
अर्सलान की मौत से मचा बवाल..कुलपति पर एफआईआर की मांग….कांग्रेस का हल्ला बोल…. तीन दिन तक गायब रहा छात्र….फिर मिला शव — गुरु घासीदास विश्वविद्यालय सवालों के घेरे में…..
बिलासपुर– गुरु घासीदास केंद्रीय विश्वविद्यालय में छात्र अर्सलान अंसारी की मौत के बाद सियासी पारा चढ़ गया है। बीएससी (भौतिकी) पांचवें सेमेस्टर का छात्र अर्सलान 21 अक्टूबर से लापता था, और 23 अक्टूबर को उसका शव विश्वविद्यालय परिसर के तालाब से सड़ी-गली अवस्था में बरामद हुआ। इस घटना ने विश्वविद्यालय प्रशासन की लापरवाही पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं।
तीन दिन तक नहीं दी सूचना, प्रशासन की लापरवाही पर कांग्रेस का हमला
अर्सलान के लापता होने के बाद भी विश्वविद्यालय प्रबंधन ने न तो पुलिस को सूचना दी, न ही परिजनों को। इस चुप्पी ने कांग्रेस को आक्रोशित कर दिया। सोमवार को जिला कांग्रेस कमेटी (ग्रामीण एवं शहर) के प्रतिनिधिमंडल ने पुलिस अधीक्षक कार्यालय पहुंचकर ज्ञापन सौंपा और कुलपति सहित विश्वविद्यालय प्रबंधन पर एफआईआर दर्ज करने की मांग की।
प्रतिनिधिमंडल में जिला कांग्रेस ग्रामीण अध्यक्ष विजय केशवानी, शहर कांग्रेस अध्यक्ष विजय पाण्डेय, पूर्व जिला सहकारी बैंक चेयरमैन प्रमोद नायक, वरिष्ठ कांग्रेस नेता शेख नज़रुद्दीन और ऋषि पाण्डेय शामिल रहे।
विश्वविद्यालय की सुरक्षा व्यवस्था ध्वस्त — विजय केशवानी
विजय केशवानी ने कहा, “तीन दिनों तक छात्र का गायब रहना और फिर शव का परिसर से मिलना विश्वविद्यालय प्रशासन की संवेदनहीनता और लापरवाही का प्रमाण है। यह संस्थान अब छात्रों की सुरक्षा नहीं कर पा रहा।”
उन्होंने आरोप लगाया कि हॉस्टल में उपस्थिति रजिस्टर की जांच तक नहीं की गई। “जब छात्र तीन दिन से अनुपस्थित था, तो किसी ने जानकारी क्यों नहीं ली? यह साफ प्रशासनिक विफलता है। कुलपति और वार्डन पर एफआईआर दर्ज कर कार्रवाई होनी चाहिए।

शिक्षा का मंदिर अब बंद संस्थान बन चुका” — कांग्रेस नेता
वरिष्ठ कांग्रेस नेता शेख नज़रुद्दीन और प्रमोद नायक ने कहा कि विश्वविद्यालय अब शिक्षा का मंदिर न होकर एक बंद संस्थान बन चुका है, जहाँ पारदर्शिता और जवाबदेही दोनों गायब हैं। उन्होंने कहा, “यह सिर्फ एक छात्र की मौत नहीं, बल्कि प्रशासन के चरित्र की पोल खोलने वाली घटना है।”
एसएसपी ने ली कमान, उच्चस्तरीय जांच टीम गठित
कांग्रेस प्रतिनिधिमंडल से मुलाकात के बाद वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक रजनेश सिंह ने कहा कि पुलिस मामले को अत्यंत गंभीरता से ले रही है। आईपीएस गगन कुमार के नेतृत्व में एक विशेष जांच टीम गठित की गई है।
एसएसपी ने बताया कि उन्होंने स्वयं घटनास्थल और हॉस्टल परिसर का निरीक्षण किया है। “सीसीटीवी फुटेज जब्त कर लिए गए हैं। जांच टीम हर पहलू की बारीकी से पड़ताल कर रही है — छात्र की गतिविधियाँ, वार्डन की भूमिका, और प्रबंधन की जवाबदेही सभी जांच के दायरे में हैं।
लापरवाही बर्दाश्त नहीं होगी” — एसएसपी
रजनेश सिंह ने कहा कि पोस्टमार्टम रिपोर्ट आने का इंतजार है और जरूरत पड़ने पर फॉरेंसिक जांच भी कराई जाएगी। उन्होंने स्पष्ट किया, “किसी भी स्तर पर लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी। जो भी प्रत्यक्ष या परोक्ष रूप से दोषी पाया जाएगा, उसके खिलाफ कठोर कार्रवाई की जाएगी।”
जनता के मन में सवाल — हादसा या साज़िश?
कांग्रेस ने कुलपति और प्रबंधन के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने की मांग दोहराई है। उनका कहना है कि जिस विश्वविद्यालय का नाम *संत गुरु घासीदास जी* के नाम पर रखा गया है, वहाँ इस तरह की घटनाएँ “शर्मनाक और अस्वीकार्य” हैं।
अब सवाल यह है — अर्सलान की मौत महज़ हादसा है या किसी बड़े प्रशासनिक सच की परतें इसमें छिपी हैं?
जवाब जांच के बाद ही मिलेगा, लेकिन फिलहाल, पुलिस की सक्रियता और कांग्रेस की मुखरता ने इस मामले को पूरे शहर की चर्चा का केंद्र बना दिया है।




