संभागायुक्त ने की महिला एवं बाल विकास विभाग की योजनाओं में प्रगति की गहन समीक्षा…..समेकित प्रयासों से कुपोषण उन्मूलन और महिला सशक्तिकरण को प्राथमिकता देने के निर्देश…..

बिलासपुर–संभागायुक्त सुनील जैन ने बिलासपुर संभाग के महिला एवं बाल विकास विभाग के अधिकारियों की बैठक लेकर योजनाओं में प्रगति की गहन समीक्षा की। उन्होंने समेकित प्रयासों से कुपोषण उन्मूलन और महिला सशक्तिकरण को प्राथमिकता देने के निर्देश दिए। संभागायुक्त ने कहा कि योजनाओं की प्रभावशीलता तभी मानी जाएगी जब उसका वास्तविक लाभ बच्चों, महिलाओं और जरूरतमंदो तक पहुंचे। महिला एवं बाल विकास विभाग विकास सीधे समाज के सबसे संवेदनशील वर्गों के साथ जुड़ा हुआ है इसमें किसी भी प्रकार की लापरवाही कतई बर्दाश्त नहीं की जाएगी। संभागायुक्त कार्यालय मेें आयोजित बैठक में डिप्टी कमिश्नर श्रीमती स्मृति तिवारी, बिलासपुर, रायगढ़, कोरबा, जांजगीर-चांपा, मुंगेली, सक्ती, गौरेला-पेण्ड्रा-मरवाही और सारंगढ़-बिलाईगढ़ के जिला कार्यक्रम अधिकारियों ने भाग लिया।

संभागायुक्त ने कहा कि हमारा लक्ष्य केवल योजनाओं का संचालन नहीं, बल्कि प्रभावी क्रियान्वयन और परिणामों की निगरानी होना चाहिए। उन्होंने कहा कि कुपोषण को जड़ से समाप्त करना सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता है। संभागायुक्त ने गंभीर, मध्यम कुपोषित बच्चों की पहचान कर उन्हें पोषण पुनर्वास केन्द्र (एनआरसी) भेजकर उन्हें सुपोषण की श्रेणी में लाने के निर्देश दिए। उन्होंने सारंगढ़-बिलाईगढ़ और गौरेला-पेण्ड्रा-मरवाही में अतिरिक्त एनआरसी शुरू करने के निर्देश दिए। वर्तमान में यहां एक-एक एनआरसी संचालित है। जांजगीर-चांपा में 6, रायगढ़ में 5, सक्ती में 2, कोरबा में 5, बिलासपुर में 4 एवं मुंगेली में 3 एनआरसी का संचालन किया जा रहा है।

उन्होंने कहा कि आंगनबाड़ी महत्वपूर्ण केन्द्र है इसका सही संचालन हो। आंगनबाड़ी साफ सुथरे रहें, बच्चों के पर्सनल हाईजीन पर ध्यान दे। बच्चों, गर्भवती और धात्री माताओं को आंगनबाड़ी केन्द्रों में गरम पका भोजन, रेडी-टू-ईट की गुणवत्ता एवं समयबद्ध आपूर्ति पर विशेष जोर दिया। आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं की उपस्थिति, बच्चों की प्री-स्कूल शिक्षा, वजन और ऊंचाई की माप लेने जैसे निर्देश दिए। पोषण ट्रैकर एप का उपयोग शत प्रतिशत सुनिश्चित करने कहा। आंगनबाड़ी केन्द्रों में स्थानीय जनभागीदारी से कुछ रोचक कार्यक्रम जैसे बच्चों का बर्थडे मनाना जैसी गतिविधियां आयोजित की जाए। उन्होंने रिक्त पदों पर अभियान चलाकर भरती करने के निर्देश दिए। निर्माण कार्यो को प्राथमिकता से पूरा करने कहा।
उन्होंने सभी अधिकारियों को जमीनी स्तर पर नियमित निरीक्षण करने, हितग्राहियों से प्रत्यक्ष संवाद करने और समस्याओं का त्वरित समाधान करने के निर्देश दिए। संभागायुक्त ने महतारी वंदन योजना, प्रधानमंत्री मातृवंदन योजना, सुकन्या समृद्धि योजना, नोनी सुरक्षा योजना, मुख्यमंत्री कन्या विवाह योजना, छत्तीसगढ़ महिला कोष योजना, सक्षम योजना, वजन तिहार सहित अन्य योजनाओं की विस्तृत समीक्षा कर जरूरी निर्देश दिए।

Related Articles

Back to top button