रतनपुर धर्मांतरण मामले में संत समाज की एंट्री…….संत समाज ने दी उग्र आंदोलन की चेतावनी…… कोटा विधायक अटल श्रीवास्तव के खिलाफ संत समाज का आक्रोश…. भगवा आतंकी वाले बयान पर संत समाज उद्वेलित…… अगर नहीं मांगी माफी तो करना होगा आक्रोश का सामना.. पुलिस से भी की एफआईआर और गिरफ्तारी की मांग..….महंत स्वामी राकेश जी महाराज

बिलासपुर–रतनपुर के बंगलाभाठा स्थित चर्च उद्घाटन कार्यक्रम के विवाद ने तूल पकड़ लिया है। कोटा विधायक अटल श्रीवास्तव के ‘भगवाधारी गुंडे’ वाले बयान पर अखिल भारतीय संत समिति और हिंदूवादी संगठनों ने कड़ा विरोध जताया है। संगठनों ने विधायक से सार्वजनिक माफी की मांग करते हुए चेतावनी दी है कि अगर माफी नहीं मांगी गई तो वे उग्र आंदोलन करेंगे।इस मामले में क्षेत्र में तनाव बढ़ने के साथ राजनीतिक और सामाजिक माहौल गरमा गया है।

विवादित बयान पर बढ़ा विरोध

रतनपुर के बंगलाभाठा में एक प्रार्थना भवन का उद्घाटन किया जाना था, जिसे स्थानीय हिंदू संगठनों के विरोध के चलते स्थगित कर दिया गया. कोटा विधायक अटल श्रीवास्तव ने इस विरोध के बाद एसपी कार्यालय को ज्ञापन सौंपते हुए बाहरी और असामाजिक तत्वों पर कार्रवाई की मांग की उन्होंने अपने बयान में ‘भगवाधारी गुंडों’ का उल्लेख किया।जिसे लेकर हिंदूवादी संगठनों और भाजपा ने कड़ी आपत्ति जताई है।

अखिल भारतीय संत समिति और सर्व हिंदू समाज की प्रतिक्रिया

विधायक के बयान से नाराज हिंदूवादी संगठनों ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर मांग की कि अटल श्रीवास्तव सार्वजनिक रूप से माफी मांगें. संगठनों ने चेतावनी दी कि अगर माफी नहीं मांगी गई तो वे आंदोलन करने को मजबूर होंगे.

प्रार्थना भवन उद्घाटन का विरोध

दो दिन पहले रतनपुर के बंगलाभाठा में शासकीय भूमि पर बने प्रार्थना भवन का उद्घाटन होना था. इस कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में विधायक अटल श्रीवास्तव को आमंत्रित किया गया था. स्थानीय हिंदू संगठनों और भाजपा नेता प्रबल प्रताप सिंह जूदेव ने इसका विरोध किया, जिसके चलते कार्यक्रम स्थगित करना पड़ा.

पुतला दहन और नारेबाजी

विधायक के बयान को लेकर हिंदूवादी संगठनों ने रतनपुर के महामाया चौक पर अटल श्रीवास्तव का पुतला दहन किया और जमकर नारेबाजी की. संगठनों का आरोप है कि विधायक बनने के बाद अटल श्रीवास्तव क्षेत्र में धर्मांतरण को बढ़ावा दे रहे हैं और हिंदू संगठनों के विरोध पर उन्हें ‘भगवाधारी गुंडा’ कहकर अपमानित कर रहे हैं.

विवाद के गंभीर प्रभाव

इस पूरे प्रकरण ने क्षेत्र में धार्मिक और राजनीतिक माहौल को गरमा दिया है. हिंदूवादी संगठनों और भाजपा ने यह स्पष्ट कर दिया है कि यदि विधायक ने माफी नहीं मांगी तो उग्र आंदोलन किया जाएगा। प्रशासन पर स्थिति को नियंत्रित रखने का दबाव बढ़ गया है।

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