अखिल भारतीय राजपूत वीरांगना समाज की ओर से संस्कार शाला के जरूरत मंद बच्चो को पाठ्य सामग्री का वितरण किया गया

बिलासपुर–समाज के वंचित और पिछड़े बस्तियों के बच्चो को आज कौन पूछता है हर कोई उन्हे हेय दृष्टि से देखता है मगर विश्वाधारंम सौम्य एक नई उड़ान संस्था न केवल उनकी चिंता करता है बल्कि उनके बेहतर भविष्य का निर्माण भी कर रहा है जी हां संस्था के द्वारा शहर के पिछड़े बस्तियों के वंचित बच्चों को विगत 9 माह से निःशुल्क शिक्षा, शिक्षण सामग्री एवम संस्कार दे रहा है जिसमे भिक्षा वृत करने वाले, पन्नी, कबाड़ी उठाने वाले, नशा में लिप्त रहने वाले बच्चे शामिल है जिन्हे आज शहर के बचपन प्ले स्कूल की प्राचार्य प्रीती चौहान अखिल भारतीय राजपूत वीरांगना समाज की ओर से बच्चों को शैक्षणिक भ्रमण एवं खेलकूद मनोरंजन हेतु आमंत्रित किया गया।

राजपूत समाज के द्वारा इन वंचित बच्चों को बहुत ही स्नेह प्यार और सम्मान दिया गया, बच्चो को लाने ले जाने बस की व्यवस्था के अलावा उनके स्वल्पाहार की भी व्यवस्था किया गया। साथ ही अखिल भारतीय राजपूत वीरांगना समाज की अध्यक्ष प्रीति चौहान, सचिव रितु ठाकुर, किरण गहरवार, माला कछवाह, निशा चौहान ,पुष्पा कछवाह, संगीता सिंह ,प्रियम्बदा सिंह ,सुधा सिंह ,हिना ठाकुर ,रानु ठाकुर ,डिप्टी ठाकुर ,बबीता सिंह, कनुप्रिया ठाकुर, डॉक्टर सूचिता,मृदुला एवं अन्य महिलायें उपस्थित रही। सभी महिलाओं की ओर से बच्चों को बैग,कॉपी, कम्पास बॉक्स,सीस,रबर,कटर,पेंसिल, पेन,छाता ,खिलौने का वितरण किया गया।
संस्कार शाला की संस्थापिका सौम्य रंजीता दास ने विद्यालय एवं अखिल भारतीय राजपूत वीरांगना समाज की सभी महिलाओं का आभार व्यक्त करते हुवे बताया की उनका उद्देश्य है ऐसे समाज के वंचित और पिछड़े बच्चो को संस्कारवान बना कर समाज के मुख्यधारा से जोड़ना है साथ ही उनके सार्वभौमिक विकास की चिंता करते हुवे उनके आने वाले कल को बेहतर बनाना ही मूल उद्देश्य है अभी शहर में 4 स्थानों पर संस्कार शाला संचालित हो रही है जिसमे कुल 230 बच्चे प्रतिदिन शिक्षा ग्रहण करने संस्कार शाला आ रहे है इस कार्य में समाज की भी बहुत बड़ी भूमिका है जिन्होंने हमे बच्चो को पढ़ाने के लिए मूलभूत आवश्यकता के समान की व्यवस्था किए है।

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