महामाया देवी मंदिर ट्रस्ट के बैंक खाते से फर्जी तरीके से 6 चेक से 27 लाख 19 हज़ार 626 रुपए पार
रतनपुर -घार्मिक नगरी रतनपुर के सिद्ध शक्तिपीठ श्री महामाया देवी मंदिर ट्रस्ट के बैंक खाते से फर्जी तरीके से भारी भरकम राशि निकाल लिए जाने की खबर है। सिद्ध शक्तिपीठ श्री महामाया देवी मंदिर ट्रस्ट का भारतीय स्टेट बैंक रतनपुर शाखा में चालू खाता संख्या 0 0 0 0 00 33 70023 4020 संचालित है। अध्यक्ष और मैनेजिंग ट्रस्टी के संयुक्त हस्ताक्षर से ही यहां खाते से भुगतान और आहरण होता है। लेकिन 16 मार्च को बैंक खाता के स्टेटमेंट का मिलान करने पर पता चला कि इस खाते से फर्जी तरीके से छह बार राशि आहरित की गई है और यह राशि छोटी मोटी नहीं बल्कि 27 लाख 19 हज़ार 626 रुपए है । यह सभी राशि चेक द्वारा क्लीयरिंग हुई है जबकि चेक कभी मंदिर ट्रस्ट द्वारा जारी ही नहीं किए गए और ना ही अध्यक्ष और मैनेजिंग ट्रस्टी ने हस्ताक्षर किए। इसलिए इसकी शिकायत रतनपुर थाने में की गई है। चूंकि मामला बैंक से जुड़ा हुआ है इसलिए पुलिस बैंक अधिकारियों से संपर्क कर रही है। पता चला है कि जिन चेक नंबर से भुगतान हुआ है उनके सभी मूल चेक बिना उपयोग के अभी भी मंदिर ट्रस्ट के पास सुरक्षित है। अर्थात ट्रस्ट को जारी चेक संख्या के ही डुप्लीकेट चेक से राशि निकाली गई है। खास बात यह है कि यह सारे आहरण भोपाल से किए गए हैं। फर्जी तरीके से 26 फरवरी 2021 को ₹3,15000, 2 मार्च को ₹4,51000, 6 मार्च को ₹463000 6 मार्च को ही ₹4,95000, 10 मार्च को ₹4,98366 और इसी तारीख पर 4,97260 रुपए निकाले गए। इस तरह से फर्जी तरीके से कुल 27,19,626 रुपए जालसाजी कर निकाले गए हैं। पुलिस का कहना है कि यह सारे अपराध भोपाल में हुए हैं इसलिए नियमानुसार संबंधित बैंक को इसकी शिकायत भोपाल में करनी चाहिए । एक विकल्प और है कि रतनपुर पुलिस शून्य में मामला दायर कर संबंधित थाने को भेजें। वैसे फिलहाल रतनपुर मंदिर ट्रस्ट प्रबंध न्यासी ने इसकी शिकायत भर की है एफ आई आर दर्ज नहीं कराया है।
यह 6 चेक जिनमें से बैंक ऑफ इंडिया से 4 और कोऑपरेटिव बैंक से दो चेक भोपाल शाखा से क्लियर हुए हैं। एडवर्ड शर्मा और मुंडू नामक युवक के नाम से चेक जारी किए गए थे। रतनपुर ट्रस्ट के द्वारा अपने चेक पर हिंदी में साइन किया जाता है जबकि इस बार साइन इंग्लिश में थे ।इसके बावजूद बैंक वालों से यह गलती हो गई कि उन्होंने दस्तखत मिलाए बगैर भुगतान कर दिया। एक बात और यह है कि इन दोनों खातों में रकम आने के बाद इन खातों से भी वह रकम किसी अन्य खातों में ट्रांसफर कर दी गई है जिसका पता अब पुलिस को लगाना है। वर्तमान समय में रतनपुर पुलिस का कहना यह है कि फ्रॉड भोपाल में हुआ है और बैंक वालों को भोपाल में शिकायत दर्ज करानी चाहिए फिर भी यदि रतनपुर में शिकायत दर्ज कराना चाहते हैं तो रतनपुर पुलिस थाने में मामला दर्ज कर भोपाल रिफर कर देगी लेकिन इसके लिए बैंक प्रबंधक और ट्रस्ट वालों को पूरी विधिवत जानकारी मुहैया करानी होगी, जिसके बाद शिकायत दर्ज की जा सकती है। मंदिर में दान और अन्य साधनों से श्रद्धालु धन आपूर्ति कर आते हैं लेकिन यही धन किसी जालसाज ने फर्जी तरीके से उड़ा दिए हैं। इससे लोगों की आस्था पर भी विपरीत प्रभाव पड़ेगा ।मामला संवेदनशील है इसलिए पुलिस भी फूंक-फूंक कर कदम उठा रही है। बहुत मुमकिन है कि इस जालसाजी में बैंक से संबंधित कोई कर्मचारी या फिर ट्रस्ट के भी किसी कर्मचारी की भूमिका हो क्योंकि बैंक से जो चेक नंबर ट्रस्ट को जारी किए थे आखिर उसी नंबर के चेक फ्रॉड तक कैसे पहुंचे यह बड़ा सवाल है।