पुलिस हिरासत में बेरहमी से पिटाई….परिजनों का आरोप…..तारबहार पुलिस पर उठ रहे सवाल…

बिलासपुर–गुरुवार की शाम को तोड़फोड़ के मामले में पुलिस हिरासत में युवक के साथ थाने में पुलिस के द्वारा मारपीट का गंभीर आरोप लगा।इस घटना के समाने आने के बाद पुलिस द्वारा मारपीट किए जाने को लेकर काफी हो हंगामा भी मचा।जहां परिजन खुलकर मीडिया के सामने पुलिस की बेजा कार्रवाई और मारपीट और धमकी चमकी की बात कही।वही पूरे घटनाक्रम में आरोप प्रत्यारोप से घिरता तारबहार थाना और पुलिस कर्मी।

दरअसल तारबहार पुलिस एक बार फिर से विवादों में घिर गई।इस बार पुलिस ने मारपीट और तोड़फोड़ के आरोप में एक युवक को पकड़ पाने में असमर्थ होकर पुलिस कर्मियों ने इलाके के भाजपा नेता से उसको पकड़वाने की मदद मांगी जिसके बाद भाजपा नेता के कहने पर युवक के समर्पण करने के बाद उसे थाने में बैठाया गया। इस मामले में तारबहार थाना की पुलिस पर आरोपी के परिजनों ने मारपीट करने का आरोप लगाया है और उसके शरीर पर गंभीर चोट के निशान है जिसकी फोटो परिजनों ने साझा की है । हालांकि तारबहार पुलिस मारपीट की बात को पूरी तरह से गलत बता रही है।

क्या कहना है परिजनों का इस मामले को लेकर

युवक के परिजनों का आरोप है कि तोड़फोड़ के एक मामले में तारबहार पुलिस ने अंकुश का नाम जोड़ दिया और उसे ढूंढने बार बार घर आकर परेशान करने लगे व उसके भाई को गिरफ्तार का 151 की कार्यवाही कर दिए । बाद में पुलिस कर्मियों के आग्रह पर एक भाजपा नेता के कहने पर अंकुश ने थाने में समर्पण कर दिया । परिजन कहते हैं कि गिरफ्तारी के बाद अंकुश की पिटाई की गई जबकि उसने खुद समर्पण कर दिया था । आरोपी व्यक्ति पीलिया से ग्रसित है जिससे उसकी तबीयत काफी बिगड़ गई है । परिजनों ने थाने ने काफी देर तक हंगामा किया और एसपी से शिकायत करने की बात पर अड़े रहे । इसके बाद थाना प्रभारी ने सबको आश्वाशन और समझाइश देकर घर भेज दिया ।

बेजा कार्रवाई

वहीं तारबहार थाना क्षेत्र में रहने वाले एक युवक गौरव के परिजनों ने पुलिस पर फर्जी केस में फसाने और मारपीट करने का आरोप भी लगाया है। युवक के परिजनों का कहना है कि पुलिस ने उसको घर से बुला कर 25/27 आर्म्स एक्ट की धारा लगा दिया जबकि वह किसी तरह की घटना में शामिल नहीं था और जब उसके परिजन थाने में जानकारी लेने पहुंचे की युवक को पुलिस ने क्यों गिरफ्तार किया है तो पुलिस ने युवक के पिता पर भी 151 की कार्रवाई कर दी जो पूरी तरह असंवैधानिक है और आमजन के अधिकारों का हनन है।

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