
रेल हादसे में लापरवाही की कीमत…… बिलासपुर रेल हादसे में एक और मौत….13 तक पहुंचा आंकड़ा……
बिलासपुर–रेलवे की लापरवाही ने एक और जिंदगी छीन ली। बिलासपुर रेल हादसे में गंभीर रूप से घायल डीपी विप्र कॉलेज की छात्रा महविश परवीन ने आखिरकार अपोलो अस्पताल में दम तोड़ दिया। 4 नवंबर को हुए इस भीषण हादसे में अब मौतों का आंकड़ा 13 पहुंच गया है।
जानकारी के अनुसार, महविश अपने चचेरे भाई की शादी के लिए जांजगीर गई हुई थी। वापसी में वह कोरबा-बिलासपुर मेमू ट्रेन से बिलासपुर लौट रही थी। लेकिन लालखदान के पास मेमू ट्रेन मालगाड़ी से टकरा गई, जिससे कोच के परखच्चे उड़ गए। महविश महिला कोच में सवार थी और हादसे के दौरान उसके दोनों पैर लोहे के एंगल के नीचे दब गए। उसके पैरों में मल्टीपल फ्रैक्चर, कॉलर बोन और पसलियों की हड्डियां टूट गईं। सिम्स में प्राथमिक इलाज के बाद उसे अपोलो अस्पताल रेफर किया गया, जहां एक सप्ताह से डॉक्टर उसका इलाज कर रहे थे। मगर बुधवार को उसने इलाज के दौरान दम तोड़ दिया।
यह हादसा इस बात की एक और मिसाल है कि रेलवे में सुरक्षा इंतजामों को लेकर कितनी बड़ी लापरवाही और तकनीकी चूक जारी है। ट्रेन संचालन में समन्वय की कमी और सिग्नलिंग फेल्योर जैसी घटनाएं लगातार यात्रियों की जान ले रही हैं।
स्थानीय लोगों का कहना है कि हादसे के बाद रेलवे ने केवल बयानबाज़ी की, लेकिन ना तो सुरक्षा समीक्षा हुई, ना दोषियों पर कार्रवाई। वहीं, मृतकों के परिवार अब भी मुआवज़े और न्याय की उम्मीद में हैं।
रेलवे की इस सिस्टम फेलियर और लापरवाही ने फिर एक होनहार छात्रा की जिंदगी छीन ली, जो कल देश का भविष्य बन सकती थी।



