प्रदेश सरकार के खिलाफ भाजपा का जेल भरो आंदोलन,बड़ी संख्या में पहुँचे भाजपा कार्यकर्ता

बिलासपुर- विविध निजी सार्वजनिक धार्मिक सामाजिक राजनैतिक कार्यक्रमों आयोजनों की पूर्व अनुमति लेने की अनिवार्यता के लिए छत्तीसगढ़ प्रदेश सरकार द्वारा जारी आदेश के विरोध में जिला भारतीय जनता पार्टी ने नेहरू चौक बिलासपुर से कलेक्ट्रेट की ओर जाकर पांच हजार से ज्यादा कार्यकर्ताओं ने कांग्रेस सरकार के खिलाफ प्रदर्शन कर गिरफ्तारी दी। और भूपेश सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की। इस दौरान भाजपा नेताओं ने 22 अप्रैल को प्रदेश सरकार द्वारा जारी काले कानून के आदेश की प्रतियां फाड़ी तथा काले कानून के आदेश को मानने से इंकार किया।

इस अवसर पर छत्तीसगढ़ विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष धरमलाल कौशिक ने इस काले कानून का पूरजोर विरोध करते हुए तत्काल इसे वापस लेने की मांग की। उन्होंने इसे मिनी आपातकाल की संज्ञा देते हुए कहा कि कांग्रेस सरकार इस कानून के जरिये लोगों की स्वतंत्रता का हनन करना चाहती है। कांग्रेस सरकार ने चुनाव पूर्व जितनी भी घोषणाएं की उस पर आज तक अमल नहीं किया। अनियमित संविदा कर्मचारियों को सत्ता में आते ही नियमित करने आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं का मानदेय बढाने बेरोजगारी भत्ता देने किसानों मजदूरों महिलाओं के साथ धोखाघड़ी किया। झूठे आश्वासन देकर जनता को भ्रमित कर उन्हें ठगा। अब यही जनता आगामी चुनाव में कांग्रेस को सबक सिखायेगी।

पूर्व मंत्री अमर अग्रवाल ने भूपेश सरकार को डरपोक बताते हुए कहा कि 19 बिंदु के काला कानून जो सरकार ने लागू किए हैं वह गैरकानूनी है। यह कानून सरकार ने हड़बड़ा कर एवं डरकर लागू किया है क्योंकि विधानसभा चुनाव के दौरान झूठ का सहारा लेकर बड़े-बड़े वादे कर प्रदेश की जनता को ठग तो लिया लेकिन अब जो वायदे कांग्रेस ने किए थे अब उसे लागू करने में तथा पूरा करने में पसीने छूट रहे हैं कर्मचारियों से लेकर किसानों से लेकर प्रदेश के आम जनमानस में भूपेश सरकार के खिलाफ भारी आक्रोश दिखने लगा है अब कांग्रेस को डर सताने लगा है इसलिए इस काले कानून के आड़ में आंदोलन कर रहे मितानिन हो शासकीय कर्मचारी हो चाहे अन्य संगठन या संस्थाएं इनकी आवाज को दबाने के लिए इस प्रकार के षड्यंत्र रच कर गुंडागर्दी पर यह सरकार उतारू हो गई है।

भाजपा प्रदेश महामंत्री भूपेन्द्र सवन्नी ने कहा कि भूपेश बघेल ने जो काला कानून लाया है उसका हम विरोध करते है, कांग्रेस ने जो वादा खिलाफी किया है उसका आम जनमानस पर असर दिखने लगा है। प्रदेश की कांग्रेस सरकार के खिलाफ विरोध के स्वर उठते देख कर सरकार ने 19 कड़ी शर्तो के साथ 15 बिन्दु का आवेदन पत्र का प्रारूप शपथ पत्र के साथ आयोजन के पूर्व जमा करने का आदेश जारी किया है जिसका भाजपा कार्यकर्ता विरोध करते है।

