चार सौ बीसी के आरोपियो का जलवा,थाने के सवेंदना कक्ष में कैसे आराम फरमा रहे,देखिए वीडियो
बिलासपुर-अपराध के बाद आरोपियो को सलाखों में पीछे डालने की परंपरा को लगता है अब बिलासपुर की पुलिस खत्म कर दी।हम इस लिए कह रहे कि एक ऐसा ही मामला सामने आया जहाँ पर आरोपियो का पूरा ख्याल रखा जा रहा है।और उन आरोपियो को किसी भी प्रकार की कोई तकलीफ ना हो इसके लिए बाकायदा उनके लिए सारी सुविधाएं उपलब्ध करा दी गई।
आपको बताते चले बिलासपुर के सिटी कोतवाली पुलिस ने बुधवार को चार सौ बीसी के मामले में रायपुर के बंटी बबली नाम आरोपीः- (1) नवनीत नंदे उर्फ नवनीत नंदा पिता सतीष कुमार, उम्र 38 वर्ष, सा.गैरेज संचालन फ्लेट नं.-403, चैथी मंजिल श्रीराम हाईट्स, अवंतिविहार रायपुर, थाना तेलीबांधा, जिला रायपुर(छ.ग.)
(2) प्रियंका नंदे उर्फ प्रियंका नंदा उर्फ प्रियंका शुक्ला पति नवनीत नंदा, उम्र 40 वर्ष, सा.403श्रीराम हाईट्स, अवंति विहार रायपुर थाना तेलीबांधा, जिला रायपुर(छ.ग.) को कोतवाली पुलिस की एक टीम ने ग्रिफ्तार कर थाना लाया गया और मामले में समझौता हो जाय इसलिए दिनभर का समय लग गया और आनन फानन में जिला कोर्ट ले जाया गया लेकिन वहाँ पर लेट होने के कारण कोर्ट बन्द होने का समय हो गया जिसके कारण उनको वापस थाना लाया गया।थाना वापस लाने के बाद उनको थाना के लॉकअप में रखने के बजाय आरोपी नवनीत नंदे को उसकी पत्नी दोनो को एक साथ महिला सवेंदना कक्ष में रखा गया।
रखने के बाद वहां पर बाकायदा थाना स्टाफ उनकी खतिर दारी में लगी रही।ये इसलिए कह रहे कि आरोपियो को बाकायदा सोने के लिए बिस्तर दिया गया और दोनो एक साथ एक ही बिस्तर में साथ साथ सो रहे थे।उनके पास उनका मोबाइल फोन भी हाथ मे था।और ड्यूटी में लगी एक माहिला स्टाफ अंदर कमरे में आराम फरमा रही थी।और बाहर एक पुलिस कर्मी ड्यूटी में खड़ा था।हमने जब दरवाजा खोला तो दोनो आरोपी उठ कर अंदर कमरे में घुस गए और अपने आप को आरोपी नही होने की बात कहते हुए कोई मामला नही है और हमारा समझौता हो गया है।ऐसी बाते कहने लगा।वही इस हलचल में ड्यूटी में तैनात महिला कर्मचारी और जवान दोनो हरकत में आ गए और हमको वीडियो और फुटेज नही बनाने की बात कहते हुए थाना प्रभारी से बात करने के लिए बोलने लगे। और आप देख सकते है कि थाना के अंदर अपराधियों के लिए बने लॉकअप का दरवाजा खुला है और अंदर कोई नही है।वही इस पूरे घटनाक्रम में यह तो स्पष्ट होता है कि कैसे आरोपियो को वीआईपी ट्रीटमेन्ट दिया जा रहा है।ऐसा भी नही की इस वीआईपी ट्रीटमेन्ट के बारे में थाना प्रभारी को जानकारी नही होगी।
इस मामले को जानने के लिए थाना प्रभारी के सरकारी नम्बर में कॉल किया गया लेकिन रिसीव नही हुआ।वही जब कॉल रिसीव नही हुआ तो सीएसपी कोतवाली स्नेहिल साहू मैडम को कॉल करके इसकी जानाकरी ली गई तो उनका कहना था कि मुझे जानाकरी नही है और मैं इसे दिखवती हु।