कलेक्टर का आया नया आदेश, दुकानें शाम 7 बजे होगी बन्द

कोरोना का लगातार कहर जारी है और अब बिलासपुर जिले में कलेक्टर ने नया दिशानिर्देश जारी किया है । कोरोना के बढ़ते संक्रमण को लेकर बिलासपुर में अब दुकान खुलने और बन्द होने की टाइमिंग बदल दी गई है। बिलासपुर कलेक्टर सारांश मित्तर ने अपने नए आदेश में दुकानों के खुलने और बंद होने के समय को रिशेड्यूल किया है। बिलासपुर में अब शाम 7 बजे से सुबह 6 बजे तक सभी दुकानें बंद रहेंगी। नए आदेश के अनुसार सुबह 6 बजे से शाम 7 बजे तक ही मार्केट खुला रहेगा। इससे पहले रात 9 से सुबह 6 बजे तक मार्केट बंद रखने का आदेश जारी किया गया था।
कलेक्टर डाॅ. सारांश मित्तर द्वारा समस्त नगरीय निकायों एवं नगर निगम बिलासपुर के सीमा क्षेत्र भीतर स्थित व्यापारिक प्रतिष्ठानों के संचालन के समय को एक बार फिर बदला गया है। जिसके अनुसार सभी प्रकार की स्थाई एवं अस्थाई दुकानें प्रातः 6 बजे से शाम 7 बजे तक, रेस्टोरेंट, होटल, ढाबा प्रातः 6 बजे से रात्रि 9 बजे तक खुलेंगी।पेट्रोल पम्प एवं मेडिकल स्टोर्स नए आदेश से मुक्त रहेंगे। इसके अतिरिक्त वस्तुओं एवं सेवाओं के आवागमन भी नए प्रतिबंध से मुक्त होंगे। सभी दुकानों के सामने दुकानदारों को स्वयं फ्लैक्स छपवाकर दुकानों के खुलने एवं बंद करने की समय सीमा को प्रदर्शित करना होगा। सभी व्यापारियों, कर्मचारियों, ग्राहकों को मास्क पहनना अनिवार्य होगा। समस्त व्यापारिक गतिविधियों में सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करना अनिवार्य होगा। सभी व्यासायियों को अपने दुकान, संस्थान में विक्रय हेतु मास्क रखना अनिवार्य होगा ।
बिना मास्क पहने खरीददारी करने आये ग्राहकों को पहले मास्क दिया जाएगा फिर वस्तुओं, सेवाओं का विक्रय किया जाएगा। प्रत्येक दुकान, संस्थान में स्वयं तथा आगन्तुकों के उपयोग हेतु सेनेटाइजर रखना अनिवार्य होगा । अगर किसी बाजार या अन्य किसी क्षेत्र में कंटेनमेंट जोन घोषित हो जाता है तो उस क्षेत्र के समस्त व्यवसाय बंद हो जाएंगे । उस क्षेत्र में कंटेनमेंट जोन के समस्त नियमों का पालन करना होगा। यदि किसी व्यवसायी के द्वारा उपरोक्त शर्ताें में से किसी एक या एक से अधिक शर्ताें का उल्लंघन किया जाता है तो उसकी दुकान संस्थान को तत्काल प्रभाव से 15 दिवस के लिए सील कर दिया जाएगा। आदेशों का उल्लंघन करने वाले व्यक्ति, प्रतिष्ठान भारतीय दण्ड संहिता 1860 की धारा सहपठित आपदा प्रबंधन अधिनियम 2005 की धारा 51 से 60 एवं महामारी नियंत्रण अधिनियम 1897 की धारा 3 के तहत दण्डनीय होंगे।

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