मस्तूरी विधायक डॉ.कृष्णमूर्ति बांधी ने कहा कि 2023 के विधानसभा चुनाव में प्रदेश की जनता कांग्रेस सरकार को उखाड़ फेकने तैयार है। भाजपा के एक-एक कार्यकर्ता त्याग तपस्या के साथ सदैव देश एवं प्रदेश के लोकतंत्र की रक्षा के लिए तैयार है, वहीं प्रदेश की कांग्रेस सरकार ने साढे तीन वर्ष में अनेक काले कारनामे कर इतिहास रचा है। भ्रष्टाचार, लूट, खसोट, डकैती, हत्या कांग्रेस सरकार में आम बात हो गई है।
बेलतरा विधायक रजनीश सिंह ने कहा कि सत्ता पाने के लिए कांग्रेस ने बड़े-बड़े वादे तो किए थे लेकिन जब वादों को पूरा करने का समय आया तो पूरा नही कर रही है जिसके कारण पूरे छत्तीसगढ़ में विभिन्न कर्मचारी संगठन, किसान, आंगन बाड़ी कार्यकर्ता, मनरेगा कर्मचारी, स्वास्थ्य कर्मचारी, विद्युत कर्मचारी अपनी मांगो को लेकर धरना प्रदर्शन कर रहे थे जिसको दबाने के लिए मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने काला कानून लाकर लोकतंत्र की आवाज को दबाने का कार्य कर रही है।
भाजपा जिलाध्यक्ष रामदेव कुमावत ने कहा कि लोकतंत्र में हर व्यक्ति को अपनी बातो को रखने का अधिकार है लेकिन प्रदेश की कांग्रेस सरकार ने वर्ष 1975 के तर्ज पर प्रदेश में मिनी आपातकाल लागु कर दिया है। प्रदेश सरकार के इस तानाशाही रवैये का भारतीय जनता पार्टी घोर विरोध करती है।

महिला आयोग की पूर्व अध्यक्ष हर्षिता पाण्डेय ने कहा कि भूपेश सरकार ने तुगलकी आदेश जारी कर प्रदेश भर के सभी निजी, सार्वजनिक, धार्मिक, राजनैतिक अन्य संगठनों द्वारा प्रस्तावित आयोजनों पर जिसमें भीड़ आती हो उसे रोकने के लिए 19 बिन्दुओं की शर्ते लगाई है उसका कठोरता से पालन सुनिश्चित करने को कहा है। कांग्रेस का ऐसा करने का इतिहास भी रहा है जिसका हम विरोध करते है।
इस मौके पर प्रमुख रूप से पूर्व सांसद लखनलाल साहू, जिला महामंत्री घनश्याम कौशिक, मोहित जायसवाल, गुलशन ऋषि, पूजा विधानी, अमरजीत सिंग दुआ, राजा पाण्डेय, लवकुश कश्यप, किशोर राय, बृजभूषण वर्मा, रूक्मणी कौशिक, जीवन पाण्डेय, रामप्यारी यादव, तिलक साहू, राजेश मिश्रा पूर्व पार्षद,अवधेश अग्रवाल, रामू साहू, सुधा गुप्ता, दीपमाला कुर्रे, एसकुमार मनहर, शांति देवी मरकाम, राकेश चंद्राकर, द्वारिकेश पाण्डेय, राजेश सूर्यवंशी, सुनीता मानिकपुरी, यास्मीन खान, निखिल केशरवानी, जयश्री चौकसे, कृष्ण कुमार कौशिक, चंद्रप्रकाश सूर्या, दुर्गा प्रसाद कश्यप, लखन पैकरा, सैय्यद मकबूल अली, पल्लव धर, चंद्रप्रकाश मिश्रा, जुगल किशोर अग्रवाल, निर्मल कुमार जीवनानी, अजीत सिंह भोगल, अरविन्द बोलर, संदीप दास, सोमेश तिवारी, पेंगन लाल वर्मा, बलराम देवांगन, धनंजय त्रिपाठी, लक्ष्मी प्रसाद कश्यप, जनक देवांगन, विजय अंचल, राजेन्द्र कुमार राठौर, राजकुमार साहू, हरनारायण तिवारी, राज्यवर्धन कौशिक, तिरिथ राम यादव, महाराज सिंह नायक, राजेश कश्यप, दयाशंकर तिवारी, विश्वनाथ पटेल, बी.आर. महोबिया, त्रेतानाथ पाण्डेय, संतोष कश्यप एवं नगर निगम/नगर पालिका/नगर पंचायत के अध्यक्ष उपाध्यक्ष नेता प्रतिपक्ष पार्षद, जिला पंचायत सदस्य, जनपद अध्यक्ष उपाध्यक्ष एवं जनपद सदस्यों सहित बिलासपुर जिले में निवासरत् भाजपा/मोर्चा/प्रकोष्ठ के पदाधिकारी कार्यकर्ता पांच हजार से ज्यादा संख्या में उपस्थित थे।

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