बाघों की घटती संख्या को लेकर छत्तीसगढ़ के पूर्व मंत्री बृजमोहन अग्रवाल का बड़ा बयान

छत्तीसगढ़-अचानक मार टाइगर रिजर्व बाघो की गणना को लेकर जहा मशक्कत कर रहा है तो वही टाइगर रिजर्व प्रबन्धन के द्वारा की जा रही लापरवाही को लेकर हाईकोर्ट में एक जनहित याचिका लगा दी गयी है जिसमे 8 हफ्ते के भीतर जवाव देने को कहा गया है मामले में वन्यप्रेमी बाघो की घटती संख्या पर चिंता जता रहे है तो दूसरी तरफ मामले में अब राजनीतिक ब्यानबाज़ी भी तेज हो गयी हैअचानक मार टाइगर रिजर्व के द्वारा टाइगर रिजर्व में गण ना के लिए भारी भरकम अमले को 25 अचतुबर से गिनती करने के लिए लगा दिया गया दो चरणों मे होने वाली ये गणना 15 नम्वर को पूरी हो जाएगी उसके बाद हकीकत सामने आएगी की बाग बढ़े है।


या नही हालाकिं पिछले आकड़ो की तरफ नजर डाले तो पिछले 20 साल पहले बाघ हुआ करते थे बाद में ये संख्या घटते घटते 5 के आसपास पहुँच गए लेकिन ए टी आर प्रबन्धन दावे का दम्भ भर रहा है

उधर छत्तीसगढ़ में बाघो की लगातार घट रही पिछले 4 साल में बाघो की संख्या 46 से सिमटकर 19 हो गयी है इसके बाद भी वन विभाग को इसकी चिंता नही है 12 साल में आज तक राष्ट्रीय बाघ सरक्षण प्राधिकरण के गाइडलाइन का पालन नही किया जा रहा है।

इस मामले को लेकर जहा दायर जनहित याचिका पर हाईकोर्ट ने केंद्रीय वन एवं पर्यवरण मंत्रलय के सचिव, प्रधान और वन संरक्षक सहित अन्य से 8 सप्ताह के भीतर जवाव मांग है तो दूसरी तरफ सामाजिक कार्यकर्ता किरण सिंह ने मामले में चिंता जताते हुए जिम्मेदारों को ताकीद दी है कि अगर इस पर गंभीरता से ध्यान नही गया तो ये राष्ट्रीय पशु विलुप्त हो जायेगे और केवल किताबो की शोभा बनकर रह जाएंगे।
मामले में अब राजनीतिक बयानबाज़ी भी तेज हो गयी है भाजपा के पूर्व मंत्री ने तो ये तक कह दिया है कि बाघो की रक्षा के लिए जब तक गीदड़ होंगे तब तक उनकी रक्षा हो पाना मुश्किल है।बहरहाल संख्या बढ़ेगी या घटेगी या सवाल बड़े जिम्मेदारों और बयानबाज़ों के लिए बहस का मुद्दा हो सकता है।

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