पहली बार तीनों सेनाओं का साथ में आतंकवाद पर सटीक वार, ऑपरेशन सिंदूर में भारत का ‘त्रिशूल प्रहार’

भारत ने आतंकवाद के खिलाफ अपनी सैन्य रणनीति का ऐसा रूप दिखाया है, जिसकी मिसाल पहले कभी नहीं देखी गई। ऑपरेशन सिंदूर के तहत पहली बार थल सेना, वायुसेना और नौसेना ने एकजुट होकर पाकिस्तान और पीओके में मौजूद 9 आतंकवादी ठिकानों को एक ही रात में निशाना बनाया। यह था भारत का ‘त्रिशूल प्रहार’, जिसमें जैश-ए-मोहम्मद, लश्कर-ए-तैयबा और हिज्बुल जैसे आतंकी संगठनों के कैंप ध्वस्त कर दिए गए। इस साहसिक मिशन में आधुनिक हथियारों और तकनीक का इस्तेमाल करते हुए 90 से ज़्यादा आतंकियों को ढेर किया गया।

यह हमला 2019 की बालाकोट एयरस्ट्राइक के बाद भारत की सबसे निर्णायक और विस्तृत कार्रवाई मानी जा रही है। सेना का यह ऑपरेशन 22 अप्रैल को पहलगाम में हुए आतंकी हमले के जवाब में किया गया, जिसमें 26 नागरिकों की जान गई थी। हमले के पीछे पाकिस्तान आधारित आतंकी संगठन लश्कर-ए-तैयबा का हाथ था। हमले की जिम्मेदारी लश्कर के मुखौटा संगठन द रेजिस्टेंस फ्रंट ने ली थी।

इन हथियारों का इस्तेमाल
ऑपरेशन सिंदूर में भारत ने आधुनिक और दूरमार शक्तिशाली हथियारों का इस्तेमाल किया। जिसमें SCALP क्रूज मिसाइल, हैमर बम, लोइटरिंग म्यूनिशन और राफेल लड़ाकू विमानों का इस्तेमाल किया गया। स्कैल्प मिसाइल 250 किमी से अधिक दूरी तक सटीक हमले में सक्षम यह मिसाइल गहरे दुश्मन ठिकानों को ध्वस्त करने के लिए लॉन्च की गई। हैमर स्मार्ट बम मजबूत इमारतों और बंकरों को नेस्तनाबूद करने में सक्षम है। इसकी मारक क्षमता 50 से 70 किलोमीटर तक है। वहीं, लोइटरिंग म्यूनिश आत्मघाती ड्रोन हैं, जो दुश्मन क्षेत्र में घूमते हुए लक्ष्य की पहचान कर आत्मघाती हमले करते हैं। इनका इस्तेमाल निगरानी और आखिरी वार में किया गया।

भारत का सटीक प्रहार
भारत ने इस सटीक हमले में कुल 9 आतंकी ठिकानों को निशाना बनाया — जिनमें 4 पाकिस्तान के अंदर और 5 पीओके में स्थित थे। रक्षा मंत्रालय ने स्पष्ट किया कि पाकिस्तानी सेना के किसी भी ठिकाने को निशाना नहीं बनाया गया, बल्कि वे सभी स्थान चुने गए जहां आतंकवादी संगठनों की गतिविधियां प्रमाणित थीं।

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