
तीन तलाक देकर शौहर ने बीबी को निकाला घर से..शादी के बाद शुरू हुआ जुल्म…..शौहर और सास के खिलाफ अपराध दर्ज…..
बिलासपुर–सपनों और उम्मीदों से भरी एक नवविवाहिता की दुनिया उस वक्त उजड़ गई, जब उसका जीवनसाथी ही उसके खिलाफ हो गया। तारबाहर थाना क्षेत्र की यह घटना बताती है कि कैसे आज भी दहेज की कुप्रथा मासूम बेटियों की जिंदगी को निगल रही है।एक ऐसा ही मामला सामने आया जहां दिसंबर 2022 में दुर्ग के सुपेला निवासी नासीर अली से मुस्लिम रीति-रिवाज के अनुसार शादी करने वाली युवती ने जब ससुराल की चौखट पर कदम रखा, तो उसने कभी नहीं सोचा था कि यह घर एक बंदिशों और जुल्म की दीवारों से घिरा होगा।शादी के चंद महीने बाद ही ससुराल वालों ने बाइक की मांग शुरू कर दी। जब युवती ने मायके की आर्थिक स्थिति का हवाला देते हुए असमर्थता जताई, तो उसके साथ दुर्व्यवहार शुरू हो गया। पति और सास ने न केवल शारीरिक हिंसा की, बल्कि भावनात्मक रूप से भी उसे तोड़ने की कोशिश की।अपनी शादी को बचाने के लिए नवविवाहित ने हर संभव प्रयास किया। मायके वालों की समझाइश पर वह ससुराल में बनी रही, लेकिन परिस्थिति दिन-ब-दिन बिगड़ती चली गई। फिर एक दिन, रिश्तों की सारी मर्यादा तोड़ते हुए पति ने उसे तीन बार “तलाक” कहकर घर से निकाल दिया।पीड़िता ने महिला थाने में अपनी व्यथा सुनाई। पुलिस ने पति नासीर अली और उसकी मां के खिलाफ भारतीय न्याय संहिता (BNS) की धाराओं के तहत मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है।अब यह बेटी न्याय की आस लगाए बैठी है। उसने प्रशासन से दोषियों को कड़ी सजा दिलाने की मांग की है, ताकि यह कुप्रथा किसी और महिला की जिंदगी न बर्बाद कर सके।यह घटना समाज को आईना दिखाती है—कानून बन जाने के बावजूद अगर सोच नहीं बदली, तो बेटियों की दुनिया यूं ही उजड़ती रहेगी।