कोविड-19 के दिशा-निर्देशों का पालन करते हुए में मनाया जाएगा हरेली पर्व, पारम्परिक कार्यक्रमों का होगा आयोजन
बिलासपुर – जिले के गौठानों में छत्तीसगढ़ का प्रथम पर्व हरेली 8 अगस्त को मनाया जाएगा। इस अवसर पर पारम्परिक कार्यक्रम भी आयोजित किए जाएंगे।
हरेली पर्व के दिन गौठानों में पारम्परिक कार्यक्रम गेड़ी दौड़, कुर्सी दौड़, फुगड़ी, रस्सा-कस्सी, भौंरा, नारियल फेंक, छत्तीसगढ़ी पारम्परिक व्यंजन आदि प्रतियोगिताओं का आयोजन किया जाएगा। इसके साथ ही गौठान प्रबंधन समिति, स्व सहायता समूह, ग्राम के जनप्रतिनिधि गौठान के संबंध में चर्चा करेंगे, पशु चिकित्सा शिविर आयोजित होंगे। खरीफ फसलों के सुरक्षा हेतु पशुओं को गौठान में लाने के लिए प्रोत्साहित किया जाएगा। गौठान में क्रय किये जा रहे गोबर, उत्पादित जैविक खाद को छायादार चबूतरा, तिरपाल के माध्यम से सुरक्षित रखने के लिए जागरूक किया जाएगा।गौठानों से उत्पादित खाद को फसल में उपयोग करने से होने वाले फायदे के संबंध में कृषकों को पे्ररित किया जाएगा। गौठानों में फलदार, छायादार वृक्षारोपण विशेषकर कदम के पौधे रोपित किये जाएंगे। इन आयोजनों में कोविड-19 के दिशा-निर्देशों का पालन करते हुए ग्रामीणों की सहभागिता सुनिश्चित की जाएगी।
उल्लेखनीय है कि राज्य में पिछले वर्ष हरेली पर्व के दिन 20 जुलाई 2020 को गोधन न्याय योजना का शुभांरभ किया गया। गौठानों में पशुपालकों व किसानों से गोबर क्रय करते हुए इकट्ठे किए गए गोबर से वर्मी कम्पोस्ट, सुपर कम्पोस्ट, सुपर कम्पोस्ट प्लस एवं अन्य उत्पाद तैयार हो रहे है। राज्य की महत्वाकांक्षी सुराजी ग्राम योजना के अंतर्गत नरवा, गरवा, घुरवा और बाड़ी का संरक्षण एवं सवंर्धन किया जा रहा है। इसके तहत् जिले में 367 गौठान स्वीकृत है। जिसमें से 293 गौठान बनाये जा चुके है। जिले 103 गौठानों में गोधन न्याय योजना के तहत् गोबर खरीदी और वर्मी कम्पोस्ट उत्पादन किया जा रहा है। जिसमें से 86 गौठान ग्रामीण क्षेत्रों एवं 17 गौठान नगरीय क्षेत्रों में संचालित हैं।
गौठानों के माध्यम से जैविक खेती को बढ़ावा, रोजगार के नये अवसर, गौ पालन एंव गौ सुरक्षा को प्रोत्साहन के साथ-साथ महिला स्व सहायता समूहों को स्वावलंबी बनाया जा रहा है।