नशे में धुत्त शिक्षक का स्कूल में हंगामा…. बच्चों के सामने कपड़े उतारकर बैठा प्रायमरी स्कूल का मास्टर…..शिक्षक की शर्मनाक हरकत का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल….

बिलासपुर–छत्तीसगढ़ के बिलासपुर जिले के मस्तूरी क्षेत्र के सोन गांव से शिक्षा व्यवस्था की गंभीर खामियों को उजागर करती एक बड़ी घटना सामने आई है। यहां प्रायमरी स्कूल में पदस्थ शिक्षक विश्वकर्मा प्रसाद कश्यप ने शराब के नशे में हदें पार कर दीं। आरोप है कि शिक्षक नशे की हालत में स्कूल पहुंचा और मासूम बच्चों के बीच कपड़े उतारकर बैठ गया। इस शर्मनाक हरकत से बच्चे भयभीत हो गए और स्कूल का माहौल अस्त-व्यस्त हो गया।

गांव के लोगों का कहना है कि यह पहली बार नहीं है जब उक्त शिक्षक ने ऐसी हरकत की हो। ग्रामीणों और अभिभावकों का आरोप है कि वह अक्सर शराब पीकर स्कूल आता है। कभी बच्चों से मारपीट करता है, तो कभी गाली-गलौज करता है। कई बार शिकायतें भी की गईं, लेकिन शिक्षा विभाग के जिम्मेदार अधिकारियों ने कोई सख्त कदम नहीं उठाया। नतीजा यह है कि आज भी वही शिक्षक बच्चों के भविष्य के साथ खिलवाड़ कर रहा है।

घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल होने के बाद मामला और तूल पकड़ गया है। वीडियो में स्पष्ट दिख रहा है कि शिक्षक स्कूल परिसर को शराबखाना बनाकर बैठा है। लोग गुस्से में हैं और सवाल उठा रहे हैं कि जब बच्चों को संस्कार और शिक्षा देने वाले ही इस तरह की हरकत करेंगे, तो आने वाली पीढ़ी क्या सीख पाएगी? ग्रामीणों ने साफ कहा है कि शिक्षा विभाग की निष्क्रियता ने इस स्थिति को जन्म दिया है। विभाग सिर्फ वेतन बांटने तक सीमित है और बच्चों के भविष्य की चिंता किसी को नहीं है।

गांव वालों का कहना है कि अभिभावक लंबे समय से इस शिक्षक के खिलाफ आवाज उठा रहे हैं, परंतु जिम्मेदार अधिकारी कार्रवाई करने के बजाय चुप्पी साधे हुए हैं। यह चुप्पी विभागीय लापरवाही और जवाबदेही की कमी को उजागर करती है। लोगों का आरोप है कि जब तक ऐसे शिक्षकों पर कड़ी कार्रवाई नहीं होगी, तब तक शिक्षा का स्तर गिरता ही जाएगा।

अब ग्रामीणों ने चेतावनी दी है कि यदि आरोपी शिक्षक को तत्काल बर्खास्त नहीं किया गया और अधिकारियों की जिम्मेदारी तय नहीं की गई, तो वे आंदोलन करेंगे। उनका कहना है कि बच्चों का भविष्य किसी समझौते से बड़ा है। सवाल यह है कि आखिर कब तक मासूम छात्र-छात्राओं के साथ खिलवाड़ होता रहेगा? और क्यों शिक्षा विभाग इन शर्मनाक घटनाओं पर आंख मूंदे बैठा है?

यह घटना केवल एक गांव की समस्या नहीं है, बल्कि पूरे शिक्षा तंत्र पर बड़ा सवाल खड़ा करती है। अगर विभाग समय रहते सजग नहीं हुआ, तो इसका खामियाजा आने वाली पीढ़ियों को भुगतना पड़ेगा।

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