
जीएसटी का बड़ा एक्शन…..दो दिन चली रेड…..27 करोड़ रुपये की भारी-भरकम सरेंडर…..महावीर, फील और पारस कोल ग्रुप शामिल…..
बिलासपुर–छत्तीसगढ़ के बिलासपुर जिले में स्टेट जीएसटी विभाग ने कोयला कारोबार से जुड़े तीन प्रमुख व्यावसायिक समूहों के खिलाफ एक साथ बड़ी कार्रवाई की। महावीर कोल वाशरी, फील कोल और पारस कोल एंड बेनेफिशिएशन से जुड़े कुल 11 ठिकानों पर छापेमारी की गई। यह कार्रवाई स्टेट जीएसटी सेक्रेटरी मुकेश बंसल के निर्देश पर रायपुर से आई विशेष टीम ने अंजाम दी।

सुबह शुरू हुई रेड, रात तक चली जांच….
12 दिसंबर की सुबह शुरू हुई छापेमारी देर रात तक चली। GST टीम ने कारोबारियों के कार्यालय, आवास, प्लांट और कोल वाशरी में पहुंचकर लेन-देन, आय और टैक्स से संबंधित दस्तावेजों की बारीकी से जांच की।

27.50 करोड़ रुपये का सरेंडर…..
जांच के बाद तीनों कारोबारी समूहों ने कुल 27 करोड़ 50 लाख रुपये का सरेंडर किया।
* महावीर कोल वाशरी: 10 करोड़ रुपये
* फील कोल ग्रुप: 11 करोड़ रुपये
* पारस कोल वाशरी: 6 करोड़ 50 लाख रुपये
सूत्रों के मुताबिक, महावीर कोल वाशरी का संबंध अभिनेत्री अंकिता लोखंडे और उनके पति विक्की जैन के परिवार से बताया जा रहा है।

इनपुट टैक्स क्रेडिट में गड़बड़ी के संकेत…..
प्रारंभिक जांच में कोल मिक्सिंग और इनपुट टैक्स क्रेडिट (ITC) में हेराफेरी के संकेत मिले हैं। आशंका जताई जा रही है कि टैक्स बचाने के उद्देश्य से कोयले की मात्रा और उसमें प्रयुक्त सामग्री में गड़बड़ी की जा रही थी। हालांकि, जीएसटी अधिकारी फिलहाल आधिकारिक बयान देने से बच रहे हैं।

लंबे समय से निगरानी में थे कारोबारी…..
सूत्रों का कहना है कि ये तीनों कोयला कारोबारी काफी समय से GST विभाग की निगरानी में थे। इनका कारोबार कई राज्यों तक फैला हुआ है। कारोबार के अनुपात में टैक्स कम मिलने पर रायपुर से विशेष टीम भेजकर यह कार्रवाई की गई।
मात्रा मिलान के बाद हो सकते हैं बड़े खुलासे….
टीम ने कोल मिक्सिंग में इस्तेमाल होने वाले सभी तत्वों की खरीद-बिक्री से जुड़े रिकॉर्ड जब्त कर लिए हैं। फिलहाल मात्रा का मिलान किया जा रहा है। इसके पूरा होने के बाद टैक्स चोरी की वास्तविक राशि सामने आने की संभावना है।
दूसरे दिन भी जारी रही जांच
शनिवार, 13 दिसंबर को भी सभी ठिकानों पर जांच जारी रही। रायपुर की GST टीम दो दिनों से बिलासपुर में डटी हुई है और व्यापार विहार व लिंक रोड स्थित ऑफिस, वाशरी और प्लांट में देर रात तक दस्तावेजों की पड़ताल की जा रही है। नए लेन-देन और अहम तथ्यों को खंगालने का काम जारी है।



