानेदारी में….?
बिलासपुर–कानून और उसकी व्यवस्था को बनाए रखने के लिए पुलिस के आला अधिकारी से लेकर पुलिस जवान तक सबकी बराबर की भूमिका के साथ इस व्यवस्था को पूरा किया जाता है।लेकिन शहर के एक ऐसे थानेदार जो अपने में ही मस्त है।इनको अपने थाने और थाना क्षेत्र में घटित अपराध लेकर को जरा सी भी गंभीरता नजर नहीं आ रही। नाही यह महाशय अपने थाना क्षेत्र में कानून व्यवस्था बनाए रखने के लिए किसी भी तरह से कार्रवाई को लेकर उसे सही गति भी देने में समर्थ नहीं है।
थानेदार अपने थाने में हो रहे अपराध और अपराधियों को लेकर सिर्फ उच्च अधिकारियों के दिशा निर्देश को सुनकर अपने थाने के नीचे के अधिकारी और पुलिस जवान तक पहुंचाकर एक माध्यम की भूमिका को निभाते अपना समय पास कर रहे है। बीते कुछ दिन पूर्व हुई घटना में इनके थाने में पदस्थ दो ऐसे पुलिस कर्मी है।जिनको अभी तक इनकी थानेदारी में न्याय नहीं मिला। नाही अभी तक उक्त घटना को अंजाम देने वाले आरोपियों को पकड़ने में सफलता पाए।आपको बताते चले कि तोरवा थाने में पदस्थ एक आरक्षक के घर में चोरी की घटना सामने आई।चोरी की वारदात के बाद अभी तक उस आरक्षक के घर में हुई चोरी की शिकायत तक दर्ज नहीं की गई।जबकि पिछले फरवरी माह में उक्त चोरी की घटना घटित हुई थी।लगभग एक माह होने जा रहा है उसके बाद भी आज तक वह आरक्षक अपने ही थाने में चोरी की शिकायत को लेकर चक्कर काट रहा है।जबकि इस चोरी की घटना को अंजाम देने वाले आरोपी को थाना भी लाया गया।उसके द्वारा चोरी की घटना को कबूल करने के बाद भी उसे थाने से चलता कर दिया गया।ऐसा बताया जा रहा की चोरी की घटना को अंजाम देने वाला चोर थाने में पदस्थ आरक्षक का रिश्तेदार है।इसी तरह हम दूसरी घटना की बात करे जो अति संवेदनशील घटना होने के बाद भी थानेदार इतने असंवेदनशीलता दिखाई दिए वह भी समझ से परे ही है।
बीते दो तीन दिन पूर्व तोरवा थाना क्षेत्र के अंतर्गत एक पेट्रोल पंप के सामने दो युवकों पर तीन चार मोटरसाइकिल सवार लगभग आधा दर्जन से अधिक युवकों ने वाहन टकराने के बाद मामूली विवाद पर इनकी जमकर पिटाई करते हुए उन दोनों युवकों पर चाकू से जानलेवा हमला करते हुए घटना को अंजाम देकर फरार हो गए।इस मामले में थानेदार साहब सिर्फ मामूली धाराओं में मामला कायम कर अपनी खाना पूर्ति कर दिए।जबकि जानकर यह बता रहे कि उन दोनों युवकों पर प्राण घातक चाकू से छाती कमर और गर्दन में मारा गया।इन दोनों युवकों को सही समय में उपचार के लिए तत्काल शहर के सबसे बड़े निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया।जहां इनका आज भी उपचार चल रहा है।और सबसे बड़ी बात यह कि घायल युवकों में एक का भाई इसी तोरवा थाना में आरक्षक के पद में पदस्थ है।उसके बाद भी उन घायल युवकों की शिकायत पर कार्रवाई को लेकर अब तक थानेदार साहब गंभीर धाराओं के प्रति गंभीर नजर नहीं आए।और पर्याप्त साक्ष्य भी मिल चुके है।जो उक्त चाकूबाजी घटना में शामिल बदमाश थे।
वही इन दोनों मामलों को लेकर थानेदार अभय सिंह से पूछने पर उन्होंने बताया कि डाक्टरी रिपोर्ट का इंतजार किया जा रहा है।वही चोरी के मामले में आरक्षक के रिश्तेदार चोर निकला जिसके कारण रिपोर्ट दर्ज नहीं किया गया।आरक्षक ने शिकायत दर्ज नहीं कराया।वही रिपोर्ट नहीं लिखने को लेकर आरक्षक के द्वारा कोई लिखित में लिया गया तो उन्होंने बताया कि नहीं।
बहरहाल यह तो इस थाने के दो आरक्षक के परिवार और उनसे जुड़ा होने के बाद भी कार्रवाई के नाम पर सिर्फ खानापूर्ति की गई।सही तरीके से ध्यान नहीं देने का तथ्य स्पष्ट नजर आ रहा है।इन दो मामले के सामने आने के बाद इस थाने क्षेत्र की आम जनता का क्या हाल होगा।यह बहुत ही बड़ा सवालिया निशान है।