
डबरीपारा सामुदायिक भवन पर विवाद गहराया: स्थानीय निवासियों ने देवांगन समाज को आवंटन पर जताई आपत्ति, सीएम से की हस्तक्षेप की मांग…..
बिलासपुर–वार्ड क्रमांक 55 डबरीपारा चांटीडीह स्थित सामुदायिक भवन के कथित रूप से “विधि विरुद्ध” तरीके से देवांगन समाज को सौंपे जाने का मामला तूल पकड़ता जा रहा है। स्थानीय निवासियों ने इस संबंध में मुख्यमंत्री को ज्ञापन सौंपते हुए भवन को पुनः सार्वजनिक उपयोग में लौटाने की मांग की है।

निवासियों का कहना है कि डबरीपारा में करीब 300 परिवार और लगभग 1200 की आबादी रहती है, जबकि देवांगन समाज के मात्र 10–12 परिवार ही यहाँ निवासरत हैं। लोगों ने बताया कि बबला पेट्रोल पंप के पीछे शासकीय भूमि पर यह सामुदायिक भवन सभी जाति वर्गों की सुविधाओं को ध्यान में रखकर बनाया गया था। भवन के एक हिस्से में प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र का नियमित संचालन भी होता था।
*निवासियों का आरोप: बिना जानकारी भवन सौंपा गया, स्वास्थ्य केंद्र बंद हुआ*
निवासियों का कहना है कि लगभग 5–6 वर्ष पूर्व इस भवन को बिना किसी सार्वजनिक सूचना के देवांगन समाज को दे दिया गया। इसके बाद समाज द्वारा भवन में ताला लगाकर कब्जा कर लिया गया और प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र भी बंद हो गया, जिससे पूरे क्षेत्र के लोगों को स्वास्थ्य सेवाओं से वंचित होना पड़ रहा है।
आरोप है कि देवांगन समाज द्वारा इस भवन का किराये पर अवैधानिक संचालन किया जा रहा है और प्रतिवर्ष विभिन्न सांस्कृतिक आयोजनों के दौरान भवन परिसर और मार्गों पर गंदगी, शराब सेवन तथा अव्यवस्था फैल जाती है, जिससे आम नागरिकों को परेशानी होती है।
सार्वजनिक भवन होने के बावजूद शुल्क देना पड़ रहा
स्थानीय लोगों के अनुसार, किसी भी निजी या सामाजिक कार्यक्रम के लिए भवन उपयोग करने नागरिकों को देवांगन समाज को राशि देनी पड़ती है, जबकि भवन शासकीय भूमि पर सार्वजनिक उद्देश्य के लिए निर्मित हुआ था।
मुख्यमंत्री से हस्तक्षेप की मांग….
निवासियों ने मुख्यमंत्री से अनुरोध किया है कि:
सामुदायिक भवन को देवांगन समाज से वापस लिया जाए….
भवन को पुनःडबरीपारा की आम जनता के सार्वजनिक उपयोग हेतु उपलब्ध कराया जाए।
पहले की तरह प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र का नियमित संचालन पुनः शुरू कराया जाए।



