भागवत कथा के चौथे दिन कृष्ण के अद्भुत स्वरूप का हुआ वर्णन
बिलासपुर–बिलासपुर के खाटु श्याम मंदिर में चल रही पावन भागवत कथा को चार दिवस पूर्ण हो चुके हैं चौथे दिन की कथा में महाराज डॉक्टर संजय कृष्ण सलिल ने राम और कृष्ण के अद्भुत स्वरूपों का वर्णन किया दोनों के अवतारों के गुणों का बखान किया, बताया कि जीवन में कर्म का क्या महत्व है कैसे अच्छे कर्म हमें आगे लेकर जाते हैं।
पूज्य महाराज डॉक्टर संजय कृष्ण सलिल महाराज ने श्रीमद् भागवत कथा के चतुर्थ दिवस के कथा में बताया कि भगवान राम और कृष्णा स्वयं पूर्ण अवतार हैं ध्रुव जी के प्रसंग में महाराज ने बताया कि माता के कहने पर गृह त्याग दिया था माता ने कहा कि बेटा तुम भजन करो तुम्हें पिता की गोद क्या तुम्हें सब कुछ मिल जाएगा भजन में बहुत बड़ी शक्ति होती है कमाया हुआ धन नष्ट हो जाता है किया हुआ भोजन भी विकार पैदा कर सकता है परंतु किया हुआ भजन सत्कर्म पुण्य दान यज्ञ हित कभी नष्ट नहीं हो सकता है। ध्रुव जी ने भजन किया परमात्मा को स्वयं दर्शन देने के लिए अपितु गोविंद स्वयं भक्त के दर्शन करने के लिए आए।
भक्त अजामिल संसार्गीक दोष के कारण पतित हो जाता है संतों की कृपा निमित्त बनती है पुत्र के नाम के कारण प्रभु के धाम की प्राप्ति होती है प्रभु के नाम से संसार के बंधन कट जाते हैं चतुर्थ पुरुषार्थ की प्राप्ति होती है यमदूत कुछ बिगाड़ नहीं सकते हैं किसी भी प्रकार से मन को कृष्ण के चरणों में लगा देना चाहिए।
प्रतिदिन दोपहर 3:00 से संध्या 6:00 बजे तक वृंदावन से पधारे परम पूज्य डॉक्टर संजय सलिल महाराज जी कथा वाचन करते हैं।