
बेलमुंडी नेशनल हाइवे पर दर्दनाक हादसा, 3 गौवंश की मौत, 1 गंभीर घायल…..
बिलासपुर–जिले के सकरी थाना क्षेत्र अंतर्गत पेंड्रीडीह बाईपास रोड बेलमुंडी नेशनल हाइवे पर बीती रात एक दर्दनाक हादसा सामने आया। अज्ञात वाहन की तेज रफ्तार टक्कर से सड़क पर बैठे चार गौवंश बुरी तरह घायल हो गए, जिनमें से तीन की मौके पर ही मौत हो गई जबकि एक गंभीर रूप से घायल हो गया। हादसे में मृत हुए गौवंशों का पेट फट गया था। घायल पशु को तुरंत छतोना गौशाला भेजकर उपचार शुरू किया गया। वहीं मृत मवेशियों का अंतिम संस्कार स्थानीय लोगों की मौजूदगी में कराया गया।
ग्रामीणों का कहना है कि हाइवे पर लगातार इस तरह की घटनाएँ हो रही हैं। प्रशासन द्वारा गौवंशों को सड़क से हटाने और उनकी सुरक्षा के लिए कोई ठोस कदम नहीं उठाए गए हैं। कुछ समय पूर्व टोल प्लाजा प्रबंधन के माध्यम से कर्मचारियों की नियुक्ति करने की बात कही गई थी, लेकिन आज तक इसका पालन नहीं हुआ। परिणामस्वरूप हाइवे पर रोजाना मवेशियों की जान जोखिम में पड़ रही है और आए दिन मौतें हो रही हैं।
घटना के बाद ग्रामीणों और गौ सेवकों ने प्रशासन की लापरवाही पर भी सवाल उठाए। उनका कहना है कि 1962 नंबर पर उपलब्ध पशु एम्बुलेंस सेवा केवल सुबह 9 बजे से शाम 4 बजे तक ही चलती है, वह भी कई बार रिस्पॉन्स नहीं देती। आपात स्थिति में इस नंबर से संपर्क करना मुश्किल हो जाता है। वहीं पशुपालन विभाग के अधिकारी और कर्मचारियों तक पहुँचना भी आसान नहीं है, उनके संपर्क नंबर तक लोगों को उपलब्ध नहीं कराए जाते।
सबसे बड़ी समस्या पशु चिकित्सकों की कमी को लेकर सामने आई है। जानकारी के अनुसार, जिले से 7-8 डॉक्टरों का ट्रांसफर अन्य जिलों में कर दिया गया है। लेकिन न तो वे वहाँ ज्वॉइन कर रहे हैं और न ही यहाँ चार्ज किसी को सौंपा गया है। इस वजह से बिलासपुर जिले में गौवंश और अन्य जानवरों के इलाज में भारी परेशानी आ रही है। हालात ऐसे हैं कि हादसे में बुरी तरह घायल गौ माता को जब सरकारी अस्पताल ले जाया गया तो पता चला कि वहाँ कोई डॉक्टर ही मौजूद नहीं है। इसके बाद ग्रामीणों ने निजी अस्पताल में उसका इलाज करवाया।
गौ सेवक विपुल शर्मा ने आरोप लगाया है कि प्रशासन की लापरवाही के कारण रोजाना निर्दोष गौवंश सड़क हादसों का शिकार हो रहे हैं। यदि समय रहते ठोस व्यवस्था नहीं की गई तो ऐसी घटनाएँ और बढ़ सकती हैं। ग्रामीणों और सामाजिक संगठनों ने जिला प्रशासन से तत्काल कार्रवाई की मांग की है ताकि सड़कों पर जानवरों की सुरक्षा सुनिश्चित हो सके और उनकी जानें बचाई जा सकें।