सैनिक स्कूल के दो शिक्षको की अस्थाई से स्थाई नियुक्ति को लेकर लगा आरोप

छत्तीसगढ़– सैनिक स्कूल अंबिकापुर के निष्कासित पूर्व कार्यालय अध्यक्ष जयंत कुमार सिंह ने आरटीआई के माध्यम से खुलासा करते हुए बताया कि सैनिक स्कूल अंबिकापुर में असिस्टेंट मास्टर कंप्यूटर साइंस और नर्सिंग असिस्टेंट के एक-एक पद पर अस्थायी नियुक्ति की गई थी।

179 दिनों के लिए 2008 के तीसरे या चौथे चतुर्थांश में अस्थायी नियुक्ति की मियाद पूरी होने के पूर्व ही 01 जनवरी 2009 को इन दोनों को स्थायी तौर पर नियुक्त कर लिया गया। बिना किसी औपचारिक चयन प्रक्रिया के जो कि गैर विधिक होने के साथ ही तमाम उपयुक्त उम्मीदवारों को वंचित करता है। शिक्षक एवं नर्सिंग असिस्टेंट उक्त पद पर आसीन हैं। जिसकी योगता उक्त पद के लिए नहीं प्रतीत होती है क्योंकि नर्सिंग असिस्टेंट पद के लिए नर्सिंग डिप्लोमा डिग्री होना आवश्यक है। उक्त जानकारी जयंत कुमार सिंह द्वारा जब प्राचार्य को दी गई तो उसे ही विभिन्न शिकायतों के द्वारा निष्कासित कर दिया गया।

जयंत कुमार सिंह ने आरोप लगाते हुए आगे बताया कि नियुक्ति पूर्व संस्थापक प्रधानाचार्य द्वारा की गई थी, जिसकी जांच की जानी चाहिए।

इस संबंध में श्री सिंह द्वारा केंद्रीय सूचना आयोग के आदेश पर सैनिक स्कूल अंबिकापुर में एक पत्र के माध्यम से सूचना भी दी और इसमें बताया गया कि इन दोनों ही पत्रों के माध्यम के यह जानकारी उपलब्ध करायी गयी है कि अस्थायी और स्थायी नियुक्ति से संबंधित विज्ञापन और चयन परीक्षा की तारीख की उपस्थिति शीट नही है।तथा अंतिम अनुषेध में बताया गया है की स्कूल उस समय प्रारम्भिक दौर में था।

अतः उपलब्ध अस्थायी कर्मचारियों को शिक्षकों एक बोर्ड के माध्यम से उनकी उपयुक्तता का अन्वेषण करते हुए स्थायी कर दिया गया।

निष्काशित कार्यालयाध्यक्ष का यह आरोप भी है कि पचास प्रतिशत से ज्यादा भर्तियां कुछ ऐसी ही हैं और बहुतों के शैक्षणिक दस्तावेज ही फर्जी हैं।उन्होंने आग्रह किया कि आज की तारीख में सैनिक स्कूल में सेवारत सभी स्टाफ की अगर किसी उच्च स्तरीय स्वतंत्र एजेंसी से जांच करायी जाए तो दूध का दूध और पानी का पानी हो सब स्पष्ट हो जाएगा।

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