बिलासपुर रेल हादसा…..मौत की चीखों से दहला ट्रैक….12 की गई जान – 20 से ज्यादा घायल…..5 मृतकों की हुई पहचान, नाम और तस्वीर आई सामने…..

बिलासपुर। मंगलवार की शाम छत्तीसगढ़ के बिलासपुर जिले के लिए कभी न भूलने वाली बन गई। लाल खदान स्टेशन के पास उस वक्त अफरा-तफरी मच गई जब गेवरारोड से बिलासपुर आ रही मेमू लोकल ट्रेन (संख्या 68733) खड़ी मालगाड़ी से जा टकराई। टक्कर इतनी भीषण थी कि मेमू ट्रेन का इंजन और पहला डिब्बा पूरी तरह मलबे में तब्दील हो गया।

इस भीषण हादसे में 12 यात्रियों की मौत हो चुकी है, जबकि 20 लोग गंभीर रूप से घायल हैं। मृतकों में लोको पायलट, छात्रा और आम यात्री शामिल हैं।

पहचाने गए पांच शव, गांवों में पसरा मातम

मरने वालों में विद्या सागर (लोको पायलट), प्रमिला वस्त्रकार, अंकित अग्रवाल, प्रिया चंद्रा और शीला यादव के नाम शामिल हैं।
बीएससी फाइनल ईयर की छात्रा प्रिया चन्द्रा (GGU) सक्ती जिले के बहेराडीह की रहने वाली थीं। उनकी मौत की खबर जैसे ही गांव पहुंची, परिवार और साथियों में कोहराम मच गया। शीला यादव देवरी खुर्द (बिलासपुर) के बहनिया मंदिर के पास रहती थीं। परिजनों की चीखों से पूरा इलाका गूंज उठा।

लोको पायलट विद्या सागर की मौके पर ही मौत हो गई, जबकि उनकी सहायक रश्मि राज गंभीर रूप से घायल हैं और उन्हें अपोलो अस्पताल में भर्ती कराया गया है। वहीं मालगाड़ी के ट्रेन मैनेजर शैलेश चंद्रा ने सूझबूझ से कूदकर अपनी जान बचाई।

10 घंटे चला रेस्क्यू ऑपरेशन

हादसे के बाद रेलवे प्रशासन, एनडीआरएफ, जीआरपी और स्थानीय पुलिस की टीमों ने मिलकर लगभग 10 घंटे तक बचाव अभियान चलाया।
भारी मशीनों और गैस कटर से कोचों को काटकर फंसे यात्रियों को निकाला गया।
रात तीन बजे तक सभी शवों को बाहर निकाल लिया गया। इंजीनियरों की टीम ने ट्रैक दुरुस्त कर बुधवार सुबह तक मुंबई–हावड़ा रूट को फिर से चालू कर दिया।

घायल यात्रियों की हालत गंभीर

घायलों में शामिल हैं —
मथुरा भास्कर (55), चौरा भास्कर (50), गीता देबनाथ (30), रश्मि राज (34), प्रीतम कुमार (18), संतोष हंसराज (60), ऋषि यादव (2 वर्ष) समेत कुल 20 यात्री।
सभी को बिलासपुर जिला अस्पताल और अपोलो अस्पताल में भर्ती कराया गया है। डॉक्टरों की टीम लगातार इलाज में जुटी है।

सरकार और रेलवे की मदद की घोषणा

रेलवे मंत्रालय ने मृतकों के परिजनों को 10 लाख रुपये, गंभीर रूप से घायलों को 5 लाख, और सामान्य घायलों को 1 लाख रुपये की आर्थिक सहायता देने का ऐलान किया।
वहीं मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने राज्य सरकार की ओर से मृतकों के परिजनों को 5 लाख रुपये और घायलों को 50 हजार रुपये की सहायता राशि देने की घोषणा की।
सीएम ने कहा — “दोषियों को बख्शा नहीं जाएगा, हादसे की उच्चस्तरीय जांच होगी।”

CRS जांच के आदेश, सिग्नलिंग गड़बड़ी की आशंका

हादसे की जांच Commissioner of Railway Safety (CRS) स्तर पर कराई जाएगी।
प्रारंभिक जांच में सिग्नलिंग सिस्टम या लाइन-स्विचिंग में तकनीकी खराबी की आशंका जताई गई है।
रेलवे अधिकारियों से विस्तृत रिपोर्ट तलब की गई है।

प्रदेशभर में शोक की लहर

हादसे की खबर फैलते ही प्रदेशभर में शोक की लहर दौड़ गई।
रेलवे स्टेशन और अस्पतालों में परिजनों की भीड़ उमड़ पड़ी।
मुख्यमंत्री, रेल मंत्री और डिप्टी सीएम ने देर रात तक राहत कार्यों की निगरानी की।
यह हादसा एक बार फिर रेलवे सुरक्षा व्यवस्था पर गंभीर सवाल खड़े कर गया है।

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