बीएसएनल सिम धारकों को मोबाइल फोन से यूपीआई ऑनलाइन पेमेंट को लेकर हो रही दिक्कत….बड़े शहर से लेकर ग्रामीण अंचलों के उपभोक्ताओं को करना पड़ रहा जद्दोजहद….

बिलासपुर–देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की महत्वकांछी योजना यूपीआई को उन्हीं के अधीन संचालित होने वाली संस्था भारत संचार निगम लिलिटेड भट्टा बैठने में लगी हुई है।

एक तरफ जहां देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी कैशलेश पर जोर देकर ऑनलाइन पेमेंट के लिए यूपीआई सिस्टम को लागू कर विश्व पटल पर भारत देश को सर्वोच्च स्थान पहुंचाने के प्रयास में है तो वही दूसरी ओर इन्हीं के अधीन संचालित बीएसएनल जैसी टेलीकॉम संस्था ऑनलाइन यूपीआई ट्रांजेक्शन फिसड्डी साबित हो रही है।भारत संचार निगम लिमिटेड को अस्तित्व में आए पच्चीस वर्ष होने का है।लेकिन आज भी इस कंपनी के सिम धारक मोबाइल फोन में चलने वाले नेट से बहुत ज्यादा ही परेशान हो रहे है।नेट की समस्या से इन उपभोक्ताओं को ऑनलाइन यूपीआई ट्रांजेक्शन में सफलता नहीं मिलने के कारण इनको।हताश होना पड़ गया।बीएसएनल की नेट समस्या को लेकर पीड़ित उपभोक्ता शासकीय होने का दंश झेलने को मजबूर हो गए।ये समस्या बड़े शहर से ग्रामीण अंचल तक आम सी हो गई है।वही कई पर्यटन और शासकीय संस्थानों में जहां पर यूपीआई सिस्टम से भुगतान की व्यवस्था की गई वहां पर बीएसएनल पूरी तरह से नाकाम हो जाती है।इस समस्या को लेकर वही उपभोक्ताओं का कहना कि एक दिन की बात हो तो समझ में आती की कोई टेक्निकल समस्या या सर्वर का फाल्ट होगा।लेकिन यह काफी लंबे समय से बनी हुई बरकरार है।इसको लेकर भारत संचार निगम लिमिटेड का कोई ध्यान नहीं है।वही निजी कम्पनियों के साथ यूपीआई में कोई दिक्कत भी नहीं है।

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