बिलासपुर स्वास्थ्य विभाग की लापरवाही से फिर गई एक मां की जान जिला अस्पताल पहुंचने के डेढ़ घंटे बाद तक नही मिला इलाज तमाम दावों की खुली पोल
रविन्द्र विश्कर्मा की रिपोर्ट
बिलासपुर में एक बार फिर सिस्टम का बेशर्म चेहरा सामने आया है।जिला अस्पताल के दरवाजे पर समय पर इलाज नही मिलने के कारण एक महिला की तड़फ तड़फ कर मौत हो गई।
।जिला अस्पताल पहुचने के बाद भी करीब डेढ़ घण्टे तक इलाज नही मिलने के वजह से हुई इस मौत ने अस्पताल की स्वास्थ सुविधाओं और सरकार के दावों पर सवालिया निशान खड़े कर दिए है.. बेटे का आरोप है कि कोरोना के लक्षण दिखाई देने पर अपनी 55 वर्षीय मा को बिल्हा क्षेत्र के धौराभाठा गांव से इलाज के लिए जिला अस्पताल लाया था।
लेकिन डेढ़ घण्टे तक उसकी माँ इलाज के लिए अस्पताल के बाहर तड़फती रही लेकिन डॉक्टरों का दिल नही पसीज और किसी ने भी बीमार मरीज को देखने की भी जहमत नही उठाई इलाज नही मिलने के चलते उसकी माँ की दर्दनाक मौत हो गई।अभी बेटा मा की मौत के गम से उबरा भी नही था कि उसके सामने मानवता को शर्मशार करने वाला एक और मामला सामने आ गया जब वह तैनात कर्मचारियों ने शव को देने के एवज में बेबस बेटे से 500 सौ रु भी ले लिए। बेटे का आरोप है कि उसके भाई कोटवार है और उसने मदद के लिए बिल्हा एसडीएम को फोन लगाया एसडीएम ने बीएमओ और बीएमओ ने डॉक्टर को फोन लगाया लेकिन तमाम कोशिश के बाद भी इलाज नहीं मिला और उसकी माँ की मौत हो गई। सिस्टम की पोल खोलती ये हकीकत साफ जाहिर कर रही है कि इलाज की बेहतर स्वास्थ्य सुविधा के दावों की हकिकत क्या है।