हिट एंड रन जैसे मामले के आरोपियों पर पुलिस की दरियादिली में थाने से मुचलका…..और लात घूसे से सरेराह मारपीट के आरोपियों का जुलूस….ये है शहर की कोतवाली पुलिस..


बिलासपुर–प्रदेश में सत्ता परिवर्तन के बाद भी आज भी बिलासपुर की पुलिस अपराध और अपराधियो को लेकर गंभीर और संजीदा नजर नहीं आ रही है।वही अपराध को अंजाम देने वाले आरोपियों के चैहरे देखकर कार्रवाई का मापदंड तैयार किया जाता है,और फिर कार्रवाई को सुनिश्चित किया जाता है।इनकी कार्यशैली पर एक नजर डालेंगे तो इनकी कार्रवाई को लेकर आप खुद ही समझ जायेंगे की कोतवाली पुलिस कैसे अपराधियो के साथ सांठगांठ कर अपना उल्लू सीधा करती है।

आपको बताते चले की बीते नवंबर महीने में कोतवाली थाना क्षेत्र के अंतर्गत गोंडपारा इलाके में पुरानी रंजिश को लेकर एनएसयूआई के प्रदेश सचिव अमीन श्रीवास्तव ने अपनी कार से सड़क में चल रहे युवा कांग्रेस जिला शहर महासचिव और उनके साथियों के ऊपर गाड़ी से ठोकर मारकर घटना को अंजाम दिया था।जिसके बाद कार की चपेट में आने से महासचिव को गंभीर चोट आई थी और उनका एक साथी वह भी इस घटना में घायल हुआ था।

वही इनके साथ कुछ और युवक भी साथ में थे जो कार की चपेट में आने से बच गए थे।इस मामले का वीडियो भी सामने आया था।लेकिन कोतवाली पुलिस ने मामला कायम होने के बाद भी सभी आरोपियों पर अपनी दरियादिली दिखाते हुए आरोपियों को पकड़ने में कोई दिलचस्पी नहीं दिखाई।

वही इस मामले में आरोपी के पहले घटना में प्रयुक्त कार थाना पहुंच कर अपनी गिरफ्तारी करा देती है।लेकिन घटना को अंजाम देने वाला मुख्य आरोपी पुलिस की पकड़ से बाहर रहा,और उसको इतना समय दिया गया की वह आराम से बेखौफ होकर घूमता रहा।कोतवाली पुलिस आंख कान बंद कर इस मामले में कार्रवाई को लेकर कभी भी गंभीर नजर नहीं आई।

वही गुरुवार को कोतवाली क्षेत्र के शिव टाकीज क्षेत्र में कुछ आधा दर्जन से अधिक लोग सरेराह लात घुसे से मारपीट की घटना को अंजाम दिए तो इनके खिलाफ कार्रवाई करते हुए मुचलका धारा में अपराध पंजीबद्ध कर इनका जुलूस निकाला और सभी के खिलाफ अलग से प्रतिबंधनत्मक कार्रवाई कर इनका थाने से जुलूस निकाला और न्यायालय में पेश किया गया।जहा से इनको जेल भेज दिया गया।


कोतवाली पुलिस की कार्रवाई से आप सहज अंदाज लगा सकते है की एक तरफ सड़क में मारपीट की घटना को अंजाम देने वाले आरोपीयो के खिलाफ कोतवाली पुलिस इतनी सख्त पेश आई की उनको जेल जाना पड़ा और वही दूसरा आरोपी जो खुलेआम अपनी दबंगई के साथ सड़क में चल रहे युवकों पर गाड़ी से ठोकर मार कर गंभीर रूप से घायल कर उनको को चोटिल कर फरार हो जाता है। कोतवाली पुलिस की दरियादिली और रहमोकरम ऐसा बरपा की ऐसे गंभीर अपराध के अपराधियो को थाने से गुपचुप तरीके से मुचलका के साथ बिदा कर दिया जाता है।जिसकी कानो कान किसी को भनक तक नहीं लगती और वही अपनी वाहवाही बटोरने के साथ पीठ थपथपाने के लिए लात घुसे से मारपीट का वीडियो और खबर वायरल होने के बाद हरकत में आकर उक्त घटना में शामिल आरोपियों को पकड़ कर थाना लाया जाता है,और आगे की कार्रवाई को आगे बढ़ाते हुए उनका जुलूस निकाला जाता है ताकि अधिकारी वर्ग को खुश रखा जा सके । सिटी कोतवाली पुलिस की भेदभाव कार्यवाही से खाकी पर सवाल उठना तो लाजमी है।वही पुलिस अधीक्षक द्वारा ऐसे पुलिसकर्मियों पर कार्रवाई नही होने की वजह पुलिस की साख में भी बट्टा लगता नजर आ रहा है।

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