राजनीति में परिवारवाद और सामंतवाद हावी,इससे लोकतंत्र को खतरा–रघु…….समाजवादी विचारक रघु ठाकुर ने बिलासपुर प्रेस क्लब में देश की राजनीति को लेकर चर्चा की…

बिलासपुर–समाजवादी विचारक रघु ठाकुर ने कहा है कि आज की राजनीति में आम जनता की पीड़ा नहीं है। राम मनोहर लोहिया और महात्मा गांधी ने स्वतंत्र भारत के बाद जो सपना देखा था या जो राजनीति में हमारे सपने थे वे अब दिखाई नहीं देते। लोहिया कहते थे कि स्वभाव में ही अन्याय का विरोध करना होना चाहिए। आज राजनीति में गुलाम मानसिकता आ गई है। राजनीति में परिवारवाद और सामंतवाद हावी है। इससे लोकतंत्र को खतरा है।

रविवार को प्रेस क्लब में पत्रकारों से रूबरू होते हुए लोकतांत्रिक समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष रघु ठाकुर ने देश की राजनीति को लेकर चर्चा की। उन्होंने मानसिक व वैचारिक रूप से आजाद पीढ़ी का निर्माण करना है। आज राजनीति में नए प्रकार की घटनाएं हो रही हैं। नया सामंतवाद आ गया है । लोकतांत्रिक समाजवाद नहीं दिखता। आज की राजनीति लोकतंत्र के लिए खतरा है। कुछ परिवारों को ही सत्ता का हस्तांतरण हो रहा है। आज भारत में सांस्कृतिक हमला हो रहा है। उन्होंने कहा है कि भारतीय संस्कृति में गिरावट आई है। आज हमारा बाजार कहां है। इंसान को बेहतर मानव बनाने की जरूरत है। आम मानव से मानव बनाने की जरूरत है। राजनीति में नए प्रकार की बंधुवा मजदूर पैदा हो रहे हैं। नेता बनकर पैसा कमा रहे हैं। परिवारवाद चला रहे हैं । कार्यकर्ताओं को पैसे का गुलाम बना रहे हैं। आज संसद में भी लोकतांत्रिक आजादी का पर्याय नहीं है । भारत में पिरामिड की राजनीति शुरू हो गई है और सत्ता प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री तक ही सीमित हो रही है। आज नेता नहीं सुप्रीमो है।

राजनीतिक दल में आंतरिक लोकतंत्र नहीं है। एक प्रकार की तानाशाही पार्टी के भीतर चल रही। उन्होंने कहा है कि एक वह दौर था और एक आज का दौर है। संसद में जो चुनकर 540 पहुंचे हैं उनमें 300 लोग खरबपति या अरबपति हैं। पचासी करोड़ को सरकार जीने लायक खाना दे रही है। संसद का चरित्र बदल रहा है। चुनाव के नए विकल्प को लेकर उन्होंने कहा कि चुनाव आयोग को चुनाव प्रणाली में सुधार करना चाहिए। आज खर्च की सीमा बढ़ाई जा रही है। राजनीति में अपराधियों का खतरा बढ़ गया है। आज वैचारिक राजनीति खत्म हो रही है। सत्य से असत्य की यात्रा को पलटना होगा।

एक देश एक चुनाव को लेकर उन्होंने कहा कि पंचायत से लेकर पार्लियामेंट तक चुनाव एक साथ होना चाहिए। इसके लिए नियम बनना चाहिए। दो माह के भीतर सारे चुनाव हो जाने चाहिए। सरकारी काम दो माह के लिए बंद कर दिए जाएं और इस बीच सारे चुनाव कर लिए जाएं। और 4 साल 10 माह काम हो। चुनाव आयोग को ऐसा भी नियम बनाना चाहिए कि एक व्यक्ति 5 साल में एक बार ही चुनाव लड़ेगा। विधानसभा, लोकसभा और दूसरे चुनाव के लिए एक ही व्यक्ति को बार-बार चुनाव लड़ने की पात्रता नहीं होना चाहिए। उन्होंने कहा कि विधानसभा लोकसभा और दूसरे चुनाव सरकारी पैसे पर होना चाहिए। उन्होंने कहा कि क्या विधायक सांसद नौकरी तो नहीं कर रहे हैं तो फिर उन्हें पेंशन की पात्रता क्यों। पूर्व विधायक पूर्व सांसदों को पेंशन की पात्रता बंद होना चाहिए। पेंशन के नाम पर लूट बंद होना चाहिए। आज दिल्ली व भोपाल में पूर्व विधायक व पूर्व सांसदों के नाम पर दो-दो ब्लॉक आवंटन किए गए हैं। लोग मकान के लिए दल बदलने में लगे हैं। जो पूर्व सांसद पूर्व विधायक हैं उन्हें सुविधा नहीं मिलना चाहिए। उनसे मकान वापस लेना चाहिए।
रघु ठाकुर ने कहा कि 1947 से 1976 तक सांसद विधायकों के पेंशन तो नहीं होते थे। पेंशन के पावर को कम करना होगा। उन्होंने कहा कि जो राजनीतिक दल घोषणा पत्र पर अमल नहीं करते उन राजनीतिक दलों की मान्यता खत्म होना चाहिए। उन्होंने कहा कि लोहिया और जयप्रकाश के तन का कपड़ा और जनता का कपड़ा आज सपना बनकर रह गया है। आज वैकल्पिक राजनीति की तलाश शुरू कर दिए। रघु ठाकुर ने कहा कि आज पूंजीवाद की संस्कृति में भारतीय संस्कृति में गिरावट आई है। राजनीति में आज संवाद कम हो रहा है। सांप्रदायिक कटघरे बनाए गए हैं। भारत में सांस्कृतिक हमला हुआ है । उन्होंने एक सवाल के जवाब में कहा कि देश की राजनीति में बदलाव आएगा।

अमेरिका में टैरिफ को लेकर उन्होंने कहा कि हम स्वदेशी का नारा लेकर चले थे,जिस अमेरिका से विदेशी व्यापार शुरू हुआ था।वह स्वदेशी अपना रहा है। उसके द्वारा टेरिफ ब्लैकमेलिंग के लिए किया गया । आज अमेरिका ने अपने देश में अपनी ही चर्चा शुरू कर दी है। रघु ठाकुर ने अकलतरा जाने के पहले प्रेस क्लब में पत्रकारों से चर्चा की और शहर में आनंद मिश्रा, राजकुमार अग्रवाल रामकुमार तिवारी,जावेद उस्मानी सहित अन्य बुद्धिजीवियों से मुलाकात की। उन्होंने उनसे वर्तमान राजनीतिक घटनाक्रम को लेकर चर्चा की।

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