
अरपा तट पर 80–100 करोड़ की सड़क…किसके लिए? कांग्रेस ने खड़ा किया बड़ा सवाल, कल मोपका में होगा विरोध प्रदर्शन…..
बिलासपुर– शहर और ग्रामीण इलाकों की जर्जर सड़कों को लेकर कांग्रेस ने सरकार और प्रशासन पर बड़ा हमला बोला है। कांग्रेस ने आरोप लगाया है कि जब पूरा जिला टूटी सड़कों से त्रस्त है, तब अरपा नदी के सुनसान तट पर लगभग 80 से 100 करोड़ रुपये की महंगी सड़क किसके हित में बनाई जा रही है। इसी मुद्दे को लेकर कांग्रेस शनिवार दोपहर 1 बजे मोपका की खराब सड़क पर बड़ा विरोध प्रदर्शन करने जा रही है।

जनता त्रस्त—फिर भी शांत क्यों सत्ता पक्ष?
कांग्रेस का कहना है कि प्रदेश के उपमुख्यमंत्री और लोक निर्माण मंत्री अरुण साव, केंद्रीय मंत्री व सांसद तोखन साहू और स्थानीय विधायक—तीनों इस प्रोजेक्ट की जानकारी रखते होंगे। बावजूद इसके किसी ने यह नहीं पूछा कि इस सड़क की आवश्यकता क्या है, और यह किसके हित में बनाई जा रही है।
सुनसान तट पर करोड़ों की सड़क—आगे निजी ज़मीन पर खत्म
कांग्रेस ने बताया कि कमिश्नर कार्यालय के पीछे कोनी और शिव घाट से मंगला तक नदी किनारे 80 फीट चौड़ी महंगी सड़क बनाई जा रही है, जो आगे जाकर निजी जमीन पर खत्म हो जाती है। ऐसे में यह सड़क न तो किसी सार्वजनिक उपयोग में आ सकती है और न ही जनता के हित में दिखाई देती है।
शहर परेशान, सड़कें ध्वस्त—फिर भी स्मार्ट सिटी का पैसा तट पर खर्च
कांग्रेस ने आरोप लगाया कि यह क्षेत्र स्मार्ट सिटी सीमा में नहीं आता, फिर भी नगर निगम और स्मार्ट सिटी का फंड यहाँ लगा दिया गया। न DPR सार्वजनिक की गई, न जन-सुनवाई, न पर्यावरण अनुमति और न ही नदी तट संबंधी नियमों का पालन। कांग्रेस का कहना है कि यह पूरा प्रोजेक्ट पारदर्शिता से दूर और दबाव में बनाया गया।
शहर और गांवों में लोग गड्ढों से लड़ रहे—लेकिन करोड़ों नदी किनारे उड़ाए…..
कांग्रेस नेताओं का कहना है कि आज शहर से लेकर ग्रामीण सड़कों की हालत बदहाल है। नवरात्र में लोग धूल और गड्ढों के बीच पंडालों तक पहुंचे। हाई कोर्ट तक सड़कों पर कड़ी टिप्पणी कर चुका है। उसके बाद भी करोड़ों रुपये एक सुनसान जगह पर लगाना जनता की उपेक्षा दर्शाता है।
पूर्ववर्ती योजनाएँ धरी की धरी—अधूरी सड़क ने बिगाड़ा संतुलन
कांग्रेस ने कहा कि पिछली सरकार ने अरपा नदी को विकसित करने के लिए घाटों को जोड़ने, तट संरक्षण, पर्यटन विकास और सौंदर्यीकरण की योजनाएँ बनाई थीं। लेकिन मौजूदा निर्माण में इन योजनाओं पर ध्यान नहीं दिया गया और सिर्फ एक महंगी लेकिन अधूरी सड़क तैयार कर दी गई, जिसका न विकास में योगदान है न जनता को लाभ।
घोषणाएँ बहुत—काम नजर नहीं आता
कांग्रेस ने सवाल उठाया कि सत्ताधारी दल के मंत्री और विधायक रोज़ करोड़ों की घोषणाओं का ढोल पीटते हैं, लेकिन धरातल पर एक भी सड़क तैयार नज़र नहीं आती। जनता को राहत घोषणाओं से नहीं, विकास कार्यों के पूरा होने से मिलेगी।
कांग्रेस के 12 सवाल
कांग्रेस ने शासन व प्रशासन से कई सवालों की सूची जारी की है, जिनमें शामिल हैं—
1. सड़क का DPR कहाँ है?
2. स्मार्ट सिटी फंड गैर–स्मार्ट सिटी क्षेत्र में कैसे खर्च हुआ?
3. क्या अधिकारी परियोजना की वास्तविक स्थिति छुपा रहे हैं?
4. सड़क निजी जमीन पर आकर क्यों रुक जाती है?
5. पर्यावरण नियम कहाँ लागू हुए?
6. जब सड़कें टूटी हैं, तो करोड़ों अरपा तट पर क्यों?
7. क्या जनता से कोई सुनवाई हुई?
8. शासन को क्या सही जानकारी दी गई?
9. किसके दबाव में प्रोजेक्ट चला?
10. सड़क सार्वजनिक जरूरत है या निजी लाभ?
11. क्या बिना बताए ‘मरीन ड्राइव’ जैसा निजी व्यू-पॉइंट बनाया जा रहा है?
12. जनप्रतिनिधि चुप क्यों?
पत्रकार वार्ता में मौजूद
विजय केशरवानी, राजेंद्र साहू, ऋषि पांडेय, झगरराम सूर्यवंशी, विनोद साहू, अनिल यादव, मोहन श्रीवास, सुनील सोनकर, साखन दरवे उपस्थित रहे।



