आजाद मंच ने किया दूसरे आंदोलन का आगाज,भ्रष्टाचार उजागर कर की फाइट अगेंस्ट करप्शन आंदोलन की शुरुआत,कमीशन खोरी का खेल नीचे से ऊपर तक आम जनता और शासन के करोड़ों रुपए का हो रहा बंदरबांट :आज़ाद मंच
बिलासपुर –आजाद मंच द्वारा आज शुक्रवार को बिलासपुर प्रेस क्लब में पत्रकार वार्ता की गई। जिसमें उनके द्वारा अपने पहले सफल आंदोलन के पूर्ण होने की और अपने दूसरे आंदोलन के आगाज की घोषणा की गई।आजाद मंच प्रमुख के साथ मंच के पदाधिकारियों ने सिटी बस शुरू होने पर अपने पहले सिटी बस संचालन के आंदोलन को सफलतापूर्वक पूर्ण होने पर सभी का धन्यवाद दिया और आजाद मंच के दूसरे आंदोलन फाइट अगेंस्ट करप्शन की शुरुआत एक भ्रष्टाचार के खुलासे के साथ लाइव डेमो में पर्दाफाश कर की। आजाद मंच प्रमुख विक्रांत तिवारी ने कहा की भ्रष्टाचार सरकारी प्रोटोकॉल बनता जा रहा है।
जिसने छत्तीसगढ़ को दीमक की तरह अंदर से खोखला करना शुरू कर दिया है। इस दीमक की दवा बन कर इसे खत्म करेंगे जिसमें आप सभी पत्रकार साथियों का पूर्व की तरह सहयोग वांछित है।आज हम निर्माण कार्य मे लगी दीमक से आपको अवगत कराएंगे पूर्व की सरकार ने भ्रष्टाचार को रोकने जनता के पैसे का सही उपयोग करने और निर्माण कार्यों में गुणवत्ता के साथ-साथ पारदर्शिता लाने ऑनलाइन टेंडर की प्रक्रिया शुरू की थी लेकिन इस प्रक्रिया में भी भ्रष्टाचारियों ने अपना खेल शुरू कर दिया कुल 154 विभाग के कार्य ऑनलाइन प्रक्रिया के तहत cgeprocurement में पंजीबद्ध हैं जिसमें से आज हम आपको एक विभाग के एक निकाय कि एक कार्य का भ्रष्टाचार दिखाते हैं ,एक एनआईटी 1839 दिनांक 18.11.21 जिसमें 5 कार्य निकलते हैं एक साथ ऑनलाइन के लिए चार कार्य 21 लाख, 24 लाख,26लाख 40 लाख दिखते हैं खुलते हैं पता लगते हैं पर 65 लाख का एक कार्य जिस दिन उसका टेंडर आता है उस दिन से लेकर और आज दिनांक तक ओपन नहीं होता इसका कारण यह है वह कार्य पहले से दिया जा चुका है उसके एवज में धन लिया जा चुका है। मामला है नगरीय निकाय विभाग अर्बन एडमिनिस्ट्रेटिव डिपार्टमेंट नगरी निकाय विभाग के मल्हार नगर पंचायत में निकले 6500000 के लाइट के टेंडर का है जो सेटिंग करके रोक दिया गया आप सोचिए कि अगर सिर्फ एक निकाय की बात कर ले एक बार में दो से तीन करोड़ का टेंडर जिसमें 65 लाख का खेल तो साल भर में इस निकाय में अगर ऐसे 5, 7 टेंडर निकलते हैं तो 10 15 करोड़ का काम होता है हमारे बिलासपुर जिले में किस विभाग के अंतर्गत मल्हार रतनपुर बिल्हा कोटा जैसे 8 नगर पंचायतें है तो वहां यह राशि कितनी बड़ी हो जाएगी पूरी नगरी निकाय विभाग में 195 नगर पंचायत है तो यह राशि कितनी बड़ी हो जाती है और ऐसे 154 विभाग से राशि कहां से कहां तक चली जाती है । मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की सोच कुछ समय पहले सामने आई इसमें उन्होंने छत्तीसगढ़ के बेरोजगार युवाओं को हर हाथ काम जैसी सोच के साथ ठेका पद्धति में काम दिलाने के लिए पंजीकृत करवाया और एक पारदर्शी प्रक्रिया के तहत उन्हें काम मिलने का भरोसा दिलाया किंतु आज इस तरीके के भ्रष्टाचारी जो कमीशन खोरी के चक्कर में सिर्फ उन युवाओं के भविष्य के साथ ही नहीं बल्कि मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की सोच पर भी चोट पहुंचा रहे हैं जिसमें युवाओं को अपने पैरों पर खड़े करने के लिए ऐसी योजनाओं सार्वजनिक जिसे मुख्यमंत्री ने की थी। आज ऑनलाइन टेंडरों को विभाग उनके अधिकारी कर्मचारी लगातार मजाक का विषय बना चुके हैं अगर नगरी निकाय विभाग की बात की जाए तो सिर्फ कमीशन के कारण ही करोड़ों के काम महीनों तक बिना खोलें रख दिए जाते हैं पूजा समय सीमा इन टेंडरों के साथ दी जाती है उसे फाइलों में मजाक की तरह उपयोग किया जाता है उनका कोई औचित्य नहीं होता ऐसे कई मामले आज हमारे ही आसपास की नगर पंचायतों में देखे जा रहे हैं । अगर आज ऐसी दीमको को खत्म नहीं किया गया तो धीरे धीरे यह पूरे सिस्टम को फेल कर देंगे हम सभी पत्रकार साथियों से मांग करते हैं की हो सकता है कि इसको देख कर फिर वह बटन ऑन कर दिया जाए और सबूत ना दिखे पर हम आपसे यह मांग करते हैं कि इस विषय को सक्षम अधिकारियों तक आप पहुंचाएं और इस पर कार्यवाही कराएं ताकि ऐसे भ्रष्टाचार को खुलेआम करने वाले उन लोगों को यह समझ में आए कि बिल्ली अगर अपनी आंख बंद करके दूध पीती है तो इसका मतलब यह नहीं कि वह किसी को नहीं दिखेगी ठीक इसी प्रकार सिस्टम में नीचे से ऊपर तक भ्रष्टाचार को चैनल लाइक करने वाले तमाम भ्रष्टाचारियों को यह आभास होना चाहिए की अब छत्तीसगढ़ ऐसे भ्रष्टाचारियों को और ऐसे भ्रष्टाचार को बर्दाश्त नहीं करेगा कंप्यूटर ऑपरेटर लेकर वरिष्ठ अधिकारियों तक सभी इस प्रकार की घटनाओं के जिम्मेदार है जांच के उपरांत उन पर कार्यवाही करना शासन को सुनिश्चित करना चाहिए इस प्रकरण में भी और आगे भी जो लोग दोषी हैं हम उन्हें बेनकाब करते रहेंगे।