
बिलासपुर में कांग्रेस की रणनीतिक बैठक.. 9 सितंबर रैली की तैयारी तेज…चरणदास महंत का बड़ा हमला…..चमचों की संख्या आज सांप-बिच्छू जितनी…..
बिलासपुर–शुक्रवार को कांग्रेस की एक अहम बैठक आयोजित की गई। कांग्रेस भवन में हुई इस बैठक में नेता प्रतिपक्ष चरणदास महंत, प्रदेश सह-प्रभारी विजय जांगिड़, राष्ट्रीय सचिव देवेंद्र यादव, जिला प्रभारी सुबोध हरितवाल समेत कई वरिष्ठ नेताओं ने हिस्सा लिया। बैठक का मुख्य एजेंडा 9 सितंबर को बिलासपुर में आयोजित होने वाले प्रदेश स्तरीय “वोट चोर, गद्दी छोड़” प्रदर्शन की तैयारी रहा। कांग्रेस ने इसे लोकतंत्र की रक्षा के लिए जनजागरण आंदोलन बताया। इस प्रदर्शन में प्रदेश प्रभारी सचिन पायलट, प्रदेश अध्यक्ष दीपक बैज,पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल, पूर्व उपमुख्यमंत्री टीएस सिंहदेव समेत कांग्रेस के बड़े नेता शामिल होंगे।
चरणदास महंत ने बैठक में साफ कहा कि यह सिर्फ वोट चोरी का मामला नहीं है बल्कि संवैधानिक अधिकारों पर हो रहे अतिक्रमण** के खिलाफ कांग्रेस का संघर्ष है। उन्होंने कार्यकर्ताओं से अधिक से अधिक लोगों को जोड़ने और रैली को ऐतिहासिक बनाने की अपील की।
महंत का मीडिया से सीधा हमला – “चमचे और कार्यकर्ता में फर्क”
पत्रकारों से चर्चा के दौरान महंत ने संगठन की आंतरिक राजनीति पर बड़ा बयान दिया। उन्होंने कहा कि असली कार्यकर्ता जमीनी स्तर पर संगठन को मजबूत करता है, साथियों को आगे बढ़ाने का प्रयास करता है और नेता को सलाह देने का साहस रखता है। जबकि चमचे सिर्फ नेताओं की चापलूसी करते हैं और स्वार्थ में डूबे रहते हैं। महंत ने तीखा तंज कसते हुए कहा – *“आज चमचों की संख्या सांप-बिच्छू जितनी हो गई है। चमचों की सलाह पर चलेंगे तो पार्टी और नेता दोनों फिसल जाएंगे।”*
14 मंत्रियों की नियुक्ति पर सवाल
महंत ने प्रदेश में मंत्रिमंडल की संख्या पर भी सवाल उठाया। उन्होंने कहा कि संविधान की धारा 164(ए) के अनुसार किसी भी राज्य में कुल सदस्यों के 15% से ज्यादा मंत्री नहीं हो सकते। छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट ने पहले ही 13 से ज्यादा मंत्रियों को असंवैधानिक माना है। ऐसे में 14वें मंत्री की नियुक्ति गलत और संवैधानिक व्यवस्था के खिलाफ है।
प्रदेश नेतृत्व को लेकर एकजुटता का संदेश
रविंद्र चौबे के बयान पर उठे विवाद को लेकर महंत ने कहा कि इसमें किसी तरह का बड़ा मतभेद नहीं है। सभी नेता दीपक बैज के नेतृत्व में एकजुट हैं और सामूहिक रूप से चुनाव लड़ेंगे।
राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय मुद्दों पर टिप्पणी
महंत ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और अमेरिका के राष्ट्रपति के बीच संबंधों पर भी कटाक्ष किया और कहा कि दोनों देशों के बीच टैरिफ और कूटनीतिक संबंधों में दरार आई है।
मुख्यमंत्री के हालिया विदेश दौरे पर भी उन्होंने सवाल उठाए। महंत ने पूछा कि “जापान से कितनी निवेश संभावनाएं लेकर लौटे हैं, यह छह महीने में साफ हो जाएगा।” साथ ही उन्होंने यह भी तंज कसा कि सीएम के साथ ऐसे अधिकारी विदेश गए जो या तो रिटायर हो चुके हैं या होने वाले हैं, उनकी सेवा अवधि बढ़ाना उचित नहीं है।
जनहित और कानून व्यवस्था के मुद्दे
बिलासपुर और छत्तीसगढ़ की बदहाल सड़कों पर सुनवाई को लेकर महंत ने कहा कि केवल राज्य ही नहीं बल्कि देशभर में भाजपा शासित प्रदेशों में हाईकोर्ट खुद जनहित याचिकाओं पर संज्ञान ले रहा है, क्योंकि सरकारें जनता की समस्याओं का समाधान नहीं कर पा रही हैं।
अन्य मुद्दों पर बयान
बिहार में अपशब्दों का विवाद–महंत ने कहा कि मंच पर कोई भी शख्स चढ़ गया होगा, इसे कांग्रेस से जोड़ना गलत है।
वोट चोरी और चुनाव आयोग– महंत ने भाजपा पर वोट चोरी का आरोप लगाते हुए कहा कि आयोग निष्पक्ष ढंग से काम नहीं कर रहा। महाराष्ट्र के उदाहरण का हवाला देते हुए उन्होंने कहा कि वहां की वोटर लिस्ट तक कांग्रेस को नहीं दी जा रही।
EVM का मुद्दा–महंत ने दोहराया कि EVM के माध्यम से वोट बदलने की आशंका बनी रहती है। उन्होंने पारदर्शिता के लिए बैलेट पेपर से चुनाव कराने की मांग की।