
नियम तोड़ना नहीं, जान बचाना ज़रूरी….. हादसों को लेकर पुलिस अधीक्षक का सख़्त और मार्मिक संदेश….
बिलासपुर–शहर के अस्पताल में जब पुलिस अधीक्षक रजनेश सिंह पहुंचे, तो वहां का नज़ारा उन्हें गहराई से झकझोर गया। एक युवक, सड़क हादसे का शिकार होकर बिस्तर पर तड़प रहा था। उसके चेहरे की पीड़ा और परिजनों की व्याकुलता देखकर कप्तान का चेहरा चिंता से भर गया। उन्होंने मौके पर मौजूद डॉक्टरों से इलाज की जानकारी ली और परिवार को ढांढस बंधाया।
इसी घटना को आधार बनाकर उन्होंने लोगों से सीधी अपील की। उनका कहना था कि सड़क हादसे सिर्फ तकनीकी खराबी या संयोग का परिणाम नहीं होते, बल्कि अधिकतर मामलों में यह हमारी ही लापरवाही, जल्दबाज़ी और यातायात नियमों की अनदेखी से होते हैं। कप्तान का भावुक संदेश था।
“आज अगर यह हादसा किसी और के साथ हुआ है, तो कल यह आपके साथ भी हो सकता है। सोचिए, एक पल की चूक न सिर्फ आपकी जान ले सकती है, बल्कि पूरे परिवार को संकट में डाल सकती है। समय रहते संभल जाइए और यातायात नियमों का पालन कीजिए।
पुलिस प्रशासन ने इस घटना को आधार बनाकर एक संवेदनशील वीडियो जारी किया है। इसमें एसपी रजनेश सिंह घायल युवक से मिलने पहुंचते हैं, परिजनों को सांत्वना देते हैं और कैमरे के सामने नागरिकों से भावुक अपील करते हैं। वीडियो के अंत में उनकी आवाज गूंजती है—
“ट्रैफिक नियम कोई औपचारिकता नहीं है, यह जीवन की सुरक्षा कवच है। हेलमेट, सीट बेल्ट और गति सीमा का पालन करना आपके परिवार की खुशियों की गारंटी है। याद रखिए, सुरक्षित रहना ही सबसे बड़ा योगदान है समाज के लिए।”
गौरतलब है कि बिलासपुर पुलिस बीते कई महीनों से सड़क सुरक्षा को लेकर लगातार जागरूकता अभियान चला रही है। चौक-चौराहों पर बैनर-पोस्टर, नुक्कड़ नाटक, रैली, और स्कूल-कॉलेजों में वर्कशॉप के जरिए युवाओं को जागरूक किया जा रहा है। यातायात नियम तोड़ने वालों पर भारी जुर्माना भी लगाया जा रहा है। इसके बावजूद दुर्घटनाओं की संख्या चिंताजनक रूप से बनी हुई है।
कप्तान का मानना है कि सिर्फ दंड या अभियान से बदलाव नहीं आएगा, बल्कि लोगों के भीतर यह जागरूकता पैदा करनी होगी कि सड़क पर जिम्मेदारी से चलना उनके अपने जीवन और परिवार की सुरक्षा से जुड़ा है। उन्होंने कहा—
“अगर हर व्यक्ति स्वयं संकल्प ले कि वह नियमों का पालन करेगा, तो सैकड़ों जिंदगियां बच सकती हैं। सड़क हादसे रोके जा सकते हैं, बस ज़रूरत है सावधानी और संयम की।”
यह संदेश और अस्पताल का दृश्य मिलकर लोगों के दिलों तक असर छोड़ गया है। अब देखना होगा कि समाज कितनी गंभीरता से इस चेतावनी को आत्मसात करता है।