राउत नाच महोत्सव में खाद्य मंत्री ने की शिरकत,खाद्यमंत्री ने घुमाई लाठी और लगे थिरकने,जिले भर से पहुँचे नर्तक दल

बिलासपुर-बिलासपुर के लाल बहादुर शास्त्री शाला में आयोजित 44वा राऊत नाच महोत्सव में इस वर्ष प्रदेश के खाद्य मंत्री अमरजीत भगत मुख्यातिथि के रूप में शामिल हुए।

खाद्य मंत्री अमर जीत भगत के समक्ष राऊत नाच महोत्सव में नर्तक दलों ने अपने शौर्य का प्रदर्शन किया। इस महोत्सव में शामिल होने आए खाद्य मंत्री भी महोत्सव की पारम्परिक वेशभूसा में नजर आए और नर्तक दल के साथ आये बाजे की थाप से अपने आप नही रोक पाए और लाल बहादुर शास्त्री शाला के प्रांगड़ में जाकर लाठी घुमाते हुए बाजे की थाप में थिरकते हुए नजर आए।

वही उनके साथ महापौर राम शरण यादव पर्यटन मंडल के अध्य्क्ष अटल श्रीवास्तव, तखतपुर की विधायक रश्मि सिंह,विजय केशरवानी के अलावा और भी नेता गण मौजूद रहे।खाद्य मंत्री अमर जीत भगत ने अयोजन समिति के लोगों को बधाई दी। और कहाँ की समिति के लोग इतने लंबे समय से आयोजन कर अपनी संस्कृति और इस परंपरा को आज भी बहुत ही अच्छे ढंग से उसका संचालन कर उसे जीवित रखा है।

और ये अच्छी बात है हमारे प्रदेश के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल छत्तीसगढ़ी संस्कृति के रक्षक है।और वह अपने स्तर पर छत्तीसगढ़ी परंपरा को सहजने का काम कर रहे है।उक्त अवसर पर मंच में आसीन बिलासपुर नगर निगम के महापौर राम शरण यादव,पर्यटन मंडल के अध्य्क्ष अटल श्रीवास्तव और समिति के कार्यकर्ता और पदाधिकारी उपस्थित थे।

आपको बताते चले कि यह कार्यक्रम हर वर्ष अपनी गरिमामय प्रस्तुति में मनाया जाता है और छत्तीसगढ़ की एक लोक परंपरा के रूप में प्रसिद्ध है।जिसमे दूर दूर से नर्तक दल अपनी कला कौसल का प्रदर्शन करते है यह कार्यक्रम पूरी रात भर चलता है।

जिसमे बड़ी संख्या में नर्तक दल शामिल होते है।जिनको समिति की और से नगद पुरुस्कार और शील्ड इनाम के रूप में दिया जाता।वही इस रॉवत नाच महोत्सव में शामिल होने वाले नर्तक दल एक विशेष साज सज्जा के साथ और समाज को संदेश देने के लिए अपने साथ स्लोगन भी साथ लाते है।

इस महोत्सव को देखने के लिए काफी लोग भी बड़ी संख्या में आते है।इस कार्यक्रम से इस क्षेत्र में मेला जैसा माहौल बना रहता है।रात भर लोगो का आना जाना लगा रहता है।

इस महोत्सव की खास बात गढ़वा बाजा और नर्तक दल के साथ जो नचिनिया आती है इनका एक अलग आकर्षक बना रहता है।वही इस नर्तक दल में छोटे बच्चे भी अपनी पारंपरिक पोशाक में नजर आते है।

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