
सिम्स में विश्व आत्महत्या रोकथाम दिवस पर जागरूकता कार्यक्रम आयोजित…..
बिलासपुर–छत्तीसगढ़ आयुर्विज्ञान संस्थान (सिम्स) के सभागार में मनोरोग विभाग द्वारा विश्व आत्महत्या रोकथाम दिवस के अवसर पर जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन किया गया।कार्यक्रम के मुख्य अतिथि सिम्स के अधिष्ठाता डॉ. रमणेश मूर्ति थे। विशिष्ट अतिथि के रूप में डॉ. लखन सिंह (चिकित्सा अधीक्षक) सिम्स , डॉ मधुमित्ता मूर्ति विभागाध्यक्ष निसचेतना , डॉ राकेश नहारेल विभागाध्यक्ष शिशु रोग डॉ. चन्द्रहास ध्रुव (अधीक्षक, बालक छात्रावास) एवं डॉ. ज्योति पोर्ते (अधीक्षक, बालिका छात्रावास) उपस्थित रहे।
इस वर्ष विश्व स्वास्थ्य संगठन ने आत्महत्या रोकथाम दिवस की थीम “आत्महत्या पर वर्णन को बदलना है” निर्धारित की है।
कार्यक्रम का प्रस्तावना उद्बोधन मनोरोग विभागाध्यक्ष डॉ. सुजीत नायक ने दिया। इसके पश्चात् डॉ. गौरी शंकर सिंह एवं डॉ. राकेश जांगड़े ने Suicide Prevention and Management विषय पर अपने विचार व्यक्त किए।
अपने संबोधन में अधिष्ठाता डॉ. रमणेश मूर्ति ने आत्महत्या को समाज के लिए अभिशाप बताते हुए इसके कारणों एवं बचाव के उपायों पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि बच्चों की सफलता का आकलन परीक्षा के अंकों से नहीं, बल्कि अर्जित ज्ञान से होना चाहिए। इस अवसर पर उन्होंने छात्र-छात्राओं एवं शिक्षकों को आत्महत्या न करने तथा इसके रोकथाम के लिए सक्रिय प्रयास करने की शपथ भी दिलाई।
चिकित्सा अधीक्षक डॉ. लखन सिंह ने हर कठिन परिस्थिति में धैर्य एवं संयम बनाए रखने और आत्मबल बढ़ाने पर जोर दिया। उन्होंने मानसिक स्वास्थ्य को भी अत्यंत महत्वपूर्ण बताते हुए इस पर विशेष ध्यान देने की अपील की।
कार्यक्रम के दौरान मनोरोग विभाग के स्नातकोत्तर चिकित्सकों द्वारा लघु नाट्य का मंचन किया गया, वहीं बिलासा नर्सिंग महाविद्यालय के छात्र-छात्राओं ने भी नाट्य प्रस्तुति देकर आत्महत्या रोकथाम का संदेश दिया। दर्शकों ने दोनों प्रस्तुतियों की सराहना की।
अंत में विभागाध्यक्ष डॉ. नायक ने आभार प्रदर्शन किया और कार्यक्रम का समापन हुआ। सम्पूर्ण कार्यक्रम का सफल मंच संचालन डॉ. सुधांशु भट्ट ने किया।
इस आयोजन को सफल बनाने में मनोरोग विभाग के डॉ. अंकित गुप्ता, डॉ. अंशुल गुप्ता, डॉ. प्रियांश, डॉ. अंकिता, डॉ. सत्यस्मिता, डॉ. तुलेश्वर, डॉ. आयुष, डॉ. अलीश, डॉ. किशन एवं सभी इंटर्न विद्यार्थियों का महत्वपूर्ण सहयोग रहा।