पुलिस की बड़ी कार्रवाई…..निवेश के नाम पर ठगी करने वाले गिरोह के चार सदस्य गिरफ्तार…..सॉफ्टवेयर इंजीनियर निकला मास्टरमाइंड…..

बिलासपुर–साइबर ठगी के मामले में बिलासपुर पुलिस ने बड़ी सफलता हासिल की है। ऑनलाइन निवेश के नाम पर 59 लाख से अधिक की ठगी करने वाले गिरोह के चार सदस्यों को पुलिस ने मध्यप्रदेश के इंदौर से गिरफ्तार किया है। पकड़े गए आरोपियों में मुख्य साजिशकर्ता सॉफ्टवेयर इंजीनियर है, जिसने एनआईआईटी दिल्ली से पढ़ाई की है। पुलिस ने आरोपियों से 4 मोबाइल फोन, 7 एटीएम कार्ड, एक यूपीआई कार्ड, 2 पैन कार्ड, चेकबुक और 2 पासबुक जब्त किए हैं।

आईजी डॉ. संजीव शुक्ला और एसएसपी रजनेश सिंह के निर्देशन में चलाए जा रहे साइबर क्राइम विरोधी अभियान के तहत यह कार्रवाई की गई। मामला तब उजागर हुआ जब पीड़िता अल्पना जैन ने सिविल लाइन थाने में शिकायत दर्ज कराई। उन्होंने बताया कि आरोपियों ने उन्हें डिमेट अकाउंट और ऑनलाइन ट्रेडिंग में मुनाफा दिलाने का झांसा देकर अलग-अलग बैंक खातों में कुल 59,87,994 रुपये जमा कराए और रकम हड़प ली।

तीन दिन तक दबिश के बाद हुई गिरफ्तारी

रेंज साइबर थाना बिलासपुर के निरीक्षक रविशंकर तिवारी की अगुवाई में गठित विशेष टीम ने महू (जिला इंदौर) में लगातार दबिश देकर ललित कुमार, अर्पित साल्वे, कमलजीत सिंह चौहान और रोहित निशाद को गिरफ्तार किया। पूछताछ में आरोपियों ने बताया कि वे “गणेषम सिक्यूरिटी” नामक फर्जी एजेंसी के जरिए लोगों को निवेश का झांसा देते थे। सोने में निवेश और फर्जी लाभांश दिखाकर लोगों से लगातार रकम बटोरते रहे।

फर्जी वेबसाइट और एप बना कर करते थे ठगी

मुख्य आरोपी ललित कुमार ऑनलाइन शॉपिंग साइट पर मैनेजर था और तकनीकी जानकारी का इस्तेमाल कर अपने साथियों के साथ फर्जी वेबसाइट व एप तैयार करता था। ठगी से मिली रकम निकालने के लिए आरोपी कमिशन पर बैंक खातों का इस्तेमाल करते थे। ठगी में उपयोग किए गए अधिकांश मोबाइल नंबर और एटीएम कार्ड काम खत्म होने के बाद नष्ट कर दिए जाते थे।

सभी आरोपियों को पुलिस ने ट्रांजिट रिमांड में बिलासपुर लाकर न्यायिक अभिरक्षा में भेज दिया है।

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