फायर सेफ्टी बना संशय का विषय– सिम्स में जान के लाले…..अब जागा प्रशासन……फायर सिस्टम की नींद टूटी 3.56 करोड़ में…….आग लगे तो भागो…….? सिम्स में 686 यंत्रों का ऑडिट……अभी भी ‘रिपोर्ट’ के इंतजार में…….

बिलासपुर –सिम्स छत्तीसगढ़ आयुर्विज्ञान संस्थान में अग्नि सुरक्षा को लेकर अब तक लापरवाही बरती जाती रही है। फायर सेफ्टी को लेकर जब सवाल उठने लगे, तब जाकर प्रबंधन ने हाईटेक फायर सेफ्टी सिस्टम की दिशा में कदम बढ़ाया है। लगभग 3.56 करोड़ रुपये की लागत से तैयार की जा रही इस प्रणाली का 20% काम अभी भी अधूरा है, जबकि इसे सालों पहले लागू किया जाना चाहिए था। यह एक गंभीर विषय जो कि राज्य के इतने बड़े अस्पताल में अब तक आधुनिक अग्नि सुरक्षा तकनीकों की कमी से जूझ रहा है।अस्पताल और मेडिकल कॉलेज परिसर में लगे 686 अग्निशमन यंत्रों की स्थिति भी अभी तक स्पष्ट नहीं थी।

हाल ही में इनका ऑडिट किया गया। परंतु रिपोर्ट अभी तक सामने नहीं आई है। सवाल उठता है कि जब मरीजों की जान का सवाल है, तो फायर एनओसी के बिना इतने लंबे समय तक अस्पताल को कैसे संचालित किया जा रहा था? यह भी स्पष्ट नहीं है कि यदि आग जैसी कोई आपात स्थिति आती, तो मौजूदा व्यवस्थाएं उसे संभालने में सक्षम होतीं या नहीं।

फिलहाल सीजीएमएससी द्वारा इस कार्य को आगे बढ़ाया जा रहा है, लेकिन प्रबंधन की सुस्त कार्यशैली और देरी से लिया गया निर्णय भविष्य में किसी भी बड़ी दुर्घटना का कारण बन सकता था। चिकित्सा अधीक्षक ने कहा कि, अस्पताल में फायर सिस्टम कार्य पूरा हो चुका है। और ट्रायल कराया गया है।

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