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मध्यप्रदेश से लाई जा रही अवैध देशी शराब….ग्रामीण क्षेत्र अवैध शराब का बना गढ़…..राजस्व का हो रहा बड़ा नुकसान….प्रभारी आबकारी अधिकारी और इनका अमला बेखबर….आबकारी विभाग के नाक नीचे पनप रहा अवैध शराब का कारोबार…पढ़िए पूरी खबर…..
बिलासपुर–छत्तीसगढ़ की न्यायधानी बिलासपुर में इन दिनों अवैध शराब कारोबार का गढ़ बनता जा रहा है।अवैध रूप से संचालित इस नशे के कारोबार करने वाले शराब तस्कर व्यापक रूप से शराब के अवैध कारोबार को बखूबी बेधड़क अपने काले कारनामे को अंजाम दे रहे है।इसके बाद भी आबकारी अमले को इसकी भनक तक नहीं है।बिलासपुर जिले में अलग अलग राज्यों से अंग्रेजी शराब हो या फिर देशी शराब बड़ी मात्रा में लाकर खपाई जा जा रही है।इसके बाद भी यहां की आबकारी टीम इन अवैध कारोबारियों की जानकारी भी एकत्र कर पाने में सफल नहीं है।दीगर राज्यों से कम कीमत में बड़ी आसानी से शराब लाकर खपाया जा रहा है।अवैध रूप से लाई जा रही शराब के कारण शासन को राजस्व का भारी नुकसान उठाना पड़ रहा है।आपको बताते चले कि बिलासपुर शहर में सरकारी दुकानों में अंग्रेजी शराब प्रीमियर रेंज में आने वाली बोतल के दाम और दीगर राज्यों में मिलने वाली अंग्रेजी प्रीमियम शराब में काफी अंतर है।जिसके कारण दीगर राज्य से बड़ी मात्रा में शराब यहां पर लाकर खपाया जा रहा है।शराब की बोतलों में दाम के काफी अंतर होने के कारण तस्कर को अच्छी खासी कमाई मिल रही है।ये तस्कर बड़ी मात्रा में आर्डर के साथ अपने काम को अंजाम दे रहे है।
देशी शराब और ग्रामीण क्षेत्र
शराब तस्कर शहर के साथ साथ ग्रामीण क्षेत्रों में भी अपने पैर पसार चुके है।ग्रामीण क्षेत्रों में भी दीगर राज्यों की बड़ी मात्रा में देशी शराब को खपाया जा रहा है।सूत्र बताते है कि बिलासपुर के तखतपुर क्षेत्र में इन दिनों मध्यप्रदेश की शराब बड़ी मात्रा में लाई जा रही है,और खपाया जा रहा है।नशे के इस अवैध कारोबार पर किसी तरह का कोई अंकुश नहीं लगने के कारण अवैध शराब का धंधा बड़े जोरो पर है।ग्रामीण इलाकों में जहां पर आसानी से देशी शराब लाई जा रही है।उस हिसाब से आप समझ सकते है कि यहां का आबकारी अमला किस तरह से अपनी ड्यूटी कर रहा है।आबकारी विभाग के उच्च पदों में बैठे अधिकारी सिर्फ अपने दफ्तर में बैठ कर समय को पास करते हुए नजर आते है।वह समय से आते है और समय से चले जाते है।
राजस्व का नुकसान
भले जिले का आबकारी विभाग लाख दावे कर ले की उनके जिले में राजस्व को कोई नुकसान नहीं हो रहा है।लेकिन राजस्व में भी कोई बढ़ोतरी भी नहीं हो पाई है।जिस हिसाब से शराब खपाई जा रही है।उससे तो लगता है कि शासन को राजस्व का काफी नुकसान उठाना पड़ रहा है।
चुनाव में खपाई गई देशी शराब
आबकारी विभाग लाख दावे कर ले दीगर प्रांत की शराब का अवैध कारोबार यहां संचालित नहीं हो रहा है।लेकिन इनके दावे पूरी तरह से खोखले साबित हो रहे है।तखतपुर नगर पालिका में चुनाव के दौरान जमकर मध्य प्रदेश की देशी शराब बड़े पैमाने में लाई गई और चुनाव में बांटी गई।नगर पालिका चुनाव में अवैध शराब का कारोबार करने वाले से सीधे संपर्क साध कर बड़ी मात्रा मे मतदाताओं को अपने पक्ष में रिझाने के लिए शराब मंगाई गई।यही नहीं देश की एक बड़ी राजनीतिक पार्टी के उम्मीदवारों ने अपने चुनाव में मध्य प्रदेश की देशी शराब को मंगा कर इस चुनाव के लिए खपाया गया।
इस मामले को लेकर तखतपुर आबकारी इंचार्ज कल्पना राठौर मैडम ने बताया कि राजस्व को लेकर जानकारी नहीं है।वही अभी तक ऐसी सूचना नहीं मिली है और नाही पुलिस विभाग और आबकारी विभाग ने कोई कार्रवाई की है।इसलिए इस क्षेत्र में दीगर राज्य की शराब नहीं बिक रही है।
बहरहाल इस अवैध कारोबार से आबकारी विभाग भले ही अपने आप को किनारा करते हुए बचने का प्रयास कर रहा है।पर इस क्षेत्र में मध्य प्रदेश से लाई जा रही शराब की खपत को देखते हुए बड़े पैमाने में यहां पर इसकी खपत की जा रही है।खपत के दौरान इस क्षेत्र में खाली सीसी बड़े पैमाने पर बहुत ही आसानी से देखने को मिल रही है।