पूर्व विधानसभा अध्यक्ष धरमलाल कौशिक ने तत्कालिन सरकार के चलते अरपा भैंसझार परियोजना के नहर निर्माण में हुए अनियमितता के दोषियों का किया पर्दाफाश…..कहा – अरपा भैंसाझार परियोजना में अनियमितता के कारण जिन लोगों के साथ अन्याय हो रहा था उन्हें अब न्याय मिलेगा

रायपुर–पूर्व विधानसभा अध्यक्ष धरमलाल कौशिक ने तत्कालिन सरकार के चलते अरपा भैंसाझार परियोजना में हुए अनियमितता पर सवाल उठाया है और दोषियों का पर्दाफाश करवाया है। श्री कौशिक ने विधानसभा परिसर में पत्रकारों से चर्चा करते हुए कहा कि अरपा भैंसाझार परियोजना के निर्माण नहरों में जो अनियमितता हुई है इस पर राजस्व मंत्री जी से पिछले सत्र में भी व इस सत्र में भी प्रश्नकाल के दौरान सवाल पुछा गया है। उन्होंने कहा कि इस परियोजना में भारी अनियमितता पायी गई है और इस बात को राजस्व मंत्री द्वारा स्वीकार भी किया गया है कि जिनके जमीन अधिग्रहण किये गए उसमें नहर का निर्माण नहीं हुआ और जिनके जमीनों का अधिग्रहण नहीं किया गया उनके जमीन में नहरों का निर्माण हुआ है इसकी जांच कमेंटी भी बनी और बिलासपुर कलेक्टर के द्वारा इसकी 6 सदस्यों की जांच कमेटी बनाई गयी और जांच कमेटी बनने के बाद में अंतिम जांच प्रतिवेद दिनांक 23/02/2023 को प्रस्तुत किया गया जिसमें 10 खसरे कुल रकबा 3.42 एकड़ नहर निर्माण में नहीं पाया गया और इसमें 10 करोड़ 68 लाख रू से अधिक का भुगतान किया गया है। श्री कौशिक ने कहा कि इस पुरे जांच में जो अनियमितता पायी गई और जो अधिकारी दोषी पाए गए है।

राजस्व मंत्री टंक राम वर्मा द्वारा जवाब में बताया कि इस अनियमितता में दोषी अधिकारी/कर्मचारी श्री आर.एस नायडू एवं अशोक कुमार तिवारी, तत्कालीन कार्यपालन अभियंता जल संसाधन संभाग कोटा, आर के राजपूत, उप अभियंता, जल संसाधन विभाग, आर.पी द्विवेदी, तत्कालीन अनुविभागीय अधिकारी, जल संसाधन अनुभाग तखतपुर, मोहर साय सिदार,तत्कालीन अतिरिक्त तहसीलदार सकरी, कीर्ति सिंंह राठौर एवं आंनदरूप् तिवारी, तात्कालीन अनुविभागीय अधिकारी एवं भू अर्जन अधिकारी कोटा राहुल सिंहख् राजस्व निरिक्षक दिलशाह अहमद एवं मुकेश कुमार साहू, तत्कालीन पटवारी सकरी है। जिन पर अभी कर्यावाही चल रही है। श्री कौशिक ने कहा कि हम इस अनियमितता के मामले को लेकर लगतार जो सवाल उठा रहें थे उसका आज अंतिम जांच प्रतिवेदन प्रस्तुत हो गया है और दोषियों का पर्दाफाश हो चुका ह अब जिनके साथ अन्याय हो रहा है उन्हें अब न्याय मिलेगा। कुल 10 दोषी आधिकारियों के खिलाफ कार्यवाही प्रक्रियाधीन है।

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