एसईसीएल में शुरू हुई कोल इंडिया की पहली पूर्णतः महिलाओं द्वारा संचालित डिस्पेंसरी……मुख्यालय बिलासपुर स्थित वसंत विहार डिस्पेंसरी की कमान संभालेंगी महिलाएं……

बिलासपुर –महिला सशक्तीकरण की दिशा में पहल करते हुए एसईसीएल मुख्यालय स्थित वसंत विहार डिस्पेंसरी का कोल इंडिया की पहली पूर्णतः महिलाओं द्वारा संचालित डिस्पेंसरी के रूप में सोमवार को औपचारिक शुभारंभ किया गया।

इस अभिनव पहल का शुभारंभ एसईसीएल के अध्यक्ष-सह-प्रबंध निदेशक हरीश दुहन के कर-कमलों से हुआ। इस अवसर पर निदेशक तकनीकी (संचालन एवं यो/परि) एन. फ्रैंकलिन जयकुमार, निदेशक (मानव संसाधन) बिरंची दास, निदेशक (वित्त) डी. सुनील कुमार तथा मुख्य सतर्कता अधिकारी हिमांशु जैन भी प्रमुख रूप से उपस्थित रहे।

महिला सशक्तिकरण की दिशा में एक सशक्त कदम मानी जा रही इस पहल के अंतर्गत अब वसंत विहार डिस्पेंसरी की संपूर्ण ज़िम्मेदारी महिलाएँ निभाएँगी। इसमें चिकित्सक, नर्स, फार्मासिस्ट से लेकर अन्य सभी स्टाफ शामिल हैं। डिस्पेंसरी की कमान संभालने वाली 14 सदस्यीय महिला टीम में 5 डॉक्टर, मैट्रन, स्टाफ नर्स, फार्मासिस्ट आदि शामिल हैं।

इस अवसर पर अपने संबोधन में सीएमडी हरीश दुहन ने कहा….
“यह हमारे लिए अत्यंत गौरव का विषय है कि कोल इंडिया की पहली पूर्णतः महिलाओं द्वारा संचालित डिस्पेंसरी की शुरुआत एसईसीएल में हुई है। कोयला मंत्री का विजन है कि कोयला क्षेत्र में महिलाओं की भागीदारी को बढ़ाया जाए और उन्हें नेतृत्व के अवसर प्रदान किए जाएँ। यह पहल उसी दिशा में हमारा एक सार्थक प्रयास है, और हम आगे भी ऐसे प्रयास जारी रखेंगे।

निदेशक (मानव संसाधन) बिरंची दास ने इस पहल की सराहना करते हुए कहा, “महिलाओं को समान अवसर देने के लिए हम पूरी तरह प्रतिबद्ध हैं। वसंत विहार डिस्पेंसरी की यह पहल महिला सशक्तिकरण की दिशा में एक ठोस कदम है।”

डिस्पेंसरी में निम्नलिखित चिकित्सा सुविधाएं उपलब्ध कराई जाएंगी…..
• ओपीडी सेवाएं (OPD Services)
• आकस्मिक चिकित्सा सेवाएं (Casualty Services)
• ड्रेसिंग एवं इंजेक्शन रूम
• ईसीजी (ECG)
• पैथोलॉजी परीक्षण हेतु रक्त संग्रह केंद्र
• ओपीडी फार्मेसी
• आपातकालीन एवं रेफरल सेवाएं

इस अवसर पर सीएमएस डॉ. प्रतिभा पाठक, सीएमएस डॉ. श्रुतिदेव मिश्रा, डिप्टी-सीएमएस डॉ. अरिहंत जैन, विभिन्न विभागों के विभागाध्यक्ष, श्रमिक संघों के प्रतिनिधि एवं अनेक अधिकारी-कर्मचारीगण उपस्थित थे।
यह पहल न केवल स्वास्थ्य सेवाओं में गुणवत्ता और संवेदनशीलता बढ़ाने का कार्य करेगी, बल्कि कोयला उद्योग में महिलाओं की नेतृत्व क्षमता को भी एक नया मंच प्रदान करेगी।

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