कोल माफिया भी पहुंच रहे जनदर्शन में,पुलिस कैसे पहचाने कौन शिकायतकर्ता,कोल व्यापारियों के खिलाफ कार्रवाई में पिछड़ी बिलासपुर पुलिस

बिलासपुर-बेहतर कानून व्यवस्था और सामाजिक समरसता को देखते हुए पिछले दिनों मुख्यमंत्री ने पुलिस अधिकारियों को जनदर्शन आयोजित करने के निर्देश दिए थे। जो लगातार जनदर्शन का आयोजन पुलिस अधिकारियों द्वारा अपने ऑफिस में किया जा रहा है। सोमवार को बिलासपुर रेंज के आईजी और मंगलवार को पुलिस अधीक्षक द्वारा अपने कार्यालय में जनदर्शन का आयोजन किया जा रहा है।आम जनता लगातार पहुंचकर अपनी शिकायतों को जनदर्शन में अधिकारियों के सामने रख रहे हैं। जमीनी विवाद को लेकर आपसी लड़ाई और शहर में चल रहे नशे के व्यापार को लेकर शिकायतो का भरमार है।बीते दिन बिलासपुर आईजी द्वारा जनदर्शन का आयोजन किया गया था, जिसमें कोल माफिया स्वयं शिकायत लेकर पहुंच गए। जबकि उस जमीन में कोल व्यसायी का नाम तक नही है।आईजी से फरियाद लगाने पहुंचे कोल माफिया खुद कितने पानी में है। यह देखने से पहले दूसरों के ऊपर कीचड़ उछालने और अपने वर्चस्व का लोहा मनवाने जमीन के मामले में एक व्यक्ति को घेरने के लिए लंबे समय से प्रयासरत हैं।

बीते रविवार को सिविल लाइन पुलिस ने अपनी सक्रियता दिखाते हुए तीन माह से जमीन संबंधी पड़ी शिकायत में एक्सन ली तो उससे जुड़े लोग तिलमिला उठे और जांच अधिकारी को बार बार दबाव बनाने का प्रयास किया जाता रहा।वही जांच अधिकारी ने जब दोनो पक्षो को अपने अपने मूल दस्तावेज के साथ थाना आने को कहा।एक पक्ष तो न्यायालय से मिले फैसले के साथ थाना पहुँच कर अपना बयान भी दर्ज करा दिया,लेकिन दूसरा पक्ष ना तो थाना पहुँचा नाही अपने दस्तावेज को लाना मुनासिब नही समझा और सीधे दूसरे दिन आईजी के जनदर्शन में पहुँच कर अपने आप पीड़ित बताने का रोना रोकर अधिकारी को अपने पक्ष में कार्रवाई के लिए दबाव बनाया गया।ऐसे में सवाल उठता है।कि लंबे समय से कोरबा से लेकर रायपुर तक कोयले का जो व्यापार बड़े स्तर पर चल रहा है। उस पर पुलिस लगाम नहीं लगा पा रही है।और कोयला व्यापारियों की आंच अब जमीन के काम में भी देखने को आसानी से मिल रही है।कुछ सालों पहले कोरबा से बिलासपुर आकर अपना धंधा जमाने वाले यह लोग अब अपने वर्चस्व दिखाने में पीछे नहीं हट रहे है। बता दें कि लगातार शिकायतों के बाद भी कोयला व्यापारियों पर बिलासपुर पुलिस द्वारा बड़ी कार्यवाही नहीं की जा रही है। वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक दीपक झा बिलासपुर पहुंचने के बाद उम्मीद लगाई जा रही थी कि कोयला व्यापारियों पर शिकंजा कसा जाएगा लेकिन धीरे-धीरे कोयला व्यापारी एक बार फिर से अपना वर्चस्व स्थापित करने में सफल होते नजर आ रहे हैं काला सोना कहे जाने वाले कोयले की अफरा-तफरी बिलासपुर जिले में इन दिनों इस कदर बढ़ गई है कि इन पर लंबे समय से कोई बड़ी कार्रवाई भी नहीं हो पाई है।ऐसे में सवाल उठना लाजमी है कि बिलासपुर पुलिस द्वारा जनदर्शन का आयोजन कर जनता के परेशानी को हल करने का काम तो किया जा रहा है लेकिन थानों की पुलिसिंग को छोड़ पुलिस के आला अधिकारी कोयला व्यापारियों की सरपरस्ती में नजर आ रहे हैं।

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