
शहर सहित ग्रामीण अंचलों के लोगों का स्वदेशी मेला बना केंद्र…. स्वदेशी मेला में उमड़ी भीड़…..घंटों जाम में फंसे लोग…… यातायात व्यवस्था पर उठे सवाल…..
बिलासपुर– शहर में आयोजित स्वदेशी मेला जहां एक ओर सांस्कृतिक गतिविधियों और खरीदारी का केंद्र बना हुआ है, वहीं दूसरी ओर यातायात व्यवस्था के लिए बड़ी चुनौती साबित हो रहा है। मेले के आसपास रविवार को भारी जाम देखने को मिला, जिससे आमजन घंटों परेशान रहे। स्थिति यह रही कि आधे से एक किलोमीटर की दूरी तय करने में लोगों को 30 से 40 मिनट तक लग गए।

मेले में उमड़ रही भीड़ को देखते हुए ट्रैफिक पुलिस की तैनाती तो की गई, परंतु ग्राउंड के बाहर पार्किंग की समुचित व्यवस्था न होने से वाहन अनियंत्रित तरीके से सड़क किनारे खड़े किए गए। इससे सड़क का दोनों ओर का हिस्सा सिकुड़ गया और जाम की स्थिति लगातार बढ़ती गई। दोपहिया और चारपहिया वाहनों की लंबी कतारें लगी रहीं, वहीं एंबुलेंस भी धीमी रफ्तार से रेंगती दिखाई दी, जिससे आपातकालीन सेवाएं प्रभावित होती रहीं।
स्थानीय नागरिकों ने नाराज़गी जताते हुए कहा कि हर साल मेला आयोजित होता है, लेकिन यातायात प्रबंधन पर कोई ठोस प्लानिंग नहीं की जाती। भीड़ नियंत्रण, वैकल्पिक मार्ग, पर्याप्त पार्किंग और पुलिस की सक्रियता जैसी बुनियादी व्यवस्थाओं की कमी साफ नज़र आई। कई लोगों ने बताया कि बच्चे और महिलाएं जाम में फंसकर काफी देर तक परेशान रहे, जबकि दुकानदारों ने भी ग्राहकों के नहीं पहुंच पाने की शिकायत की।
यातायात विशेषज्ञों का कहना है कि ऐसे आयोजनों के लिए पहले से ट्रैफिक डायवर्जन, पार्किंग गाइडलाइन और पब्लिक ट्रांसपोर्ट को प्रोत्साहन जरूरी है। वहीं नागरिकों का मानना है कि प्रशासन को भीड़ नियंत्रण और वाहन प्रबंधन को लेकर पहले से मजबूत रणनीति बनानी चाहिए, ताकि त्योहार और आयोजन लोगों के लिए परेशानी नहीं, बल्कि खुशी का अवसर बनें।
कुल मिलाकर, स्वदेशी मेला जहां शहर की पहचान का हिस्सा है, वहीं उसके कारण लगी जाम ने प्रशासन की तैयारियों पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं।




