यूपी के हिस्ट्री शूटर जब्बार गौरी और अन्य अपराधियों से आरक्षक की संलिप्तता हुई उजागर….. एसपी रजनेश सिंह ने कार्रवाई कर आरक्षक को नौकरी से किया बर्खास्त….. खाकी के आड में कई अपराधों में संलिप्तता….

बिलासपुर–छत्तीसगढ़ की न्यायधानी बिलासपुर जिले में पदस्थ एसपी रजनेश सिंह ने अपने विभाग के पदस्थ आरक्षक की आपराधिक गतिविधियों में संलिप्त होने पर उसे सेवा से बर्खास्त करने की कार्रवाई करते हुए सेवा मुक्त कर दिया गया। एसपी साहब के इस इस आदेश से यह तो स्पष्ट हो गया की अपराध करने वाला कोई भी हो वह बक्शा नही जायेगा।कानून सबके लिए एक समान है।

जो भी इसका उल्लघन करता पाया जायेगा उसके ऊपर कानूनी कार्रवाई कर दंडित किया जायेगा।आपको बताते चले की बिलासपुर एसपी ने एक ऐसे ही मामले में कार्रवाई कर अपने पुलिस विभाग में पदस्थ आरक्षक के ऊपर कार्रवाई करते हुए उसे सेवा मुक्त कर दिया गया।विगत दिनों थाना हिर्री क्षेत्रान्तर्गत रतनपुर बाईपास स्थित ग्राम बेलमुण्डी के पास खूंखार अपराधियों द्वारा पिस्टल, देशी कट्टा तथा धारदार चापड़ से लैस होकर किसी घटना को अंजाम देने की सूचना पर बिलासपुर पुलिस के द्वारा 10 अपराधियों जब्बार गौरी, इमरान कुरैशी, विनोद कुमार धृतलहरे, तरसेलाल भगत, अजमेरी, मो.फरमान, वाजीद कुरैशी, साकीब कुरैशी, नवील खान, दानिश कुरैशी को सुनियोजित रूप से पुलिस टीम तैयार कर घेराबंदी।कर पकड़ा गया था। अभियुक्त जब्बार गौरी उत्तर प्रदेश का खतरनाक अपराधी है।जिसके विरूद्ध गैगस्टर एक्ट सहित अनेक गंभीर किस्म के अपराध पंजीबद्ध हैं। इमरान खान भी उत्तरप्रदेश का ही निवासी है। अपराधियों के द्वारा हथियार से लैस होकर रेड करने गई। पुलिस टीम को चुनौती देते हुए गोली मारने की धमकी देने का दुस्साहस किया था। गिरफ्तार किये गये आरोपियों के मोबाईल फोन में आर. 1187 बबलू बंजारे, थाना सिरगिट्टी के फोन से लगातार संपर्क में रहने व इस प्रकार प्रथम दृष्ट्या आपराधिक गतिविधियों में संलिप्तता उजागर होने पर उसे दिनांक 12.05.2024 को निलंबित किया गया था।
आरक्षक की आपराधिक संलिप्तता की जांच पर आरक्षक बबलू बंजारे व्हाट्सएप चैट के माध्यम से इनसे लगातार इनके संपर्क में रहा तथा करीबी मित्र की तरह व्हाट्सएप चैट कर रहा था। दुर्दान्त अपराधियों से घनिष्ठता, फोन एवं व्हाट्सएप के माध्यम से विभाग की गोपनीय जानकारी साझा करना, बारकोड भेजना एवं पेमेंट का स्क्रीन शॉट भेजना आदि से आरक्षक की अवैध एवं खतरनाक आपराधिक गतिविधियों में संलिप्तता उजागर हुई। इसके पूर्व भी थाना सकरी के छत्तीसगढ़ कृषक पशु परिरक्षण अधिनियम एवं पशुओं के प्रति क्रूरता निवारण अधिनियम, में भी आरक्षक का नाम शामिल हुआ था। एक अन्य प्रकरण में आरक्षक महिला थाना बिलासपुर के द्वारा बलात्कार के प्रकरण में भी में अभियोजित किया गया था। आरक्षक के विरूद्ध कदाचरण के लिये विभागीय जांच की कार्रवाई में भी आरक्षक के द्वारा फर्जी चिकित्सकीय दस्तावेज प्रस्तुत कर आरोपों को झुठलाने का कुत्सित प्रयास किया गया था। इस प्रकार आरक्षक पुलिस की नौकरी की आड़ में खतरनाक अपराधियों से सतत् संपर्क में रहकर उन्हें लगातार मदद करता रहा। आरक्षक के आपराधिक हौसले इतने बुलंद हैं कि पूर्व से ही उसकी आपराधिक संलिप्तता उजागर होने के बाद भी लगातार पुनरावृत्ति कर रहा था।

आरक्षक की इस प्रकार की आपराधिक प्रवृत्ति से जनमानस में पुलिस की छवि धूमिल हो रही थी । अतः पुलिस अधीक्षक रजनेश सिंह के द्वारा extra ordinary & exemplary action लेते हुये भारतीय संविधान की कंडिका 311 के खड (2) के परंतुक के उपखण्ड ‘‘ख’’ के अधीन प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग कर आरक्षक क्र. 1187 बबलू बंजारे, रक्षित केन्द्र बिलासपुर को तत्काल प्रभाव से पुलिस विभाग की सेवा से पदच्युत (Dismissed from service) किया गया है।पुलिस अधीक्षक रजनेश सिंह के द्वारा पुलिस की छवि को प्रभावित करने व जन सामान्य को शांति एवं सुरक्षा प्रदान करने में इस तरह वर्दी की आड़ में गलत कार्यों में संलिप्त रहने वालों के विरूद्ध कठोर कार्रवाई करने सचेत किया गया है।

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