धान की फसलों को शीथ ब्लाइट रोग से बचाने किसानों को दी गई सलाह
बिलासपुर–जिले में धान की फसलों में हो रहे शीथ ब्लाइट रोग के प्रकोप को देखते हुए कृषि विज्ञान केंद्र के वरिष्ठ वैज्ञानिक एवं प्रमुख डॉ अरूण त्रिपाठी ने इसके लक्षण एवं रोकथाम के लिए आवश्यक जानकारी दी है। उन्होंने बताया कि फसलों में इस रोग के प्रारंभिक अवस्था के दौरान धान के पौधों के तनों पर लिपटे पत्तों के भाग पर अनियमित आकार के मटमैले सफेद रंग के धब्बे दिखाई देते है।
जिसका किनारा गहरा और बैगनी रंग का हो जाता है। अत्यधिक प्रकोप की अवस्था में सबसे ऊपर की पत्ती तक पहुंच जाता है एवं धब्बों का रंग पुआल जैसा हो जाता है। इस रोग का लक्षण कंसे निकलने की अवस्था से दाने आने की अवस्था तक दिखाई देते हैं। रोग ग्रसित पौधों की बालियों में दाने पूरी तरह नहीं भरते है। इस रोग के कारण अनाज की उपज व गुणवत्ता में अत्यधिक नुकसान होने की संभावना रहती है। उन्होंने किसानों से शीथ ब्लाइट रोग के प्रारंभिक लक्षण दिखते ही हेक्जाकोनाजोल 400 मिलीलीटर प्रति एकड़ अथवा थाईफ्लूजामाइड 150 मिलीलीटर प्रति एकड़ की दर से छिड़काव करने की अपील की है। साथ ही मौसम साफ होने पर ही दवाओं का छिड़काव करें।