सुखाधिकार में जिसे अपनी जमीन से रास्ता दिया वही दीवार बना कर घर में कैद किया, हाईकोर्ट का आदेश एसडीएम 7 दिन में कब्जा हटाएं
बिलासपुर। सुखाचार अधिकार के तहत जिसे आने जाने के लिए अपनी जमीन से रास्ता दिया उसी ने बाद में घर के सामने दीवार बनाकर घर और जमीन में कब्जा करने की कोशिश की। इसके खिलाफ हाईकोर्ट में याचिका दायर होने पर हाईकोर्ट ने एसडीएम मरवाही को आदेश दिया है कि वे 7 दिन के भीतर दीवार तोड़कर कब्जा हटाएं। इसके लिए अगर बल प्रयोग करने की जरूरत पड़े तो बल प्रयोग करें। मामले की सुनवाई न्यायाधीश गौतम भादुड़ी की एकलपीठ में हुई।
मरवाही की रहने वाली चंद्रलता राय ने हाईकोर्ट में अधिवक्ता राहिल अरुण कोचर और रेणु कोचर के माध्यम से याचिका दायर की। इसमें बताया कि उनके घर के पास मो. नियामुद्दुल शेख, मो. सलीम शेख, मो. युसुफ शेख का मकान, लेकिन उनके पास रास्ता नहीं था। तब एसडीएम ने 1995 में याचिकाकर्ता की जमीन से मुख्य मार्ग में आने के लिए रास्ता दिया। यह रास्ता सुखाचार अधिकार में तब तक के लिए दिया जब तक कि उनके पास खुद का रास्ता न हो जाए। बाद में प्रतिवादियों ने याचिकाकर्ता पर दबाव बनाने लगे। अपने परिवार की बढ़ी हुई संख्या का धौंस दिखाकर जमीन पर कब्जा करने लगे। हालात यह हो गया कि याचिकाकर्ता की जमीन पर और घर के सामने दीवार बनाकर याचिकाकर्ता को घर में कैद कर दिया है। मामले की सुनवाई के दौरान जब यह तथ्य सामने आए और हाईकोर्ट ने जब याचिकाकर्ता के घर के सामने की तस्वीरें देखी तो मामले गंभीर बताते हुए एसडीएम मरवाही को आदेश दिया कि वे 7 दिन में दीवार हटाने की कार्रवाई करें। साथ ही कब्जा करने वालों को नोटिस जारी कर जवाब तलब किया है।